गदरपुर : बांग्ला भाषा को शास्त्रीय भाषा की सूची में शामिल करने के लिए बंगोभाषी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र राय के नेतृत्व में एक बैठक आयोजित की गयी. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बांग्ला भाषा को शास्त्रीय भाषा की सूची में रखने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपा गया है, लेकिन उसके बावजूद मांगों को अनसुना किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.
बता दें कि बंगोभाषी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र राय के नेतृत्व गदरपुर में बंगालियों की मूलभूत समस्याओं के लिए बैठक आयोजित की गयी. इस दौरान कार्यकर्ताओं व ग्रामीणों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शास्त्रीय भाषा की सूची में किसी भी भाषा को रखने के लिए 1500 से 2000 वर्ष पुराना होना चाहिए. बांग्ला भाषा 4000 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक मधुर भाषा है, लेकिन इसे शास्त्रीय भाषा की सूची में नहीं रखा गया. इसलिए संगठन द्वारा बांग्ला भाषा को शास्त्रीय भाषा की सूची में रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपा गया.
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उन्होंने कहा कि सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द बांग्ला भाषा को शास्त्रीय भाषा की सूची में रखा जाए. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के बंगाली समुदाय के जाति प्रमाण पत्र से पूर्व पाकिस्तानी बांग्लादेशी शब्द हटाने के लिए संगठन द्वारा लगातार जन आक्रोश रैली के माध्यम से सरकार से मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार द्वारा कोई भी सुनवाई नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर मांगों को पूरी नहीं करती है तो मजबूर होकर विधानसभा गेट के सामने आमरण अनशन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.