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काशीपुर में 16 दिन के नवजात में मिली एंटीबॉडी, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर्स

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Published : Sep 29, 2021, 9:18 AM IST

Updated : Sep 29, 2021, 12:54 PM IST

कोरोना की रफ्तार फिलहाल सुस्त हो गई है. लेकिन विशेषज्ञ अभी तीसरी लहर की आशंका को नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं. विशेषज्ञों का डर सही भी है, क्योंकि नवजातों पर भी कोरोना का खतरा मंडरा रहा है. दरअसल काशीपुर में 16 दिन के शिशु में एंडीबॉडी मिली हैं. ऐसा तब होता है जब कोरोना संक्रमित होने के बाद मरीज स्वस्थ हो जाता है. वैसे भी तीसरी लहर में बच्चों को ज्यादा खतरा बताया गया है.

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काशीपुर: कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के लिए संभावित तीसरी लहर चुनौती बनती नजर आ रही है. कोविड संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने का खतरा बताया जा रहा है. काशीपुर में एक निजी अस्पताल में 16 दिन के नवजात शिशु में एंटीबॉडी मिली है. जिसके बाद नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर लापरवाही नहीं बरतने की सलाह दे रहे हैं.

काशीपुर में 16 दिन के नवजात में मिली एंटीबॉडी.

16 दिन के बच्चे में मिली एंटीबॉडी: काशीपुर से मुरादाबाद रोड स्थित बिहार अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कुशाल अग्रवाल ने कहा कि एंटीबॉडी वास्तव में प्रोटेक्टिव कण होते हैं. जोकि पूर्व में प्राप्त हुए होते हैं. उन्होंने बताया कि इस नवजात में भी पहले किसी से यह कण ग्रहण हुए होंगे. 16 दिन के नवजात शिशु को उसके परिजन उल्टी, दस्त और बुखार की शिकायत के साथ लाए थे. जांच के दौरान कोविड-19 एंटीबॉडी नवजात में पाई गई. साथ ही इंस्पेक्शन के द्योतक ईएसआर और सीआरपी लेवल बढ़े हुए थे. अब फिलहाल नवजात स्वस्थ है और उसकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गई है.

पढ़ें: आवंटित पट्टे पर भू-माफिया का कब्जा, शिकायत के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई

नवजात की मां से या उसके आसपास के क्षेत्र से एंटीबॉडी ग्रहण होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि बच्चों में एंटीबॉडी ग्रहण करने की 2 प्रतिशत संभावना होती है. कोरोना की तीसरी लहर से हालांकि इसका कोई लेना देना नहीं है. कोरोना की संभावित तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि परिवार में अगर किसी को खांसी, जुकाम की शिकायत है तो वह बच्चों से दूर रहें. 2 साल से ऊपर के बच्चों को मास्क लगाकर रखें. बच्चों में बुखार, खांसी, जुकाम के अलावा उल्टी दस्त होने पर तुरंत डॉक्टरों से परामर्श लें.

लगातार बिगड़ रही थी बच्चे की तबीयत: काशीपुर का मामला तब सामने आया जब 16 दिन के नवजात की तबीयत लगातार बिगड़ने पर परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे. डॉक्टरों ने जांच की सलाह दी. खून की जांच के दौरान पता चला कि बच्चे में एंटीबॉडी बन चुकी हैं. इससे यह स्पष्ट हो गया कि बच्चे को कोरोना हुआ था, लेकिन अब वह ठीक हो चुका है.

ये भी हैं कोरोना के लक्षण: बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर कुशाल अग्रवाल बताते हैं कि सिर्फ खांसी, जुकाम, बुखार ही कोरोना के लक्षण नहीं हैं. बच्चों में उल्टी, दस्त ज्यादा दिन तक रहना भी कोरोना के लक्षण हो सकते हैं. हाल ही में उनके पास आए 16 दिन के बच्चे का केस इस बात का सबूत है कि नवजात भी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह बहुत ज्यादा घबराने वाली बात नहीं है, लेकिन ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत है.

काशीपुर: कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के लिए संभावित तीसरी लहर चुनौती बनती नजर आ रही है. कोविड संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा संक्रमित होने का खतरा बताया जा रहा है. काशीपुर में एक निजी अस्पताल में 16 दिन के नवजात शिशु में एंटीबॉडी मिली है. जिसके बाद नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर लापरवाही नहीं बरतने की सलाह दे रहे हैं.

काशीपुर में 16 दिन के नवजात में मिली एंटीबॉडी.

16 दिन के बच्चे में मिली एंटीबॉडी: काशीपुर से मुरादाबाद रोड स्थित बिहार अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कुशाल अग्रवाल ने कहा कि एंटीबॉडी वास्तव में प्रोटेक्टिव कण होते हैं. जोकि पूर्व में प्राप्त हुए होते हैं. उन्होंने बताया कि इस नवजात में भी पहले किसी से यह कण ग्रहण हुए होंगे. 16 दिन के नवजात शिशु को उसके परिजन उल्टी, दस्त और बुखार की शिकायत के साथ लाए थे. जांच के दौरान कोविड-19 एंटीबॉडी नवजात में पाई गई. साथ ही इंस्पेक्शन के द्योतक ईएसआर और सीआरपी लेवल बढ़े हुए थे. अब फिलहाल नवजात स्वस्थ है और उसकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गई है.

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नवजात की मां से या उसके आसपास के क्षेत्र से एंटीबॉडी ग्रहण होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि बच्चों में एंटीबॉडी ग्रहण करने की 2 प्रतिशत संभावना होती है. कोरोना की तीसरी लहर से हालांकि इसका कोई लेना देना नहीं है. कोरोना की संभावित तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि परिवार में अगर किसी को खांसी, जुकाम की शिकायत है तो वह बच्चों से दूर रहें. 2 साल से ऊपर के बच्चों को मास्क लगाकर रखें. बच्चों में बुखार, खांसी, जुकाम के अलावा उल्टी दस्त होने पर तुरंत डॉक्टरों से परामर्श लें.

लगातार बिगड़ रही थी बच्चे की तबीयत: काशीपुर का मामला तब सामने आया जब 16 दिन के नवजात की तबीयत लगातार बिगड़ने पर परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे. डॉक्टरों ने जांच की सलाह दी. खून की जांच के दौरान पता चला कि बच्चे में एंटीबॉडी बन चुकी हैं. इससे यह स्पष्ट हो गया कि बच्चे को कोरोना हुआ था, लेकिन अब वह ठीक हो चुका है.

ये भी हैं कोरोना के लक्षण: बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर कुशाल अग्रवाल बताते हैं कि सिर्फ खांसी, जुकाम, बुखार ही कोरोना के लक्षण नहीं हैं. बच्चों में उल्टी, दस्त ज्यादा दिन तक रहना भी कोरोना के लक्षण हो सकते हैं. हाल ही में उनके पास आए 16 दिन के बच्चे का केस इस बात का सबूत है कि नवजात भी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह बहुत ज्यादा घबराने वाली बात नहीं है, लेकिन ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत है.

Last Updated : Sep 29, 2021, 12:54 PM IST
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