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गजबः रोडवेज बसों में सीट बेल्ट नहीं, कैसे हो एमबी एक्ट का पालन, जिम्मेदार दे रहे ये दलील

परिवहन विभाग के नए कानून शायद रोडवेज की बसों में लागू नही होते तभी सड़क में धड़ले से चल रही बसों में चालक बिना सीट बेल्ट लगाए ही बसों को दौड़ा रहे है. हैरत की बात तो यह है कि रूद्रपुर बस डिपो से संचालित बसों में सीट बेल्ट ही नही है.

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Published : Sep 18, 2019, 8:35 PM IST

Updated : Sep 18, 2019, 9:27 PM IST

रोडवेज बसों में सीट बेल्ट नहीं

रुद्रपुर: केंद्र सरकार ने सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए एमबी एक्ट में जुर्माने की धनराशि को बढ़ाया है. बावजूद इसके परिवहन विभाग सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. रोडवेज की बसों में चालक बिना सीट बेल्ट के ही बसों को सड़कों में दौड़ा रहे हैं और वहीं नियमों के रखवाले आंखे मुद्दे बैठे हैं.

बता दे कि केंद्र सरकार ने यातायात नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ एक सितंबर से एमबी एक्ट में परिवर्तन करते हुए जुर्माने के धनराशि को बड़ा दिया था. जिसके बाद से आम पब्लिक अपने वाहनों को दुरुस्त करने में जुटी हुई है. सुबह से ही आरटीओ दफ्तर हो या फिर प्रदूषण केंद्र में लोगों का तांता लगा रहता है. लेकिन इस सब के बीच परिवहन विभाग द्वारा सड़कों पर दौड़ाई जा रही बसों के लिए कोई भी यातायात नियम मायने नहीं रखते हैं.

गजबः रोडवेज बसों में सीट बेल्ट नहीं, कैसे हो एमबी एक्ट का पालन, जिम्मेदार दे रहे ये दलील
ईटीवी भारत की टीम ने जब रोडवेज की बसों की पड़ताल की तो बड़ी खामियां देखने को मिलीं. बस चालक बिना सीट बेल्ट पहने ही बस चला रहे थे.

रुद्रपुर डिप्पो से बिना सीट बेल्ट के 51 रोडवेज बसों का संचालन किया जा रहा है. चालकों से जब इस बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि बसों में कई सालों से सीट बेल्ट नहीं है. जबकि विभाग को इस बात की जानकारी है. फिर भी विभाग कोई सुध नहीं ले रहा है.वहीं एआरएम ने बताया कि नई बसों में सीट बेल्ट लगी है, लेकिन पुरानी बसों में सीट बेल्ट मौजूद नहीं है. ऐसी बसों को चिह्नित करते हुए शासन को प्रस्ताव बना कर भेजा जा रहा है.

रुद्रपुर: केंद्र सरकार ने सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए एमबी एक्ट में जुर्माने की धनराशि को बढ़ाया है. बावजूद इसके परिवहन विभाग सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. रोडवेज की बसों में चालक बिना सीट बेल्ट के ही बसों को सड़कों में दौड़ा रहे हैं और वहीं नियमों के रखवाले आंखे मुद्दे बैठे हैं.

बता दे कि केंद्र सरकार ने यातायात नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ एक सितंबर से एमबी एक्ट में परिवर्तन करते हुए जुर्माने के धनराशि को बड़ा दिया था. जिसके बाद से आम पब्लिक अपने वाहनों को दुरुस्त करने में जुटी हुई है. सुबह से ही आरटीओ दफ्तर हो या फिर प्रदूषण केंद्र में लोगों का तांता लगा रहता है. लेकिन इस सब के बीच परिवहन विभाग द्वारा सड़कों पर दौड़ाई जा रही बसों के लिए कोई भी यातायात नियम मायने नहीं रखते हैं.

गजबः रोडवेज बसों में सीट बेल्ट नहीं, कैसे हो एमबी एक्ट का पालन, जिम्मेदार दे रहे ये दलील
ईटीवी भारत की टीम ने जब रोडवेज की बसों की पड़ताल की तो बड़ी खामियां देखने को मिलीं. बस चालक बिना सीट बेल्ट पहने ही बस चला रहे थे.

