टिहरी: आखिरकार 30 साल बाद टिहरी डैम प्रभावित रौलाकोट के ग्रामीणों को आशियाना मिलने जा रहा है. लंबे समय से ग्रामीण विस्थापन की मांग कर रहे थे. भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए टिहरी डैम प्रभावित रौलाकोट गांव के तत्काल पुनर्वास और विस्थापित करने के निर्देश दिये थे. ऐसे में अब 29 अप्रैल को लॉटरी के जरिये रो को भूखंड आवंटित किये जाएंगे.
आपको बता दें कि टिहरी बांध की झील बनने के बाद टिहरी झील के किनारे 1 दर्जन से अधिक गांव झील की जद में आ गए थे. जिस कारण ग्रामीणों के खेत खलियान और मकान टिहरी बांध की झील में डूब गए. पिछले 30 सालों से टिहरी यहां के ग्रामीण अपने विस्थापन की मांग कर रहे थे लेकिन बांध परियोजना की हीला हवाली के कारण इनका विस्थापन नहीं हो पा रहा है.
वहीं, टिहरी जिला अधिकारी और पुनर्वास निदेशक ईवा आशीष श्रीवास्तव ने उत्तराखंड राज्य सरकार के सहयोग से भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय में समक्ष टिहरी झील से प्रभावित ग्रामीणों की समस्या को रखा. जिस पर भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों को रौलाकोट गांव का तत्काल पुनर्वास और विस्थापित करने के निर्देश दिए हैं.
टिहरी बांध परियोजना की ओर से रौलाकोट गांव के विस्थापित करने के लिए जमीन उपलब्ध करवाई गई है. जिसके जिला प्रशासन ने ग्राम रौलाकोट के ग्रामीणों को आवासीय व कृषि भूखंड लॉटरी के माध्यम से देने के लिए विज्ञप्ति जारी कर दी है. जिलाधिकारी ने निर्देश दिये हैं कि भूखंड आवंटन करते समय पूरी पारदर्शिता बरती जाए. ऐसे में 29 अप्रैल 2022 को 11:00 बजे बहुउद्देशीय हॉल में लॉटरी के माध्यम से रौलाकोट गांव के ग्रामीणों को कृषि एवं आवासीय भूखंड आवंटित किए जाएंगे.
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बता दें कि रौलाकोट के प्रभावित परिवारों को देहरादून के ऋषिकेश प्रतीक नगर में 109 और हरिद्वार के रोशनाबाद में 6 कृषि भूखंड दिए जाएंगे, जबकि देहरादून के केदारपुरम पटेल नगर हरिद्वार के पथरी और ऋषिकेश के पशुलोक में आवासीय भूखंड दिए जाएंगे. जबकि, अन्य गांव के प्रभावितों को 74 लाख और 40 लाख की नकद राशि दी जाएगी.
वहीं, रौलाकोट गांव के करीब 128 परिवार 30 वर्षों से लगातार अपने विस्थापन की मांग कर रहे थे लेकिन आज तक उनका विस्थापन नहीं हो पाया. ऐसे में अब आखिरकार उनकी सुनवाई हुई है और उन्हें विस्थापित किया जा रहा है. जिससे रौलाकोट के ग्रामीणों में खुशी की लहर है.