खटीमा: सितारगंज क्षेत्र की सभी प्रमुख नदियों में भारी सिल्ट जमा हो गया है. मानसून नजदीक होने और नदियों में सिल्ट बढ़ने की वजह से क्षेत्र के 16 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. सिंचाई विभाग ने अबतक बाढ़ सुरक्षा कार्य शुरू नहीं किए हैं, जिससे आसपास के लोग डरे हुए हैं. विभाग बाढ़ के खतरे से निपटने की तैयारी के बजाय बजट का रोना रो रहा है.
दरअसल, उधम सिंह नगर का सितारगंज बाढ़ के नजरिये से अति संवेदनशील क्षेत्र है. सितारगंज के बमनपुरी, अरविंद नगर, जलपनिया नाला, रुद्रपुर, सुरेंद्र नगर, कैलाश नदी से नकुलिया, कैलाशपुर, संतफार्म, डोहरी, पथरिया फार्म, बिचपुरी, सलमति, झुकहा, कौंधा रतन, कौधा अशरफ, रतनपुरा मटिया गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. अगर सिंचाई विभाग को इन गांवों को बाढ़ से बचाना है, तो 15 जून से पहले ही क्षेत्र की नदियों को चैनलाइज करना पड़ेगा. नहीं तो सितारगंज को बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है.
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वहीं, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता एससी रमोला का कहना है कि सितारगंज क्षेत्र को बाढ़ से बचाने के लिये अति संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है. बाढ़ राहत कार्यों को करने के लिए जिलाधिकारी व शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी गई है. शासन से जैसे ही बाढ़ राहत कार्यों और बजट को स्वीकृति मिल जाएगी तो बाढ़ राहत कार्य शुरू कर दिया जायेगा.
उन्होंने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में ठेकेदारों द्वारा किये गये बाढ़ राहत कार्यों का 1.97 करोड़ रुपये का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. ठेकेदारों के पिछले वित्त वर्ष के पेमेंट की भी कोशिश हो रही है. जैसे ही पेमेंट मिल जाएगा ठेकेदारों का बचा हुआ पैसा देकर बाढ़ राहत कार्य शुरू करवा दिया जाएगा.