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सितारगंज की प्रमुख नदियों में जमा हुआ सिल्ट, 16 गांवों पर मंडराया बाढ़ का खतरा - flood in uttarakhand

उधम सिंह नगर के सितारगंज के 16 गांवों पर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा. नदियों को समय रहते नहीं किया चैनलाइज तो हो सकता है भारी नुकसान.

सूखी नदी में जमा सिल्ट.
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Published : May 22, 2019, 11:47 AM IST

खटीमा: सितारगंज क्षेत्र की सभी प्रमुख नदियों में भारी सिल्ट जमा हो गया है. मानसून नजदीक होने और नदियों में सिल्ट बढ़ने की वजह से क्षेत्र के 16 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. सिंचाई विभाग ने अबतक बाढ़ सुरक्षा कार्य शुरू नहीं किए हैं, जिससे आसपास के लोग डरे हुए हैं. विभाग बाढ़ के खतरे से निपटने की तैयारी के बजाय बजट का रोना रो रहा है.

दरअसल, उधम सिंह नगर का सितारगंज बाढ़ के नजरिये से अति संवेदनशील क्षेत्र है. सितारगंज के बमनपुरी, अरविंद नगर, जलपनिया नाला, रुद्रपुर, सुरेंद्र नगर, कैलाश नदी से नकुलिया, कैलाशपुर, संतफार्म, डोहरी, पथरिया फार्म, बिचपुरी, सलमति, झुकहा, कौंधा रतन, कौधा अशरफ, रतनपुरा मटिया गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. अगर सिंचाई विभाग को इन गांवों को बाढ़ से बचाना है, तो 15 जून से पहले ही क्षेत्र की नदियों को चैनलाइज करना पड़ेगा. नहीं तो सितारगंज को बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है.

सितारगंज की प्रमुख नदियों में जमा सिल्ट

पढ़ें- पुलिस ने पकड़ा अवैध शराब से भरा ट्रक, पहाड़ों पर होने जा रही थी सप्लाई

वहीं, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता एससी रमोला का कहना है कि सितारगंज क्षेत्र को बाढ़ से बचाने के लिये अति संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है. बाढ़ राहत कार्यों को करने के लिए जिलाधिकारी व शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी गई है. शासन से जैसे ही बाढ़ राहत कार्यों और बजट को स्वीकृति मिल जाएगी तो बाढ़ राहत कार्य शुरू कर दिया जायेगा.

उन्होंने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में ठेकेदारों द्वारा किये गये बाढ़ राहत कार्यों का 1.97 करोड़ रुपये का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. ठेकेदारों के पिछले वित्त वर्ष के पेमेंट की भी कोशिश हो रही है. जैसे ही पेमेंट मिल जाएगा ठेकेदारों का बचा हुआ पैसा देकर बाढ़ राहत कार्य शुरू करवा दिया जाएगा.

खटीमा: सितारगंज क्षेत्र की सभी प्रमुख नदियों में भारी सिल्ट जमा हो गया है. मानसून नजदीक होने और नदियों में सिल्ट बढ़ने की वजह से क्षेत्र के 16 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. सिंचाई विभाग ने अबतक बाढ़ सुरक्षा कार्य शुरू नहीं किए हैं, जिससे आसपास के लोग डरे हुए हैं. विभाग बाढ़ के खतरे से निपटने की तैयारी के बजाय बजट का रोना रो रहा है.

दरअसल, उधम सिंह नगर का सितारगंज बाढ़ के नजरिये से अति संवेदनशील क्षेत्र है. सितारगंज के बमनपुरी, अरविंद नगर, जलपनिया नाला, रुद्रपुर, सुरेंद्र नगर, कैलाश नदी से नकुलिया, कैलाशपुर, संतफार्म, डोहरी, पथरिया फार्म, बिचपुरी, सलमति, झुकहा, कौंधा रतन, कौधा अशरफ, रतनपुरा मटिया गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. अगर सिंचाई विभाग को इन गांवों को बाढ़ से बचाना है, तो 15 जून से पहले ही क्षेत्र की नदियों को चैनलाइज करना पड़ेगा. नहीं तो सितारगंज को बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है.

