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किसानों के खेतों में जा रहा फैक्ट्री का 'जहर', शिकायत पर मिल रही जान से मारने की धमकी

प्रशासन द्वारा किसानों के हित में कई योजनाएं लाई जाती हैं. किसानों को खेती के लिए तमाम तरह की सामग्री पर सब्सिडी दी जाती है, लेकिन किसानों की हकीकत कुछ और ही बताती है.

पैकेजिंग फैक्ट्री से खेतों में छोड़ा जा रहा है गंदा पानी.
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Published : Jul 23, 2019, 5:38 PM IST

उधम सिंह नगर: जिले के जाफरपुर में मेघदूत पैकेजिंग फैक्ट्री का केमिकल युक्त गंदा पानी खेतों में छोड़ा जा रहा है. इससे फैक्ट्री के आस-पास के जमीन पर किसी प्रकार की फसल नहीं हो पा रही है. इसको लेकर किसान काफी लंबे समय से संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों से फैक्ट्री द्वारा निकाले जा रहे हैं केमिकल को बंद करने की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन किसानों की समस्या पर कोई अधिकारी ठोस कदम नहीं उठा रहा है. किसानों का आरोप है कि उनकी समस्या पर केवल खानापूर्ति के लिए जांच की जाती है.

पैकेजिंग फैक्ट्री से खेतों में छोड़ा जा रहा है गंदा पानी.

किसान मेघदूत पैकेजिंग फैक्ट्री द्वारा खेतों में गंदा पानी छोड़े जाने से परेशान रहते हैं. किसानों का कहना है कि यह समय धान लगाने का है, लेकिन खेतों में गंदा पानी भरा होने से उन्हें खेती की चिंता सताने लगी है. साथ ही कहा कि खेतों में काला पानी होने से मजदूर और किसान धान की बुआई करने से कतरा रहे हैं.

इस समस्या को लेकर किसान उच्च अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अधिकारियों द्वारा सिर्फ जांच के नाम पर खानापूर्ति हो रही है. किसानों का कहना है कि फैक्ट्री के प्रबंधक ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी.

उधम सिंह नगर: जिले के जाफरपुर में मेघदूत पैकेजिंग फैक्ट्री का केमिकल युक्त गंदा पानी खेतों में छोड़ा जा रहा है. इससे फैक्ट्री के आस-पास के जमीन पर किसी प्रकार की फसल नहीं हो पा रही है. इसको लेकर किसान काफी लंबे समय से संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों से फैक्ट्री द्वारा निकाले जा रहे हैं केमिकल को बंद करने की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन किसानों की समस्या पर कोई अधिकारी ठोस कदम नहीं उठा रहा है. किसानों का आरोप है कि उनकी समस्या पर केवल खानापूर्ति के लिए जांच की जाती है.

पैकेजिंग फैक्ट्री से खेतों में छोड़ा जा रहा है गंदा पानी.

किसान मेघदूत पैकेजिंग फैक्ट्री द्वारा खेतों में गंदा पानी छोड़े जाने से परेशान रहते हैं. किसानों का कहना है कि यह समय धान लगाने का है, लेकिन खेतों में गंदा पानी भरा होने से उन्हें खेती की चिंता सताने लगी है. साथ ही कहा कि खेतों में काला पानी होने से मजदूर और किसान धान की बुआई करने से कतरा रहे हैं.

इस समस्या को लेकर किसान उच्च अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अधिकारियों द्वारा सिर्फ जांच के नाम पर खानापूर्ति हो रही है. किसानों का कहना है कि फैक्ट्री के प्रबंधक ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी.

Intro:एंकर - जाफरपुर स्थित एक फैक्ट्री से केमिकल युक्त गंदे पानी खेत में आने से हो रहा हैं फसल का नुक़सानBody:यूं तो शासन प्रशासन के द्वारा किसानों की हित में लंबी चौड़ी बातें रहते हैं किसानों खेती के लिए तमाम तरह के अरबों रुपए के किसानों से संबंधित सामग्री पर सब्सिडी आदि देते हैं पर किसानों की हित की बात करने वालो की हकीकत उस वक्त देखने को मिला जब उधम सिंह नगर जिले के जाफरपुर में मेघदूत पैकेजिंग फैक्ट्री के द्वारा केमिकल युक्त गंदे पानी किसानों के खेतों में छोड़ा जा रहा है जिससे फैक्ट्री के आसपास के किसी भूमि में किसी भी प्रकार का फसल नहीं हो पा रहा है जिसको लेकर आसपास के किसान काफी लंबे समय से संबंधित एरिया के अधिकारियों से फैक्ट्री द्वारा निकाले जा रहे हैं केमिकल को बंद करने की गुहार लंबे समय से लगाते आ रहे हैं पर कोई अधिकारी जांच करने के अलावा कोई कठोर कदम व कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं केवल खानापूर्ति के लिए जांच पर जांच किए जा रहे हैं आपको बता दें मेघदूत पैकेजिंग फैक्ट्री में गत्ता व पैकेजिंग का कार्य होता है जिसमें बहुत सारे पानी की आवश्यकता होती है इस दरमियान उक्त पानी में कई प्रकार के केमिकल घुल जाता है गंदे पानी को फैक्ट्री के आस-पास किसानों के खेतों में छोड़ दिया जाता है फैक्ट्री के बाउंड्री के पास रामस्वरूप मुटरेजा के 3:50 (साड़े तीन एकड़) एकड़ कृषि भूमि है धान लगाने का समय है खेतों में पानी भरने के बाद रामस्वरूप हक्के बक्के रह गए पानी निराह काला। पानी को काला रंग देखकर रामस्वरूप के जमीन में धान की बुवाई के लिए मजदूरी नहीं मिल रहा हैं जिसको लेकर रामस्वरूप के परिवार उच्च अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उच्च अधिकारियों द्वारा सिर्फ जांच के नाम पर रामस्वरूप को घुमाया जा रहा है इस बाबत हमारे संवाददाता द्वारा मेघदूत पैकेजिंग फैक्ट्री प्रबंधक से जानकारी लेना चाहा पर फैक्ट्री के प्रबंधक ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया बताया जा रहा है कि व्यक्ति प्रबंधक की ऊंची फौज है जिसके चलते गरीब किसान की आवाज को दबाया जा रहा है इस दौरान रामस्वरूप के परिजनों का कहना है कि फैक्ट्री के प्रबंधकों के द्वारा उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है अब जब शासन प्रशासन हमेशा से किसानों की हित की बात करती है तो अब किसान रामस्वरूप के आवाज को जांच के नाम पर क्यों दबाया जा रहा हैConclusion:अब देखना ये होगा कि कब किसान रामस्वरूप को न्याय कब तक मिल पाती है ये तो आने वाला वक्त बताएगा

बाइट अनिल मुटने जा रामस्वरूप के जेष्ठ पुत्र
बाइट नरेश तपाली पूर्व ग्राम प्रधान
वाइट मुक्ता मिश्रा एसटीएम रुद्रपुर
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