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गधी के दूध से बन रहा ब्यूटी प्रोडक्ट, जानिए इसकी उपयोगिता

काशीपुर के कुंडेश्वरी स्थित देश के अग्रणी शिक्षण संस्थान आईआईएम में लगे स्टार्टअप इवेंट में देश के नामी स्टार्टअप मालिकों ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई है. इन्हीं में से एक हैं दिल्ली की रहने वाली युवा पूजा कौर, जिन्होंने गधी के दूध से साबुन तैयार किया है, जो पूरी तरह से ऑर्गेनिक है.

काशीपुर
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Published : Oct 20, 2019, 6:00 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 5:30 PM IST

काशीपुर: अभी तक आपने गाय, भैंस और बकरी के दूध के गुणों के बारे में तो खूब पढ़ा होगा. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे दूध की जानकारी देने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आप चौक जाएंगे. उससे भी ज्यादा आप तब हैरान रह जाएंगे, जब आपको पता चलेगा कि पालतू जानवर के दूध की बदौलत एक युवा ने स्टार्टअप किया है और काशीपुर में लगे स्टार्टअप मेले में बेस्ट साबित हुआ है. इनका नाम पूजा है और ये दिल्ली की रहने वाली हैं. पूजा कौल ने गधी (Donkey) के दूध से साबुन तैयार किया है.

काशीपुर में स्टार्टअप मेले में अनोखा साबुन बना चर्चा का विषय.

दरअसल, काशीपुर के कुंडेश्वरी स्थित देश के अग्रणी शिक्षण संसथान आईआईएम में राज्य के सबसे बड़े स्टार्टअप इवेंट में देश के नामी स्टार्टअप मालिक अपने अभिनव उत्पादों की प्रदर्शनी लगाए हुए हैं. इन्हीं में से एक हैं दिल्ली की रहने वाली पूजा. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से ग्रेजुएशन करने के बाद पूजा ने एक ऐसा साबुन तैयार किया है जो काशीपुर में लगे स्टार्टअप एक्सपो में चर्चा का विषय है. पूजा ने बताया कि वे गधी के दूध से साबुन तैयार करती हैं, जो पूरी तरह से ऑर्गेनिक है.

पढे़ं-हरिद्वार: जमीन बचाने के लिए मुकदमा लड़ रहे 'भगवान', जानिए क्या है मामला

पूजा ने बताया कि जो लोग गधों के पालन और उनके प्रजनन से जुड़े हैं, वो उनसे दूध खरीदकर साबुन तैयार करती हैं. दूध के साथ-साथ इस साबुन में प्राकृतिक संघटकों (Natural ingredients) यानी नीम, ऐलोवेरा, चंदन, पपीता पाउडर, बदाम का तेल, हल्दी आदि को मिलाया जाता है. जो त्वचा के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. पूजा ने बताया कि जब वह टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में पढ़ाई कर रहे थीं, तब उन्हें डेयरी सेक्टर में कुछ नया करने का प्रोजेक्ट दिया गया था. इस प्रोजेक्ट के दौरान उनके दिमाग में यह विचार आया, तब उन्होंने तमाम अध्ययन के बाद इसे स्टार्टअप के तौर पर शूरू किया.

साबुन कैसे तैयार करती हैं पूजा ?

पूजा कौल ने बताया कि इस तरह के दूध में 5 तरह के तेल मिलाकर साबुन बनाया जाता है. इसके साथ ही प्राकृतिक संघटकों (Natural ingredients) यानी नीम, ऐलोवेरा, चंदन, पपीता पाउडर, बदाम का तेल, हल्दी आदि को मिलाया जाता है. फिलहाल वे 2 तरह के साबुन तैयार कर रही हैं. पहला, जो गधी के दूध में शहद और चारकोल का इस्तेमाल करके बनाते हैं. जो ऑयली त्वचा के लिए लाभदायक होता है. दूसरा, ऐलोवेरा, चंदन, नीम, पपीता, हल्दी और कई तरह के तेलों का इस्तेमाल कर तैयार किया जाता है. जो नाजुक त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है.

पूजा के मुताबिक कि गधी के दूध से साबुन बनाना आसान नहीं, क्योंकि जो लोग गधी के पालन से जुड़े हैं, उन्हें समझाना पड़ता है. साथ ही दूध देने का समय सुबह 4 बजे से 6 बजे का होता है. उस दूध को सिर्फ 10 घंटे के अंदर इस्तेमाल किया जा सकता है. इसलिए जिस दिन दूध निकालते है, उसका प्रोडक्शन भी उसी दिन करना होता है.

