रुद्रपुर: नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के दोषी को पोस्को कोर्ट ने10 साल का कारावास और 45 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. दोषी ने शादी के नाम पर करीब एक महीने तक नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया था. कोर्ट ने जुर्माने की 90 प्रतिशत धनराशि पीड़िता को दी जाने का आदेश दिया है.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विकास गुप्ता ने बताया कि 2016 में ट्रांजिट कैम्प थाने में एक महिला ने अपनी 12 साल की बेटी के अपरहण का मामला दर्ज कराया था. महिला ने बताया कि उनके यहां किराए पर रहने वाले बीनू उनकी 12 साल की बेटी को शादी का झांसा देकर उसका अपरहण कर लिया.
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मामला दर्ज होने के करीब एक महीने बाद पुलिस ने बीनू को लड़की के साथ पीलीभीत से गिरफ्तार किया था. जानकारी के मुताबिक बीनू लड़की को पहले अपने साथ देहरादून ले गया था, जहां उसने 10 दिनों तक लड़की के साथ बलात्कार किया. जब लड़की ने इसका विरोध किया तो बीनू ने उसके साथ मारपीट भी की. 10 दिनों के बाद बीनू लड़की को लेकर मसूरी गया, यहां भी उसने कई दिनों तक लड़की के साथ बलात्कार किया.
इसके बाद बीनू लड़की को लेकर यूपी के पीलीभीत चला गया. वहां भी लड़की का बलात्कार किया गया. यहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. लडकी का मेडिकल कराने के बाद पुलिस ने बीनू के खिलाफ धारा 363/366/376 आईपीसी और 3/4/16/17 पोक्सो अधिनियम के तहत चार्जशीट लगाकर कोर्ट में पेश की थी.
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तब से लेकर आरोपी बीनू के विरूद्व पोक्सो न्यायाधीश विजय लक्ष्मी विहान की कोर्ट में मुकदमा चला रहा था. जिसमें एडीजीसी विकास गुप्ता ने 6 गवाह पेशकर आरोप सिद्व किये गए. शुक्रवार को पोक्सो न्यायाधीश विजय लक्ष्मी विहान ने बीनू को दोषी मानते हुए 10 वर्ष का कारावास और 45000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाकर जेल भेज दिया. न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा है कि जुर्माने की धनराशि में से 90 प्रतिशत धनराशि पीड़िता को दी जाए.