खटीमा: भारत-नेपाल को जोड़ने के लिए बन रहे चार किलोमीटर लंबे फोरलेन हाईवे की निर्माण प्रक्रिया तेज हो गई है. फोरलेन हाईवे निर्माण के लिए काटे जाने वाले 2,263 पेड़ों के भौतिक सत्यापन करने के लिए आज वन विभाग और एनएचएआई के अधिकारियों ने निरीक्षण किया. वहीं, 210 करोड़ की लागत से इस 4 किलोमीटर लंबी फोरलेन हाईवे का निर्माण किया जाना है.
भारत और नेपाल के बीच व्यापारी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उधमसिंह नगर जनपद और चंपावत जनपद से लगी 4 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क बनाई जा रही है, जो चंपावत जनपद के बनबसा से होते हुए उधम सिंह नगर जनपद तक जाएगी. वहीं, नेपाल बॉर्डर पर व्यापारी गतिविधियों के लिए सूखा बंदरगाह निर्माणाधीन है.
प्रधानमंत्री मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने के लिए आज वन विभाग और एनएचएआई के अधिकारियों ने फोरलेन हाईवे के लिए चयनित भूमि का निरीक्षण किया. बता दें कि चार किलोमीटर लंबे इस फोरलेन हाईवे के लिए विभिन्न प्रजाति के 2263 पेड़ों का कटान किया जाना है. वन विभाग और एनएचएआई के अधिकारियों ने काटे जाने वाले पेड़ों का संयुक्त रूप से भौतिक सत्यापन किया.
वहीं, इस दौरान एनएचएआई विभाग के साइड इंजीनियर तुषार गुप्ता ने बताया कि भारत और नेपाल के बीच बेहतर रोड कनेक्टिविटी के लिए चार किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क का निर्माण होना है, जिसकी निविदा निकाली जा चुकी है. चार किलोमीटर लंबी इस फोरलेन सड़क का 210 करोड़ की लागत से डेढ़ साल के भीतर निर्माण पूरा किया जाना है.