रुद्रपुर: सहकारी पशु आहार निर्माणशाला रुद्रपुर (Pashu Aahar rudrapur) को पीपीपी मोड पर संचालित करने के फैसले को लेकर भारतीय मजदूर संघ (Bharatiya Mazdoor Sangh) विरोध में उतर आया है. जिसको लेकर वह सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) से मुलाकात कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि पीपीपी मोर्ड में अगर पशु आहार शाला को संचालित किया जाएगा तो संचालक की मोनोपॉली रहेगी. जिससे पशु पालकों और मजदूरों को नुकसान होगा.
रुद्रपुर स्थित पशु आहार निर्माण शाला को सरकार द्वारा पीपीपी मोड में चलाए जाने को लेकर खुद निर्माणशाला के कर्मचारी विरोध में उतरे हुए हैं. कर्मचारियों का कहना है कि सहकारिता का उद्देश्य अपने उत्पादों को कम दाम पर बेहतर सुविधा देना है. लेकिन पशु आहार निर्माण शाला को पीपीपी मोड में चलाने से पशुपालकों को भी नुकसान होगा. साथ ही फैक्ट्री में काम कर रहे कर्मचारियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने सहकारिता का मतलब बिचौलियों से बचा कर उत्पादकों तक बेहतर पशु आहार को उपलब्ध कराना है. लेकिन पीपीपी मोड में संचालित होने के बाद दुग्ध उत्पादकों को महंगे दामों में पशु आहार उपलब्ध होगा.
साथ ही फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूर भी बेरोजगार होंगे. उन्होंने कहा भारतीय मजदूर संघ के इसका विरोध करता है. मजदूर संघ के अध्यक्ष पीसी चौबे ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ पशु आहार शाला को पीपीपी मोड पर संचालित करने के फैसले का पुरजोर विरोध करता है. इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि पशु आहार शाला को पीपीपी मोड पर संचालित करने का फैसला जल्द ही वापस लिया जाएगा.