सितारगंज की प्रमुख नदियों में जमा सिल्ट

पढ़ें- पुलिस ने पकड़ा अवैध शराब से भरा ट्रक, पहाड़ों पर होने जा रही थी सप्लाई

वहीं, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता एससी रमोला का कहना है कि सितारगंज क्षेत्र को बाढ़ से बचाने के लिये अति संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है. बाढ़ राहत कार्यों को करने के लिए जिलाधिकारी व शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी गई है. शासन से जैसे ही बाढ़ राहत कार्यों और बजट को स्वीकृति मिल जाएगी तो बाढ़ राहत कार्य शुरू कर दिया जायेगा.

उन्होंने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में ठेकेदारों द्वारा किये गये बाढ़ राहत कार्यों का 1.97 करोड़ रुपये का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. ठेकेदारों के पिछले वित्त वर्ष के पेमेंट की भी कोशिश हो रही है. जैसे ही पेमेंट मिल जाएगा ठेकेदारों का बचा हुआ पैसा देकर बाढ़ राहत कार्य शुरू करवा दिया जाएगा.

Intro:एंकर- सितारगंज क्षेत्र की सभी प्रमुख नदियों में भारी सिल्ट हुई जमा। मानसून की शुरुआत का वक्त नजदीक आने के साथ ही क्षेत्र के 16 गांव में बाढ़ का खतरा बढ़ा। वहीं सिंचाई विभाग ने अभी तक शुरू नहीं किए बाढ़ सुरक्षा कार्य। बजट नहीं होने का रोना रो रहा है विभाग।

नोट-खबर मेल से भेजी है।


Body:वीओ- उधम सिंह नगर जनपद का सितारगंज क्षेत्र बाढ़ के नजरिये से अति संवेदनशील क्षेत्र है। सितारगंज क्षेत्र के बमनपुरी, अरविंद नगर जलपनिया नाला, रुद्रपुर, सुरेंद्र नगर, कैलाश नदी से नकुलिया, कैलाशपुर,संतफार्म, डोहरी, पथरिया फार्म, बिचपुरी, सलमति, झुकहा, कौंधा रतन, कौधा अशरफ, रतनपुरा मटिया गॉवो में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।वही देवहा और निहाई नदी में सिचाई विभाग द्वारा छ स्थानों पर रीवर ट्रेनिंग की जरूरत बतायी है। अगर सिचाई विभाग को इन गॉवो को बाढ़ से बचाना है तो 15 जून से पहले ही क्षेत्र की नदियो को चैनलाइज करना पड़ेगा।
वही सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता एससी रमोला का कहना है कि सितारगंज क्षेत्र को बाढ़ से बचाने के लिये सिचाई विभाग ने अति संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर लिया है तथा बाढ़ राहत कार्यो को करने के लिए जिलाधिकारी व शासन को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। जैसे ही शासन से बाढ़ राहत कार्यों को स्वकृति मिल जाएगी और धन उपलब्ध हो जाएगा बाढ़ राहत कार शुरू कर दिए जायेगे। क्योंकि पिछले वित्तीय वर्ष में ठेकेदारों द्वारा किये गये बाढ़ राहत कार्यो का 1.97 करोड़ रुपया अभी तक नही मिला है। इसलिए ठेकेदारों को पिछले वित्त वर्ष में किए गए कार्यो के पेमेंट के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं जैसे ही पेमेंट मिल जाएगा ठेकेदारों को उनका पेमेंट कर नये बाढ़ राहत कार्य शुरू करा दिए जाएंगे।

बाइट- एससी रमोला अधिशासी अभियंता सिचाई विभाग सितारगंज


Conclusion:
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