काशीपुर: लॉकडाउन के बीच अस्थियां भी 'कैद' में हैं. दरअसल, अपनों के अंतिम संस्कार के बाद लोग गंगा में अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार नहीं जा पा रहे हैं. मान्यता के मुताबिक, लोग अस्थियां घर भी नहीं ले जा सकते. ऐसे में वे अपनों की शमशान घाट के लॉकर में रखवा रहे हैं. बताया जा रहा है कि लगभग तीन दर्जन से अधिक अस्थि कलश श्मशान घाट के लॉकर में रखे हुए हैं.
दरअसल, घातक महामारी कोरोना के चलते प्रदेशभर में लॉकडाउन है, जिसकी वजह से काशीपुर के श्मशान घाटों के अस्थिघर में करीब 45 अस्थि कलश रखे हुए हैं. मृतक के परिजनों को लॉकडाउन खुलने का इंतजार है, जिससे मृतक की अस्थियों को प्रवाहित कर सकें. वहीं, श्मशान घाट कमेटी के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन खुलने के बाद अस्थियों के विसर्जन की अनुमति मिलते ही, इन्हें उनके परिजनों को सुपुर्द कर दी जाएंगी.
ये भी पढ़ें: अनोखी शादी में पुलिस ने निभाया पिता का फर्ज, दुल्हन का किया कन्यादान
वहीं, अस्थि हाउस के केयर टेकर विकास शर्मा खुट्टू ने बताया, कि आमतौर पर मृतकों के परिजन दाह संस्कार के तीसरे दिन ही अस्थियां लेने आ जाते थे और अगले दिन अस्थियों का विसर्जन कर देते थे. लेकिन लॉकडाउन के चलते लोग इन्हें लेने नहीं आ पा रहे हैं, जिसके कारण उनके लॉकर भी फुल हो गए हैं. केयर टेकर ने बताया कि लॉकडाउन खत्म होते ही मृतकों की अस्थियां उनके परिजनों को सौंप दी जाएंगी, जिससे उनका विसर्जन हो सके.