रुद्रपुर डिप्पो से बिना सीट बेल्ट के 51 रोडवेज बसों का संचालन किया जा रहा है. चालकों से जब इस बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि बसों में कई सालों से सीट बेल्ट नहीं है. जबकि विभाग को इस बात की जानकारी है. फिर भी विभाग कोई सुध नहीं ले रहा है.वहीं एआरएम ने बताया कि नई बसों में सीट बेल्ट लगी है, लेकिन पुरानी बसों में सीट बेल्ट मौजूद नहीं है. ऐसी बसों को चिह्नित करते हुए शासन को प्रस्ताव बना कर भेजा जा रहा है.

Intro:summry - भारत सरकार द्वारा सड़क हादसों में लगाम लगाने के लिए एमबी एक्ट में जुर्माने की धनराशि को बढ़ाने के बाद भी परिवहन विभाग सुधरने का नाम नही ले रहा है। रोडवेज की बसों में चालक बिना सीट बेल्ट के ही बसों को सड़कों में दौड़ा रहे है। लेकिन नियमो के रखवाले आँखे मुद्दे बैठा है। एंकर रुद्रपुर - परिवहन विभाग के नए कानून शायद रोडवेज की बसों में लागू नही होते तभी सड़क में धड़ले से चल रही बसों में चालक बिना सीट बेल्ट लगाए ही बसों को दौड़ा रहे है। हैरत की बात तो यह है कि रूद्रपुर बस डिपो से संचालित बसों में सीट बेल्ट ही मौजूद नही है।


Body:वीओ - भारत सरकार द्वारा यातायात के नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ 1 सितंबर से एमबी एक्ट में परिवर्तन करते हुए जुर्माने के धनराशियों को बड़ा दिया गया था। जिसके बाद से ही आम पब्लिक अपने वाहनों को दुरस्त करने में जुटे हुआ है। सुबह से ही आरटीओ दफ्तर हो या फिर प्रदूषण केंद्र में लोगो का ताता लगा हुआ है। लेकिन इस सब के बीच परिवहन विभाग द्वारा सड़को पर दौड़ाई जा रही बसों के लिए कोई भी यातायात नियम मायने नही रखते इटीवी भारत की टीम ने जब रोडवेज की बसों की पड़ताल की तो बड़ी खामियां सामने आई है। दरशल रोडवेज के चालको द्वारा यातायात के नियम के अनुसार चालक को वाहन चलाते हुए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य है जब टीम द्वारा पड़ताल की तो किसी भी चालक द्वारा सीट बेल्ट पहनी ही नही इसके पीछे जब चालक से बात चीत की तो पता चला कि बस में सीट बेल्ट ही मौजूद नही पड़ताल में चौकाने वाले तथ्य सामने आए है। रूद्रपुर डिप्पो से संचालित 51 रोडवेज के बसो में सीट बेल्ट ही मौजूद नही थी। चालको से जब टीम द्वारा इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि बसों में कई सालों से सीट बेल्ट मौजूद ही नही है। ऐसे में जब विभाग द्वारा सीट बेल्ट लगाई जाएगी तो उसका भी प्रयोग किया जाएगा। बरहाल बस इतनी पुरानी हो गयी है कि बस में सीट बेल्ट ही मौजूद नही है। वही कर्मचारी यूनियन के नेता का कहना है कि भारत सरकार के यातायात के नियम परिवहन विभाग में भी लागू है। लेकिन जब बस में सीट बेल्ट लगी ही नही तो चालक अपने पैसो से तो सीट बेल्ट नही लगाएगा। ये तो विभाग को सोचना चाहिए मौजूदा समय मे एक भी बस में सीट बेल्ट नही लगी है। जब इस बाबत एआरएम से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि नई बसों में सीट बेल्ट लगी है लेकिन पुरानी बसों में सीट बेल्ट मौजूद नही है। ऐसी बसों को चिह्नित करते हुए शासन को प्रस्ताव बना कर भेजा जा रहा है। बाइट - गजराज, रोडवेज बस चालक। बाइट - यूनियन नेता।


Conclusion:
Last Updated : Sep 18, 2019, 9:27 PM IST
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