कई जगहों पर गधी का दूध 2000 से 3000 रुपये प्रति लीटर बिकता है. यानी एक चम्मच दूध की कीमत 50 से 100 रुपये है. पूजा ने बताया कि अभी फिलहाल वह गाज़ियाबाद के लोनी, डासना और महाराष्ट्र के सोलापुर से गधी का दूध खरीद रही हैं. इसलिए गधों का पालन करने वाले किसानों का आय भी बढ़ रहा है.

उनकी टीम में 6 सदस्य हैं जो इस प्रोजेक्ट से जुड़े हैं. पूजा कौल ने बताया कि सिर्फ साबुन ही ऑर्गेनिक नहीं है बल्कि, साबुन की पैकिंग पर खास ख्याल रखा गया है. पैकिंग भी पुरी तरह से इको फ्रेंडली है. सुपारी के पेड़ के छाल से साबुन का कवर तैयार किया गया है. जूट के बैग में साबुन को दिया जाता है.

मौजूदा केंद्र सरकार द्वारा जिस तरह से स्टार्टअप को बढ़ावा दिया गया है, इसके कारण युवा नए-नए प्रयोग करने के लिए तैयार हैं. यही वजह है कि काशीपुर के आईआईएम में इसी तरह के अभिनव उत्पादों का निर्माण करने वाले 100 से अधिक स्टार्टअप मालिक जुटे हैं. जो देश के इस नए स्टार्ट अप संस्कृति को आगे ले जा सकते हैं. इसे लेकर युवाओं में भी खासा उत्साह नजर आ रहा है.

काशीपुर: अभी तक आपने गाय, भैंस और बकरी के दूध के गुणों के बारे में तो खूब पढ़ा होगा. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे दूध की जानकारी देने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आप चौक जाएंगे. उससे भी ज्यादा आप तब हैरान रह जाएंगे, जब आपको पता चलेगा कि पालतू जानवर के दूध की बदौलत एक युवा ने स्टार्टअप किया है और काशीपुर में लगे स्टार्टअप मेले में बेस्ट साबित हुआ है. इनका नाम पूजा है और ये दिल्ली की रहने वाली हैं. पूजा कौल ने गधी (Donkey) के दूध से साबुन तैयार किया है.

काशीपुर में स्टार्टअप मेले में अनोखा साबुन बना चर्चा का विषय.

दरअसल, काशीपुर के कुंडेश्वरी स्थित देश के अग्रणी शिक्षण संसथान आईआईएम में राज्य के सबसे बड़े स्टार्टअप इवेंट में देश के नामी स्टार्टअप मालिक अपने अभिनव उत्पादों की प्रदर्शनी लगाए हुए हैं. इन्हीं में से एक हैं दिल्ली की रहने वाली पूजा. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से ग्रेजुएशन करने के बाद पूजा ने एक ऐसा साबुन तैयार किया है जो काशीपुर में लगे स्टार्टअप एक्सपो में चर्चा का विषय है. पूजा ने बताया कि वे गधी के दूध से साबुन तैयार करती हैं, जो पूरी तरह से ऑर्गेनिक है.

पढे़ं-हरिद्वार: जमीन बचाने के लिए मुकदमा लड़ रहे 'भगवान', जानिए क्या है मामला

पूजा ने बताया कि जो लोग गधों के पालन और उनके प्रजनन से जुड़े हैं, वो उनसे दूध खरीदकर साबुन तैयार करती हैं. दूध के साथ-साथ इस साबुन में प्राकृतिक संघटकों (Natural ingredients) यानी नीम, ऐलोवेरा, चंदन, पपीता पाउडर, बदाम का तेल, हल्दी आदि को मिलाया जाता है. जो त्वचा के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. पूजा ने बताया कि जब वह टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में पढ़ाई कर रहे थीं, तब उन्हें डेयरी सेक्टर में कुछ नया करने का प्रोजेक्ट दिया गया था. इस प्रोजेक्ट के दौरान उनके दिमाग में यह विचार आया, तब उन्होंने तमाम अध्ययन के बाद इसे स्टार्टअप के तौर पर शूरू किया.

साबुन कैसे तैयार करती हैं पूजा ?

