धनौल्टीः विकासखंड जौनपुर मुख्यालय का मुख्य बाजार थत्यूड़ का अस्तित्व खतरे में है. 2013 में आई भीषण आपदा के कारण अगलाड़ नदी ने भारी तबाही मचाई थी. बाजार के निचले हिस्से के सभी खेत नदी में समा गए, उनका नमोनिशान मिट गया. साथ ही अगलाड़ नदी के सैलाब में बाजार के बहुमंजिली भवनों के नीचे भी भारी कटाव हो गया था.
स्थानीय लोग व व्यापारियों के अथक प्रयास के बाद नदी का बहाव मोड़ दिया गया, जिसके बाद तत्कालीन सरकार के नुमाइंदे मौके पर पहुंचे और लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिया. लेकिन आज 6 साल बीत जाने के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं.
बाजार में निवास कर रहे लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं. व्यापारियों का कहना है कि बाजार के सुरक्षा उपायों के संबंध में प्रदेश एवं भारत सरकार से कई बार पत्राचार किया गया, लेकिन केवल आश्वासनों का पुलिन्दा ही हाथ लगा. व्यापारी अकबीर सिह पंवार ने बताया कि कुछ समय पूर्व बाजार के निचले हिस्से में 16 करोड़ की लागत से तटबन्ध योजना स्वीकृत होने की बात भी सामने आई, जिससे लोगों में कुछ उम्मीद की किरण जगी थी, पर उस पर भी कुछ सकारात्मक हल की उम्मीद नहीं दिख रही.
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गौरतलब है कि जौनपुर विकासखंड के मुख्यालय होने के साथ-साथ थत्यूड़ बाजार क्षेत्र का सबसे बड़ा व्यापारिक केन्द्र हैं. अगर जल्द ही इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है तो कभी भी अगलाड़ नदी का विकराल रूप बाजार के अस्तित्व के लिए खतरा बन सकता है.
2013 में उत्तराखंड में आई भीषण आपदा में अगलाड़ नदी का विकराल रूप याद आते ही लोगों की रूह कांप जाती है. अगलाड़ नदी में आये सैलाब से लोगों के जो खेत बह गये थे उन्हें ठीक करने की जहमत वे आज तक नहीं उठा पा रहे हैं. वहीं बाजार की एक बड़ी आबादी आज भी दहशत में जीने को मजबूर हैं.