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जौनपुर मुख्यालय के मुख्य बाजार पर खतरा, आज भी अगलाड़ नदी का वो भयानक मंजर भुलाए नहीं भूलता

2013 में उत्तराखंड में आई आपदा ने देश दुनिया को हिलाकर रख दिया था. मुख्य बाजार थत्यूड़ पर आज भी इसका खतरा मंडरा रहा है.आज 6 साल बीत जाने के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं.

मुख्य बाजार का अस्तित्व खतरे में.
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Published : Nov 14, 2019, 10:15 AM IST

धनौल्टीः विकासखंड जौनपुर मुख्यालय का मुख्य बाजार थत्यूड़ का अस्तित्व खतरे में है. 2013 में आई भीषण आपदा के कारण अगलाड़ नदी ने भारी तबाही मचाई थी. बाजार के निचले हिस्से के सभी खेत नदी में समा गए, उनका नमोनिशान मिट गया. साथ ही अगलाड़ नदी के सैलाब में बाजार के बहुमंजिली भवनों के नीचे भी भारी कटाव हो गया था.

मुख्य बाजार का अस्तित्व खतरे में.

स्थानीय लोग व व्यापारियों के अथक प्रयास के बाद नदी का बहाव मोड़ दिया गया, जिसके बाद तत्कालीन सरकार के नुमाइंदे मौके पर पहुंचे और लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिया. लेकिन आज 6 साल बीत जाने के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं.

बाजार में निवास कर रहे लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं. व्यापारियों का कहना है कि बाजार के सुरक्षा उपायों के संबंध में प्रदेश एवं भारत सरकार से कई बार पत्राचार किया गया, लेकिन केवल आश्वासनों का पुलिन्दा ही हाथ लगा. व्यापारी अकबीर सिह पंवार ने बताया कि कुछ समय पूर्व बाजार के निचले हिस्से में 16 करोड़ की लागत से तटबन्ध योजना स्वीकृत होने की बात भी सामने आई, जिससे लोगों में कुछ उम्मीद की किरण जगी थी, पर उस पर भी कुछ सकारात्मक हल की उम्मीद नहीं दिख रही.

यह भी पढ़ेंः नगर निगम की बिना नंबर वाली गाड़ियों पर कसेगा शिकंजा, जल्द होगी पुलिस कार्रवाई

गौरतलब है कि जौनपुर विकासखंड के मुख्यालय होने के साथ-साथ थत्यूड़ बाजार क्षेत्र का सबसे बड़ा व्यापारिक केन्द्र हैं. अगर जल्द ही इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है तो कभी भी अगलाड़ नदी का विकराल रूप बाजार के अस्तित्व के लिए खतरा बन सकता है.

2013 में उत्तराखंड में आई भीषण आपदा में अगलाड़ नदी का विकराल रूप याद आते ही लोगों की रूह कांप जाती है. अगलाड़ नदी में आये सैलाब से लोगों के जो खेत बह गये थे उन्हें ठीक करने की जहमत वे आज तक नहीं उठा पा रहे हैं. वहीं बाजार की एक बड़ी आबादी आज भी दहशत में जीने को मजबूर हैं.

धनौल्टीः विकासखंड जौनपुर मुख्यालय का मुख्य बाजार थत्यूड़ का अस्तित्व खतरे में है. 2013 में आई भीषण आपदा के कारण अगलाड़ नदी ने भारी तबाही मचाई थी. बाजार के निचले हिस्से के सभी खेत नदी में समा गए, उनका नमोनिशान मिट गया. साथ ही अगलाड़ नदी के सैलाब में बाजार के बहुमंजिली भवनों के नीचे भी भारी कटाव हो गया था.

मुख्य बाजार का अस्तित्व खतरे में.

स्थानीय लोग व व्यापारियों के अथक प्रयास के बाद नदी का बहाव मोड़ दिया गया, जिसके बाद तत्कालीन सरकार के नुमाइंदे मौके पर पहुंचे और लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिया. लेकिन आज 6 साल बीत जाने के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं.