पूजा कौल ने बताया कि इस तरह के दूध में 5 तरह के तेल मिलाकर साबुन बनाया जाता है. इसके साथ ही प्राकृतिक संघटकों (Natural ingredients) यानी नीम, ऐलोवेरा, चंदन, पपीता पाउडर, बदाम का तेल, हल्दी आदि को मिलाया जाता है. फिलहाल वे 2 तरह के साबुन तैयार कर रही हैं. पहला, जो गधी के दूध में शहद और चारकोल का इस्तेमाल करके बनाते हैं. जो ऑयली त्वचा के लिए लाभदायक होता है. दूसरा, ऐलोवेरा, चंदन, नीम, पपीता, हल्दी और कई तरह के तेलों का इस्तेमाल कर तैयार किया जाता है. जो नाजुक त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है.

पूजा के मुताबिक कि गधी के दूध से साबुन बनाना आसान नहीं, क्योंकि जो लोग गधी के पालन से जुड़े हैं, उन्हें समझाना पड़ता है. साथ ही दूध देने का समय सुबह 4 बजे से 6 बजे का होता है. उस दूध को सिर्फ 10 घंटे के अंदर इस्तेमाल किया जा सकता है. इसलिए जिस दिन दूध निकालते है, उसका प्रोडक्शन भी उसी दिन करना होता है.

कई जगहों पर गधी का दूध 2000 से 3000 रुपये प्रति लीटर बिकता है. यानी एक चम्मच दूध की कीमत 50 से 100 रुपये है. पूजा ने बताया कि अभी फिलहाल वह गाज़ियाबाद के लोनी, डासना और महाराष्ट्र के सोलापुर से गधी का दूध खरीद रही हैं. इसलिए गधों का पालन करने वाले किसानों का आय भी बढ़ रहा है.

उनकी टीम में 6 सदस्य हैं जो इस प्रोजेक्ट से जुड़े हैं. पूजा कौल ने बताया कि सिर्फ साबुन ही ऑर्गेनिक नहीं है बल्कि, साबुन की पैकिंग पर खास ख्याल रखा गया है. पैकिंग भी पुरी तरह से इको फ्रेंडली है. सुपारी के पेड़ के छाल से साबुन का कवर तैयार किया गया है. जूट के बैग में साबुन को दिया जाता है.

मौजूदा केंद्र सरकार द्वारा जिस तरह से स्टार्टअप को बढ़ावा दिया गया है, इसके कारण युवा नए-नए प्रयोग करने के लिए तैयार हैं. यही वजह है कि काशीपुर के आईआईएम में इसी तरह के अभिनव उत्पादों का निर्माण करने वाले 100 से अधिक स्टार्टअप मालिक जुटे हैं. जो देश के इस नए स्टार्ट अप संस्कृति को आगे ले जा सकते हैं. इसे लेकर युवाओं में भी खासा उत्साह नजर आ रहा है.

Intro:Exclusive story




Summary- काशीपुर के कुंडेश्वरी में स्थित देश के अग्रणी शिक्षण संसथान आई आई एम में राज्य के सबसे बड़े स्टार्ट अप इवेंट में देश के नामी स्टार्ट अप मालिक अपने अभिनव उत्पादों को दिखाने के लिए एकत्रित हुए है। इन्ही में से एक है दिल्ली की रहने वाली युवा स्टार्ट अप पूजा। जो गधी के दूध से साबुन तैयार करती हैं, जो पूरी तरह से ऑर्गेनिक है।

एंकर- आज तक आपने भैस, गाय या बकरी के दूध के गुणों के बारे में खूब पढा और सुना होगा लेकिन अब हम आपको एक ऐसे मादा जानवर के दूध की जानकारी देने जा रहे है। जिसे सुनकर आप चौक जाएंगे। इससे ज्यादा हैरानी की बात आपको तब होगी जब आपको पता चलेगा कि इसी मादा जानवर के दूध की बदौलत एक युवा स्टार्ट अप ने अपना व्यवसाय खड़ा कर लिया है। जी हाँ , ये मादा जानवर है गधी, जी बिलकुल ठीक सुना। आज गधी का दूध भारत से लेकर विदेशों तक चर्चा का विषय बना हुआ है साथ ही इसकी भारी मांग भी हो गई है। युवा स्टार्ट अप पूजा ने गधी के दूध से साबुन तैयार किया है, ये साबुन 5 तरह के तेलों और गधी के दूध को मिलाकर बनाया गया है, इसके लिये पूजा गधों का पालने वाले किसानों से संपर्क करती हैं, उनसे दूध खरीदती हैं, जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि हो रही है।

