धनौल्टी: पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के कारण टिहरी डैम का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. टिहरी डैम का जलस्तर आज सुबह 8 बजे तक 830 आरएल मीटर पहुंच चुका था. जलस्तर बढ़ने से सरोट गांव में एक मकान की दीवार और गांव का रास्ता झील में समा गया है. जिसके बाद प्रशासन ने दो पीड़ित परिवारों को यहां से शिफ्ट कर दिया है.
झील का जलस्तर बढ़ने से आसपास के गांवों में तेजी से भू धंसाव भी हो रहा है. इन्हीं गांवों में से कंडीसौड़ तहसील क्षेत्र के सरोट गांव में भी घरों में पानी घुस गया. जिसके कारण यहां भू धंसाव होने लगा है. भू धंसाव के कारण गुरुवार रात एक मकान के नीचे दीवार का हिस्सा व गांव की तरफ जाने वाला रास्ता झील में समा गया. जिसके बाद प्रशासन ने दो परिवारों को गांव के पशु सेवा केन्द्र व पंचायत घर में शिफ्ट कर दिया है.
पढ़ें- रावत ने बाजवा को बताया भाई तो भड़के बलूनी, बोले- हमारे सैनिकों के खून से रंगे हैं उनके हाथ
प्रभावितों ने कहा वे कल रात से भयभीत हैं. वे मकान खाली कर अन्यत्र शरण लेने को मजबूर हैं. उनके द्वारा इसकी सूचना लगातार प्रशासन को भी दी गई, लेकिन प्रशासन की ओर से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला.
वहीं, सविता देवी ने बताया वे झील के बढ़ते जल स्तर से रातजगा कर रहे हैं. झील के बढ़ते जल स्तर के कारण वे भयभीत हैं. उनका छोटे-छोटे बच्चों वाला परिवार है. ऐसे में वे सरकार से मांग करते हैं कि उनके भवनों का शीघ्र भुगतान किया जाये. बुजुर्ग भागीरथू लाल का कहना है कि अधिकारी लोग आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं, जबकि उनके द्वारा इस सम्बंध में पूर्व में भी पुनर्वास विभाग के अधिकारियों को भी अवगत कराया जा चुका है.
पढ़ें- हरीश रावत की कथनी और करनी में बड़ा फर्क, 2012 में नहीं बनने दिया था दलित सीएम : अनिल बलूनी
मौके पर पहुंचे तहसीलदार कंडीसौण किशन सिंह महंत व राजस्व निरीक्षक प्रताप सिह भण्डारी ने बताया कि उनके द्वारा ब्लाक प्रमुख थौलधार प्रभा बिष्ट के साथ मौके पर जा कर निरीक्षण किया गया है. दो परिवारों को पंचायत घर व पशु सेवा केन्द्र में शिफ्ट कर दिया गया है. पानी और विद्युत की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही खतरे की आशंका को देखते हुए दो मकानों को संभावित खतरे के कारण चिह्नित कर दिया है. जिसकी रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को भेज दी गई है.
पढ़ें- हरीश रावत ने बाजवा को कहा 'प्रा' तो भड़के बलूनी, बोले- हमारे सैनिकों के खून से रंगे हैं उनके हाथ
मामले पर पुनर्वास विभाग के ईई धीरेन्द्र नेगी ने ईटीवी भारत को बताया कि 835 मीटर के अन्तर्गत आने वाले सभी भवनों का भुगतान हो चुका है. फिर भी अगर भू धसाव के कारण अगर मकान खतरे के दायरे में आ रहे हैं तो उनके निरीक्षण हेतु टीम को मौके के लिए रवाना कर दिया गया है.