बाजार में निवास कर रहे लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं. व्यापारियों का कहना है कि बाजार के सुरक्षा उपायों के संबंध में प्रदेश एवं भारत सरकार से कई बार पत्राचार किया गया, लेकिन केवल आश्वासनों का पुलिन्दा ही हाथ लगा. व्यापारी अकबीर सिह पंवार ने बताया कि कुछ समय पूर्व बाजार के निचले हिस्से में 16 करोड़ की लागत से तटबन्ध योजना स्वीकृत होने की बात भी सामने आई, जिससे लोगों में कुछ उम्मीद की किरण जगी थी, पर उस पर भी कुछ सकारात्मक हल की उम्मीद नहीं दिख रही.

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गौरतलब है कि जौनपुर विकासखंड के मुख्यालय होने के साथ-साथ थत्यूड़ बाजार क्षेत्र का सबसे बड़ा व्यापारिक केन्द्र हैं. अगर जल्द ही इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता है तो कभी भी अगलाड़ नदी का विकराल रूप बाजार के अस्तित्व के लिए खतरा बन सकता है.

2013 में उत्तराखंड में आई भीषण आपदा में अगलाड़ नदी का विकराल रूप याद आते ही लोगों की रूह कांप जाती है. अगलाड़ नदी में आये सैलाब से लोगों के जो खेत बह गये थे उन्हें ठीक करने की जहमत वे आज तक नहीं उठा पा रहे हैं. वहीं बाजार की एक बड़ी आबादी आज भी दहशत में जीने को मजबूर हैं.

Intro:आपदा के बाद से खतरे मे बाजार का अस्तित्वBody:
धनौल्टी (टिहरी)

स्लग- खतरे की जद में मुख्यालय का बाजार ,आपदा के जख्म नही भर पाई सरकार

एंकर-विकासखण्ड जौनपुर मुख्यालय का मुख्य बाजार थत्यूड़ जिसके एक तरफ के भवनो के नीचे 2013 मे उत्तराखंड मे आई भीषण आपदा के कारण आगलाड़ नदी ने भारी तबाही मचाई थी बाजार के निचले हिस्से के सभी खेत अगलाड़ नदी के चपेट मे आने से उनका नमो निशां मिट गया साथ ही अगलाड़ नदी के सैलाव मे बाजार के बहुमंजिली भवनों के नीचे भी भारी कटाव हो गया था गनीमत रहा कि स्थानीय लोगो व व्यापारियों के अथक प्रयास के बाद लोग नदी के बहाव को को मोड़ने में काबयाब रहे थे जिसके बाद तत्कालीन सरकार के नुमाइंदे भी मौके पर पहुँचे और लोगों को सुरक्षा के उपायो का भरोसा दिया लेकिन आज 6 साल बीत जाने के बाद भी हालात जस के तस बने हुए है और बाजार मे निवास कर रहे लोग दहशत के साये में जीने को मजबूर है व्यापारियों का कहना है कि हमारे द्वारा बाजार के सुरक्षा उपायो के सम्बंध मे प्रदेश एवं भारत सरकार से कई मर्तबा पत्राचार किया गया लेकिन केवल आश्वाशनो का पुलिन्दा ही हाथ लगा व्यापारी अकबीर सिह पंवार ने बताया कि कुछ समय पूर्व बाजार के निचले हिस्से में 16 करोड़ की लागत से तटबन्ध योजना स्वीकृत होने की बात भी सामने आई जिससे लोगों में कुछ उम्मीद की किरण जगी थी पर उस पर भी कुछ सकारात्मक हल की उम्मीद नही दिख रही
गौरतलब है कि जौनपुर विकासखण्ड के मुख्यालय होने के साथ साथ थत्यूड़ बाजार क्षेत्र का सबसे बड़ा ब्यापारिक केन्द्र है जहां पर प्रतिदिन क्षेत्र के सैकड़ो गाँव के लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतो के लिए निर्भर है अगर शीघ्र ही इस ओर ध्यान नही दिया जाता तो कभी भी अगलाड़ नदी का विकराल रूप बाजार के अस्तित्व के लिए खतरा हो सकता है

बाईट-अकबीर पंवार (व्यापारी)
सत्येश्वर लेखवार





Conclusion:2013 में उत्तराखंड मे आई भीषण आपदा मे अगलाड़ नदी का विकराल रूप लोगो को आज भी याद है जिसकी याद आते ही लोगों की रूह काँप जाती है अगलाड़ नदी मे आये सैलाब से लोगों के जो खेत बह गये थे उन्हे ठीक करने की जहमत वे आज तक नही उठा पा रहे है वही बाजार की एक बड़ी आबादी आज भी दहशत में जीने को मजबूर है
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