Body:वीओ- दरअसल काशीपुर के कुंडेश्वरी में स्थित देश के अग्रणी शिक्षण संसथान आई आई एम में राज्य के सबसे बड़े स्टार्ट अप इवेंट में देश के नामी स्टार्ट अप मालिक अपने अभिनव उत्पादों को दिखाने के लिए एकत्रित हुए है। इन्ही में से एक है दिल्ली की रहने वाली युवा स्टार्ट अप पूजा। जो गधी के दूध से साबुन तैयार करती हैं, जो पूरी तरह से ऑर्गेनिक है। जो लोग गधों के पालन और उनके प्रजनन से जुड़े हैं, पूजा उनसे दूध खरीदकर साबुन तैयार करती हैं। गधी के दूध के साथ-साथ इस साबुन में प्राकृतिक संघटकों (Natural ingredients) यानी नीम, ऐलोवेरा, चंदन, पपीता पाउडर, बदाम का तेल, हल्दी आदि को मिलाया जाता है जो त्वचा के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं. पूजा ने बताया कि जब वह पढ़ाई कर रहे थी तब उन्हें डेयरी सेक्टर में कुछ नया करने का प्रोजेक्ट दिया गया था. इस प्रोजेक्ट के दौरान उनके दिमाग में यह विचार आया तब उन्होंने तमाम अध्ययन के बाद इसे स्टार्टअप के तौर पर शूरू किया।

बाईट - पूजा ( युवा स्टार्ट अप )

वीओ- पूजा ने बताया कि मिस्र की रानी क्लियोपेट्रा अपनी खूबसरती बढ़ाने के लिए गधी के दूध से नहाती थीं। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन पाए जाते हैं जो प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने में बेहद कारगर हैं. पूजा ने बताया कि फिलहाल वे दो तरह के गधी के दूध के साबुन तैयार करते हैं पहला, जो गधी के दूध में शहद और चारकोल का इस्तेमाल करके बनाते हैं जो एक्ने और ऑयली त्वचा के लिए लाभदायक होता है. दूसरा, साबुन गधी के दूध में ऐलोवेरा, चंदन, नीम, पपीता, हल्दी और कई तरह के तेलों का इस्तेमाल कर तैयार किया जाता है जो नाज़ुक त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है। पूजा ने बताया कि गधी के दूध से साबुन बनाना आसान नहीं क्योंकि जो लोग गधी के पालन से जुड़े हैं, उन्हें समझाना पड़ता है और साथ ही गधी के दूध देने का समय सुबह 4 बजे से 6 बजे का होता है. उस दूध को सिर्फ 10 घंटे के अंदर इस्तेमाल किया जा सकता है. इसलिए जिस दिन दूध निकालते है उसका प्रोडक्शन भी उसी दिन करना होता है। इससे गधा पालन और प्रजनन से जुड़े लोगों को भी फायदा पहुंच रहा है. उनकी आय में भी बढ़ोतरी हो रही है. क्योंकि बहुत कम लोग जानते हैं कि गधी का दूध इतना लाभदायक होता है. कई जगहों पर 2000 से 3000 रुपये प्रति लीटर बिकता है. यानी कि एक चम्मच दूध की कीमत 50 से 100 रुपये है. पूजा ने बताया कि अभी फिलहाल वह गाज़ियाबाद के लोनी, डासना और महाराष्ट्र के सोलापुर से गधी का दूध खरीद रहे हैं. उनकी टीम में छ: सदस्य हैं जो इस प्रोजेक्ट से जुड़े हैं। पूजा कौल ने बताया कि सिर्फ साबुन ही ऑर्गेनिक नहीं है बल्कि, साबुन की पैकिंग पर खास ख्याल रखा गया है। पैकिंग भी पुरी तरह से इको फ्रेंडली है. सुपारी के पेड़ के छाल से साबुन का कवर तैयार किया गया है. जूट के बैग में साबुन को दिया जाता है।

बाईट - पूजा ( युवा स्टार्ट अप )

Conclusion:एफवीओ- मौजूदा केंद्र सरकार द्वारा जिस तरह से स्टार्ट अप को बढ़ावा दिया गया है. इसके कारण युवा नए-नए प्रयोग करने के लिए तैयार हैं। यही वजह है कि काशीपुर के आई आई एम में इसी तरह के अभिनव उत्पादों का निर्माण करने वाले 100 से अधिक स्टार्ट अप मालिक जुटे है जो राज्य भर से यहाँ पहुंचने वाले हजारों छात्रों, किशोरों एवं युवा पीढ़ी के लिए एक सुनहरा अवसर होंगे जो देश के इस नए स्टार्ट अप संस्कृति को आगे ले जा सकते है। इसको लेकर युवाओं में भी खासा उत्साह नजर आ रहा है।
Last Updated : Oct 21, 2019, 5:30 PM IST
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