टिहरी: टिहरी बांध में पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) का काम अब दिसंबर 2022 तक पूरा हो पाएगा. लॉकडाउन होने की वजह से टीएचडीसी इंडिया ने एक हजार मेगावाट के पंप स्टोरेज प्लांट को दिसंबर 2022 तक पूरा होने की बात कही है. टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अधिशासी निदेशक विनय कुमार बडोनी का कहना है कि यह परियोजना टीएचडीसी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
टिहरी बांध में लगने वाला पंप स्टोरेज प्लांट ऊर्जा उत्पादन के साथ ग्रिड स्टेबिलिटी में अहम रोल निभाएगा. इस प्लांट के जरिए कोटेश्वर रिजर्व जलाशय से पानी को रिवर्स टिहरी डैम लाया जाएगा और 250 मेगावाट की चार टरबाइनों को चलाया जाएगा. बिजली की मांग बढ़ने पर पीएसपी से उत्पादन भी शुरू किया जाएगा.
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बडोनी के मुताबिक लॉकडाउन के चलते पीएसपी निर्माण कार्य पर असर पड़ा है. काम ज्यादा प्रभावित ना हो, इसके लिए मजदूरों को रोका गया था. 23 अप्रैल को शासन से अनुमति मिलने के बाद काम फिर शुरू किया गया है. सब कुछ ठीक रहा तो दिसंबर 2022 तक पीएसपी का निर्माण पूरा हो जाएगा. टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अधिशासी निदेशक विनय कुमार बडोनी के मुताबिक निर्माण कार्य में सभी मानकों व गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है. बाहर से आने वाले कर्मचारियों को क्वारंटाइन करने के साथ ही कर्मचारियों की रोजाना थर्मल स्क्रीनिंग हो रही है.
क्या है पीएसपी परियोजना
एक हजार मेगावाट की पंप स्टोरेज प्लांट को राष्ट्र को सौंपने के लिए तेजी से प्रयास हो रहे हैं. ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए अहम मानी जा रही पीएसपी के निर्माण से देश के कई राज्यों को बिजली मिलेगी. भूमिगत इस परियोजना का निर्माण करीब 9 हजार मीटर लंबी सुरंगें पहाड़ के अंदर बनाकर किया जा रहा है. एक हजार मेगावाट की पीएसपी परियोजना का निर्माण 2011 से चल रहा है.
टिहरी बांध परियोजना
टिहरी बांध परियोजना का निर्माण अविभाजित उत्तर प्रदेश में 1978 में शुरू हुआ था. शुरुआती दौर में बांध की क्षमता 600 मेगावाट निर्धारित थी. तकनीकी कारणों से कुछ समय के बांध का निर्माण कार्य रुका रहा. 1988 में टीएचडीसी का गठन सरकार ने निर्माण कार्य को फिर से शुरू कराया. 1990 में परियोजना की डिजाइन बदलकर इसकी क्षमता 2400 मेगावाट कर दी गई. जिसमें टिहरी बांध एक हजार मेगावाट, कोटेश्वर बांध 400 और टिहरी पम्प स्टोरेज प्लांट की क्षमता एक हजार मेगावाट है.