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कृषि विश्वविद्यालय के कर्मियों ने किया कुलपति का घेराव, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी - विश्वविधालय कर्मियों ने किया वीसी दफ्तर का घेराव

पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, मांगें पूरी ना होने पर कार्यबहिष्कार की चेतावदी दी है.

विश्वविधालय के कर्मचारियों ने किया विरोध प्रर्शन
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Published : Aug 6, 2019, 7:18 PM IST

उधमसिंह नगर: पिछले डेढ़ माह से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे पंतनगर के कृषि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने एक बार फिर कुलपति का घेराव किया. इस दौरान कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया तो वे कार्यबहिष्कार कर उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

विश्वविधालय के कर्मचारियों ने किया विरोध प्रर्शन

बता दें कि पिछले डेढ़ माह से विश्वविधालय के करीब ढाई हजार कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी मंगलवार को आक्रोशित कर्मचारियों ने कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति दफ्तर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की.

कर्मचारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय में ढाई हजार कर्मचारी कार्यरत हैं, लेकिन सरकारी संस्थान होने के बावजूद श्रमिकों को प्राइवेट नौकरी के बराबर वेतन दिया जा रहा है. साथ ही किसी भी कर्मचारी को ईएसआई की सुविधा नहीं मिल रही है.
आक्रोशित कर्मचारियों ने श्रम अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि अगर कोई भी मज़दूर लगातार 20 दिन अगर काम करता है तो उसे एक दिन का अवकाश भी मिलना चाहिए, बावजूद इसके विश्व विद्यालय प्रशासन कर्मियों को छुट्टी नहीं दे रहा है. उनका कहना है कि जबतक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.

प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया तो वे कार्यबहिष्कार कर उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे. जिसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन और राज्य सरकार की होगी.

उधमसिंह नगर: पिछले डेढ़ माह से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे पंतनगर के कृषि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने एक बार फिर कुलपति का घेराव किया. इस दौरान कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया तो वे कार्यबहिष्कार कर उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

विश्वविधालय के कर्मचारियों ने किया विरोध प्रर्शन

बता दें कि पिछले डेढ़ माह से विश्वविधालय के करीब ढाई हजार कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी मंगलवार को आक्रोशित कर्मचारियों ने कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति दफ्तर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की.

कर्मचारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय में ढाई हजार कर्मचारी कार्यरत हैं, लेकिन सरकारी संस्थान होने के बावजूद श्रमिकों को प्राइवेट नौकरी के बराबर वेतन दिया जा रहा है. साथ ही किसी भी कर्मचारी को ईएसआई की सुविधा नहीं मिल रही है.
आक्रोशित कर्मचारियों ने श्रम अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि अगर कोई भी मज़दूर लगातार 20 दिन अगर काम करता है तो उसे एक दिन का अवकाश भी मिलना चाहिए, बावजूद इसके विश्व विद्यालय प्रशासन कर्मियों को छुट्टी नहीं दे रहा है. उनका कहना है कि जबतक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.

प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया तो वे कार्यबहिष्कार कर उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे. जिसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन और राज्य सरकार की होगी.

Intro:summry - डेढ़ माह से आंदोलन रत पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय के कर्मचारियो ने विश्व विद्यालय प्रशासन को हड़ताल में जाने की चेतावनी देते हुए मांगो को पूरा करने की मांग की है।

एंकर - पिछले डेढ़ माह से आंदोलनरत पंतनगर विश्वविद्यालय के लगभग ढाई हजार कर्मचारियों ने एक बार फिर पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति दफ्तर के बाहर अपनी मांगों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया इस दौरान उन्हें विश्वविद्यालय ओर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जाता तो वह काम बंद कर आंदोलन को बाध्य हो जाएंगे।


Body:वीओ - पिछले डेढ़ माह से प्रदर्शन कर रहे आक्रोशित श्रमिको ने आज पन्त नगर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति दफ्तर के बाहर जम कर प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की है। इस दौरान श्रमिको का कहना था कि विश्विद्यालय में ढाई हजार श्रमिक काम कर रहे है लेकिन सरकारी संस्थान में श्रमिकों को प्राइवेट सेक्टर का दैनिक वेतन दिया जा रहा है। यही नही किसी भी श्रमिक का ईएसआई की सुविधा नही दी गयी है। ऐसे में अगर कोई मज़दूर बीमार पड जाए तो लाखों रुपये श्रमिको के बर्बाद हो रहे है। उन्होंने कहा कि श्रम अधिनियम के तहत कोई भी मज़दूर 20 दिन अगर काम करता है तो उसे एक दिन का अवकाश मिलना चाहिए लेकिन विश्व विद्यालय किसी भी तरह की छुट्टी श्रमिकों को नहीं दे रहा है यही नहीं उन्होंने बताया कि मई 2003 में कई श्रमिकों को ठेकेदारी में डाल दिया गया है। इन सभी मांगो को लेकर आज वह वीसी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे है। उन्होंने बताया कि वह पिछले डेढ़ माह से लगातार आंदोलन कर रहे है लेकिन प्रशासन के कानों में जू तक नही रेंग रही। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी मांगों को पूरा नही किया जाता तो सभी ढाई हजार श्रमिक काम बंद कर हड़ताल में चले जायेंगे जिसकी सारी जिमेदारी विश्वविद्यालय व सरकार की होगी।

बाइट - जनार्दन सिंह यूनियन अध्यक्ष पंतनगर विश्वविद्यालय।


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