ETV Bharat / state

पलायन रोकने की सीख दे रहे हैं विधायक शक्ति लाल शाह

author img

By

Published : Jul 7, 2019, 7:19 PM IST

घनसाली के विधायक शक्ति लाल और उनकी पत्नी कमलेश्वरी को शहर का वातावरण पसंद नहीं है. कमलेश्वरी शाह खेतीबाड़ी और पशुपालन के काम में खुद को व्यस्त रखती हैं. इसकेअलावा गांव में ही एक आंगनबाड़ी केन्द्र में सहायिका भी हैं.

पलायन रोकने की सीख दे रहे हैं विधायक शक्ति लाल शाह

टिहरी: प्रदेश में पलायन एक बड़ी समस्या बन गया है. पलायन पर ईटीवी भारत की मुहिम भी लगातार जारी है. इसी क्रम में आज हम आपको घनसाली के बीजेपी विधायक शक्ति लाल शाह से रूबरू करवाने जा रहे हैं. जो आज भी अपने परिवार के साथ गांव में रहते हैं.

पलायन रोकने की सीख दे रहे हैं विधायक शक्ति लाल शाह

घनसाली विधायक शाह अन्य नेताओं की तरह राजनैतिक कुनबे और पद का फायदा उठाकर राजधानी में अपने परिवार को शिफ्ट कर आराम की जिंदगी जी सकते थे. लेकिन उन्होंने गांव में ही रहना मुनासिब समक्षा. घनसाली से बीजेपी विधायक शक्ति लाल शाह का कहना है कि हमें अपने गांव की मिट्टी से जुडे़ रहना चाहिए, ताकि हमारे गांव बचे रहे. गांव में रहकर हम अपनी सभ्यता और संस्कृति को भी आगे बढ़ा सकते हैं.

पढ़ेंः हल्द्वानी की इस शिक्षिका ने किया ऐसा कारनामा, जानकर आप भी करेंगे सलाम

घनसाली के विधायक शक्ति लाल और उनकी पत्नी कमलेश्वरी को शहर का वातावरण पसंद नहीं है. कमलेश्वरी शाह खेतीबाड़ी और पशुपालन के काम में खुद को व्यस्त रखती हैं. इसके अलावा गांव में ही एक आंगनबाड़ी केन्द्र में सहायिका भी हैं. उन्हें अपने गांव का माहौल काफी पसन्द है. कमलेश्वरी आगे कहती हैं कि उनके पति शक्ति लाल विधायकी कामों से समय निकालकर उनके कामों में भी हाथ बंटाते हैं. विधायक शक्ति लाल का कहना है कि अगर पलायन पर रोक लगानी है तो हमे अपने स्तर से कार्य करना होगा.

पढ़ेंः हल्द्वानी में बनेगी पहली ऑर्गेनिक मंडी, किसानों को मिलेगा लाभ

वे आगे कहते हैं कि प्रदेश में तीर्थाटन की अपार संभावनाएं हैं. युवाओं को पलायन के बजाए अपने घर में ही रोजगार की संभावनाएं तलाशनी होंगी. इसके अलावा पहाड़ से जुड़े अन्य विधायकों को भी अपने गांव में युवाओं की बेहतरी के लिए काम करना चाहिए, ताकि पलायन पर रोक लगे.

टिहरी: प्रदेश में पलायन एक बड़ी समस्या बन गया है. पलायन पर ईटीवी भारत की मुहिम भी लगातार जारी है. इसी क्रम में आज हम आपको घनसाली के बीजेपी विधायक शक्ति लाल शाह से रूबरू करवाने जा रहे हैं. जो आज भी अपने परिवार के साथ गांव में रहते हैं.

पलायन रोकने की सीख दे रहे हैं विधायक शक्ति लाल शाह

घनसाली विधायक शाह अन्य नेताओं की तरह राजनैतिक कुनबे और पद का फायदा उठाकर राजधानी में अपने परिवार को शिफ्ट कर आराम की जिंदगी जी सकते थे. लेकिन उन्होंने गांव में ही रहना मुनासिब समक्षा. घनसाली से बीजेपी विधायक शक्ति लाल शाह का कहना है कि हमें अपने गांव की मिट्टी से जुडे़ रहना चाहिए, ताकि हमारे गांव बचे रहे. गांव में रहकर हम अपनी सभ्यता और संस्कृति को भी आगे बढ़ा सकते हैं.

