खटीमा: आज सीमान्त खटीमा में भी गौरव सैनानी संगठन द्वारा एक निजी वेंकट परिसर में सेना दिवस के दिन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में वीर नारियों व वीर सैनिकों का सम्मान किया गया. इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक पुष्कर धामी, किसान आयोग के उपाध्यक्ष दर्जा राज्य मंत्री राजपाल सिंह व लेफ्टिनेंट कर्नल बीपी चंद ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की.
थल सेना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सीमान्त खटीमा के पूर्व सैनिकों, वीर-वीरांगनाओं सहित सैकड़ों लोग इस कार्यक्रम में पहुंचे. कार्यक्रम में गौरव सैनानी संगठन द्वारा सीमान्त खटीमा क्षेत्र के वीर शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं व पदक विजेता पूर्व सैनिकों को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया. कार्यक्रम में पहुंचे विधायक पुष्कर धामी ने थल सेना दिवस पर सभी सैनिकों को बधाई दी.
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बनबसा कैंट से पहुंचे लेफ्टिनेंट कर्नल बीपी चंद ने कहा कि थल सेना दिवस पर पूर्व सैनिकों व वीर वीरांगनाओं को इस कार्यक्रम के माध्यम से सम्मानित किया जा रहा वह गौरव की बात है. साथ ही थल सेना के गौरवशाली इतिहास को आज के दिन याद कर उसकी स्थापना पर देश के पूर्व सैनिकों को याद करना पूर्व सैनिकों का वो सम्मान है, जो उन्हें रिटायरमेंट के बाद भी सेना से जोड़े रखता है.
क्यों मनाया जाता है 'आर्मी डे'
15 जनवरी का दिन भारतीय सेना के लिए बेहद खास है. इस दिन भारतीय थल सेना आर्मी डे के रूप में मनाती है. भारतीय सेना आज अपना 73वां स्थापना दिवस मना रही है.15 जनवरी को आर्मी डे मनाने के पीछे दो बड़े कारण हैं. पहला ये कि 15 जनवरी 1949 के दिन से ही भारतीय सेना पूरी तरह ब्रिटिश थल सेना से मुक्त हुई थी. दूसरी बात इसी दिन जनरल केएम करियप्पा को भारतीय थल सेना का कमांडर इन चीफ बनाया गया था. इस तरह लेफ्टिनेंट करियप्पा लोकतांत्रिक भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे. केएम करियप्पा ‘किप्पर’ नाम से काफी मशहूर रहे.