धनौल्टी: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की तर्ज पर प्रस्तावित डोईवाला-गंगोत्री रेलवे लाइन की डीपीआर साल 2019 में तैयार होने के बाद सरकार द्वारा शुरुआती सर्वें के बाद रेलवे लाइन से प्रभावित होने वाले ग्रामीणों का दर्द एक बार फिर सामने आने लगा है. इसी संबंध में आज धरवालगांव और सुनारगांव के ग्रामीणों द्वारा धरवालगांव में एक बैठक का आयोजित की गई. जिसमें सरकार से मांगों के लिए एक प्रस्ताव का ड्राफ्ट तैयार किया गया है और भूमि अधिग्रहण करने से पहले भूमि की पैमाइश करने की मांग उठाई गई.
बैठक में मौजूद थौलधार के पूर्व प्रमुख द्वारा मांग की गई कि धरवालगांव ,सुनारगांव स्यांसू, कण्डीसौड़, जसपुर, खाण्ड ,रमोलगांव और भंगर गांवों की अधिकांश भूमि सरकार द्वारा चरणबद्ध तरीके से चंबा-धरासू मोटरमार्ग, टिहरी बांध परियोजना, चारधाम ऑलवेदर रोड़ परियोजना हेतु समय-समय पर अधिग्रहण की गई है. अब प्रस्तावित डोईवाला-गंगोत्री रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहण करने की प्रक्रिया जारी है. इसके बाद प्रस्तावित रेलवे लाइन के लिए दोनों गांवों की लगभग 10 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण होने पर गांवों के 90 प्रतिशत परिवार भूमिहीन हो जाएंगे. ऐसी स्थिति में प्रभावितों का विस्थापन करना जरूरी है.
सामाजिक कार्यकर्ता बुद्धि सिंह बिष्ट ने कहा कि सरकार को रेलवे लाइन हेतु अधिग्रहण करने से पूर्व एक बार पैमाइश (भूमि बंदोबस्त सर्वे प्रक्रिया) करवानी चाहिए और हनुमंत राव कमेटी की सिफारिश के अनुसार प्रत्येक प्रभावित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देनी चाहिए. वहीं, क्षेत्र पंचायत सदस्य धनवीर सिंह पुरषोड़ा ने कहा कि सरकार एक बार फिर से ग्रामीणों की भूमि डोईवाला-गंगोत्री रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहण करने जा रही है. ऐसे में सरकार को प्रभावित ग्रामीणों का ध्यान रखना चाहिए.
ये भी पढ़ें: गोविंद नगर ट्रंचिंग ग्राउंड को लेकर बैठक, गिनती भर के पार्षद पहुंचे, जनप्रतिनिधियों पर भड़के लोग
प्रभावित रेलवे लाइन का छठा स्टेशन धरवालगांव -सुनारगावं की जमीन पर प्रस्तावित है, इसलिए स्टेशन का नाम धरवालगांव- सुनारगांव रेलवे स्टेशन रखा जाए. बैठक में फैसला लिया गया कि जल्द ही प्रभावित गांवों की महापंचायत बुलाकर एक 15 सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा, जो परियोजना से प्रभावित परिवारों के साथ सामंजस्य बनाकर सरकार से वार्ता करेगी.
ये भी पढ़ें: वन ग्रामों में मूलभूत सुविधाएं दिलाने को लेकर बैठक