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किसान, भूतपूर्व सैनिक और राज्य आंदोलनकर्ता सरकार से नाराज, मांगे नहीं पूरी होने पर आंदोलन की चेतावनी

जिले के खटीमा में अपने हक की लड़ाई को लेकर किसान, भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आंदोलनकारिओं ने संयुक्त बैठक का आयोजन किया है. साथ ही इस बैठक में किसान, भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आंदोलनकारिओं की समस्याओं पर चर्चा की गई.

बैठक में जताई सरकार के खिलाफ नाराजगी.
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Published : Feb 25, 2019, 10:55 PM IST

उधम सिंह नगर: जिले में किसान, भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आंदोलनकर्ताओं ने एक संयुक्त बैठक का आयोजन किया. इसके साथ ही बैठक में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के द्वारा समस्याओं को दरकिनार करने का आरोप लगाया है. बैठक में आंदोलनकारियों ने लोकसभा में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.

जिले के खटीमा में अपने हक की लड़ाई को लेकर किसान, भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आंदोलनकारिओं ने संयुक्त बैठक का आयोजन किया है. साथ ही इस बैठक में किसान, भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आंदोलनकारिओं की समस्याओं पर चर्चा की गई.

बैठक में जताई सरकार के खिलाफ नाराजगी.

प्रदेश के मुख्य आंदोलनकर्ता भगवान जोशी ने बताया कि सोमवार को आयोजित हुई इस संयुक्त बैठक में किसानों, सैनिकों और राज्य आंदोलनकर्ता की समस्याओं पर चर्चा की गई. इस संयुक्त बैठक में निर्णय लिया गया है कि आगामी 2 मार्च को खटीमा में किसान, भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आंदोलनकारिओं के संयुक्त मोर्चा के तहत बैठक का आयोजन किया जायेगा. जिसमें राजनीतिक प्रतिनिधियों के अलावा आम जनता भी प्रतिभाग करेगी.

पढ़ें: सपा-बसपा के गठबंधन पर कांग्रेस का बयान, कहा- उत्तराखंड में दोनों का नहीं कोई वजूद

साथ ही भगवान जोशी ने बताया कि साथ ही किसानों, भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आन्दोलनकारियों की मांगों पर कार्रवाई हेतु रणनीतियां भी तैयार की जाएंगी. साथ ही इन मांगों को अगर नजरअंदाज किया गया, तो आगामी लोकसभा चुनावों में एक संयुक्त मोर्चे के रूप में ये वर्ग राजनीतिक दलों के सामने प्रदर्शन करेगी.

उधम सिंह नगर: जिले में किसान, भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आंदोलनकर्ताओं ने एक संयुक्त बैठक का आयोजन किया. इसके साथ ही बैठक में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के द्वारा समस्याओं को दरकिनार करने का आरोप लगाया है. बैठक में आंदोलनकारियों ने लोकसभा में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.

जिले के खटीमा में अपने हक की लड़ाई को लेकर किसान, भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आंदोलनकारिओं ने संयुक्त बैठक का आयोजन किया है. साथ ही इस बैठक में किसान, भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आंदोलनकारिओं की समस्याओं पर चर्चा की गई.

बैठक में जताई सरकार के खिलाफ नाराजगी.

प्रदेश के मुख्य आंदोलनकर्ता भगवान जोशी ने बताया कि सोमवार को आयोजित हुई इस संयुक्त बैठक में किसानों, सैनिकों और राज्य आंदोलनकर्ता की समस्याओं पर चर्चा की गई. इस संयुक्त बैठक में निर्णय लिया गया है कि आगामी 2 मार्च को खटीमा में किसान, भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आंदोलनकारिओं के संयुक्त मोर्चा के तहत बैठक का आयोजन किया जायेगा. जिसमें राजनीतिक प्रतिनिधियों के अलावा आम जनता भी प्रतिभाग करेगी.

पढ़ें: सपा-बसपा के गठबंधन पर कांग्रेस का बयान, कहा- उत्तराखंड में दोनों का नहीं कोई वजूद

साथ ही भगवान जोशी ने बताया कि साथ ही किसानों, भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आन्दोलनकारियों की मांगों पर कार्रवाई हेतु रणनीतियां भी तैयार की जाएंगी. साथ ही इन मांगों को अगर नजरअंदाज किया गया, तो आगामी लोकसभा चुनावों में एक संयुक्त मोर्चे के रूप में ये वर्ग राजनीतिक दलों के सामने प्रदर्शन करेगी.

Intro:एंकर- किसान- भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आंदोलनकारीओ ने एक संयुक्त बैठक का किया आयोजन। राज्य के सत्तापक्ष और विपक्ष दोनो पर किसान- भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आंदोलनकारीओ की समस्याओं को दरकिनार करने का लगाया आरोप।



Body:वीओ- उधम सिंह नगर जनपद के खटीमा में अपने हक की लड़ाई को लेकर किसान- भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आंदोलनकारीओ ने एक संयुक्त बैठक का आयोजन किया है। जिसमे किसान- भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आंदोलनकारीओ की समस्याओ पर चर्चा की गयी। प्रदेश के मुख्य आंदोलनकारी भगवान जोशी ने मीडिया को बताया कि आज आयोजित संयुक्त बैठक में चर्चा हुई है कि 22 फरवरी तक चले हाउस में सत्तापक्ष और विपक्ष किसी ने भी राज्य आन्दोलनकारियो - किसानों और भूतपूर्व सैनिको के मुद्दों को नही उठाया। इसलिये हमने इस संयुक्त बैठक में निर्णय लिया है किआगामी 2 मार्च को खटीमा में किसान- भूतपूर्व सैनिकों और राज्य आंदोलनकारीओ के संयुक्त मोर्चा कर तहत एक खुली बैठक का आयोजन किया जायेगा। जिसमे राजनीतिक प्रतिनिधियों के अलावा आम जनता भी प्रतिभाग करेगी। साथ ही किसानों ,भूतपूर्व सैनिकों व राज्य आन्दोलनकारियो की मांगों पर कार्यवाही हेतु रणनीति भी तैयासर की जायेंगी। और अगर किसानों, राज्य आन्दोलनकारियो व भूतपूर्व सैनिकों को सरकारों द्वारा नजर अंदाज किया जाता है। तो आगामी लोकसभा चुनावों में एक संयुक्त मोर्चे के रूप में यह वर्ग राजनितिक दलों के सामने भी होगा।

बाइट - भगवान जोशी प्रमुख राज्य आंदोलनकारी



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