पढ़ेंः हल्द्वानी की इस शिक्षिका ने किया ऐसा कारनामा, जानकर आप भी करेंगे सलाम

घनसाली के विधायक शक्ति लाल और उनकी पत्नी कमलेश्वरी को शहर का वातावरण पसंद नहीं है. कमलेश्वरी शाह खेतीबाड़ी और पशुपालन के काम में खुद को व्यस्त रखती हैं. इसके अलावा गांव में ही एक आंगनबाड़ी केन्द्र में सहायिका भी हैं. उन्हें अपने गांव का माहौल काफी पसन्द है. कमलेश्वरी आगे कहती हैं कि उनके पति शक्ति लाल विधायकी कामों से समय निकालकर उनके कामों में भी हाथ बंटाते हैं. विधायक शक्ति लाल का कहना है कि अगर पलायन पर रोक लगानी है तो हमे अपने स्तर से कार्य करना होगा.

पढ़ेंः हल्द्वानी में बनेगी पहली ऑर्गेनिक मंडी, किसानों को मिलेगा लाभ

वे आगे कहते हैं कि प्रदेश में तीर्थाटन की अपार संभावनाएं हैं. युवाओं को पलायन के बजाए अपने घर में ही रोजगार की संभावनाएं तलाशनी होंगी. इसके अलावा पहाड़ से जुड़े अन्य विधायकों को भी अपने गांव में युवाओं की बेहतरी के लिए काम करना चाहिए, ताकि पलायन पर रोक लगे.

Intro:टिहरी जिले के घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह आज भी रहते है गाव में,अन्य विधायक को दिया सबक,

आम तौर पर जनप्रतिनिधि विधायक बनते ही शहरों में श्प्टि हो जाते हैं और परिवार सहित पलायन कर जाते हैं। उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद तो अधिकांश विधायकों ने देहरादून सहित अन्य शहरों को अपना ठिकाना बना दिया। लेकिन घनसाली के विधायक ओर उनकी पत्नी ऐसी हैं जिन्हे शहरों का वातावरण पसंद नही है। वह अपने गांव में ही रहना पसंद करती हैं और पहाड़ की स्वच्छ हवा- पानी की मुरीद हैं।

Body: कमलेश्वरी शाह घनसाली से विधायक शक्ति लाल शाह की पत्नी है। कमलेश्वरी खेती बाड़ी करती हैं, पशुपालन करती हैं। गांव के ही एक आंगनवाड़ी केन्द्र में सहायिका भी है। आंगनवाड़ी केन्द्र के संचालन के बाद वह अपने घर का काम निपटाती हैं। अपनी भेंस के लिये चारा पत्ती लाती हैं और शाम सुवह भैंस पिजाती हैं। गांव में अपनी पारम्परिक खेती करती हैं। उनको अपने गांव का माहोल पसन्द है। कमलेश्वरी कहती है कि यंहा ताजी हवा - पानी सब तो है। कम से कम प्रदूषण तो नही है। अपनी जैविक खेती से उगाया अनाज मिलता है। उनका कहना कि पति के विधायक बनने के बाद उन्होने कभी शहरों में रहने की चाह नही रखी है।

बाइट-1- कमलेश्वरी देवी- विधायक की पत्नी।

विधायक शक्ति लाल भी गांव आने पर अपनी पत्नी के साथ काम हाथ बंटाते हैं। विधायक का कहना है कि पलायन पर रोक थाम के लिये खुद जनप्रतिनिधियों को पहल करनी होगी। उन्होने कहा कि कृषि और ओद्याानिकी के बलबूते उत्तराखण्ड स्वाबलम्बी बन सकता है। यंहा पर्यटन और तीर्थाटन की अपार संभावनायें हैं। युवाओं को पलायन के बजाय अपने घर में ही रोजगार की संभावनाये तलाशनी होंगी।

बाइट-2- शक्ति लाल शाह- विधायक घनसाली।

Conclusion:
उत्तराखण्ड में पलायन एक बड़ी समस्या है। राज्य बनने के बाद पलायन के आंकड़ों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। गांव के गांव लगातार खाली होते जा रहे हैं। बेहतर शिक्षा और चिकित्सा की कमी के चलते लोग पलायन को मजबूर हैं। ऐसे में जनप्रतिनिधियों को पहले पहल करनी होगी। गांवों में मूलभूत सुविधाओं को विकसित कर पलायन पर विराम लगाना होगा। उम्मीद है कि सरकार और आम जन इस तरफ पहल करेंगे, जिससे खाली और वीरान होते पहाड़ के गांवों खुशहाली आ सके।

साथ ही कह की सभी विधायकों को अपनेअपने गाव में रहना चाहिये, जिससे पलायन भी रुकेगा ओर जनता आसानी से मिल सकती है,
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.