टिहरी: डोबरा चांठी पुल से लंबगांव जाने वाली सड़क खतरनाक हो गई है. खस्ताहाल सड़क के चलते कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं. बरसात में गड्ढों में पानी भर गया है. इससे वाहन चालकों को बड़ी मुश्किल पेश आ रही है.
जान जोखिम में डालकर हो रही यात्रा: एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध की झील के ऊपर बने डोबरा चांठी पुल से लेकर गांव तक सड़क की बुरी दशा के चलते वाहन चालकों को और यात्रियों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है. यात्रा सीजन के चलते आजकल बड़ी संख्या में यात्री सेम मुखेम पहुंच रहे हैं. सेम मुखेम पहुंचने के लिए डोबरा चांठी पुल से होकर लंबगांव होते हुए जा रहे हैं. आजकल तेज बारिश के चलते सड़कों के गड्ढों में पानी भर गया है. इस कारण वाहन चालकों को समस्याएं उठानी पड़ रही हैं. देश-विदेश के पर्यटक डोबरा चांठी पुल और सेम मुखेम पहुंच रहे हैं. साथ ही यहां सड़क के किनारे सुरक्षा के लिए क्रॉस बैरियर भी नहीं लगाए गए हैं.
रोड को डबल लेन बनाकर डामरीकरण की मांग: सरकार ने तीन सौ करोड़ की लागत से डोबरा-चांठी पुल तो बना दिया, लेकिन पुल को दोनों ओर से जोड़ने वाली सड़क बदहाल बनी है. ग्रामीण लंबे समय से खस्ताहाल बनी ढुंगीधार-जाख-डोबरा और चांठी-लंबगांव मोटर मार्ग को डबल लेन कर डामरीकरण की मांग कर रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी स्थिति जस की तस बनी है.
2 लाख की आबादी की जान हथेली पर: इस सड़क से प्रतापनगर, थौलधार, जाखणीधार ब्लॉक से लेकर उत्तरकाशी के गाजणा पट्टी की करीब दो लाख आबादी सफर करती है. मार्ग पर प्रत्येक दिन छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं. नवंबर 2021 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग पर मार्ग को डबल लेन करने की घोषणा की थी. लेकिन लंबे समय बाद भी सीएम की घोषणा पूरी नहीं हो पाई है.
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पीडब्ल्यूडी के अफसर ने क्या कहा: लोनिवि प्रांतीय खंड बौराड़ी के अफसरों से जब फोन पर बात की गई तो उनका कहना था कि लंबगांव मोटर मार्ग का टेंडर हो चुका है. इसका डामरीकरण इस बरसात के बाद कर दिया जाएगा. डामरीकरण का बजट भी तय हो गया है.