रुद्रपुर: उत्तर प्रदेश सचिवालय में नौकरी लगवाने के नाम पर ट्रांजिट कैंप निवासी पिता-पुत्र को ठग ने 15 लाख रुपए का चूना लगा दिया है. अब कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. आरोपी खुद को सचिवालय में अनुसचिव पद पर कार्यरत बता रहा था. कोर्ट के आदेश पर थाना ट्रांजिट कैंप पुलिस ने पति-पत्नी सहित तीन लोगों के खिलाफ नौकरी लगाने के नाम पर 15 लाख रुपए ठगने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है.
फुलसुंगा निवासी श्रीपाल ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनके दो बेटे और बहू नौकरी की तलाश कर रहे थे. इसी बीच मई 2021 में उनके पुत्र पुष्पेंद्र सिंह की मुलाकात ग्राम अधौली थान सत्तरगंज जिला बाराबंकी निवासी सर्वेश यादव, उसकी पत्नी शालू वर्मा और ग्राम भिखारीपुर थान रतनपुर जिला अंबेडकरनगर निवासी श्याम मोहन से हुई. उन्होंने बताया कि वह क्लीन फर्टिलाइजर मार्केटिंग मैनपावर सर्विस, कंसल्टेंसी एजेंसी के नाम से राज्य एवं केंद्र सरकार के विभागों में स्थाई नौकरी दिलाने का कार्य करते हैं.
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इस दौरान सर्वेश यादव ने अपने आप को राज्य संपत्ति विभाग, उत्तर प्रदेश सचिवालय में अनुसचिव पद पर कार्यरत बताया और अपना परिचय पत्र भी दिखाया. उसने बताया कि वह संबंधित विभाग में स्थाई रूप से नौकरी लगा देगा, जिसके एवज में प्रति व्यक्ति आठ लाख रुपये एडवांस जमा करने होंगे. जिस पर उनके बेटे पुष्पेंद्र ने बिना परिवार की सहमति के इतनी बड़ी रकम देने में असर्मथता जताई. हालांकि ठगों ने उन्हें एवं परिवार के अन्य सदस्यों को अपनी बातों में फंसा लिया.
जिसके बाद उन्होंने अलग-अलग तिथियों में बैंक खातों में करीब 15.34 लाख रुपए जमा करा दिए. रकम देने के बाद भी आरोपियों ने उन्हें कोई नियुक्ति पत्र नहीं दिया और रुपये मांगने पर टाल मटोल करते रहे. शक होने पर जब उन्होंने लखनऊ जाकर राज्य संपत्ति विभाग में जानकारी जुटाई तो पता चला कि इस नाम का कोई व्यक्ति वहां कार्यरत ही नहीं है. थानाध्यक्ष सुंदरम शर्मा ने बताया कि मामले में कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है.