टिहरीः कुंडी गांव के जंगलों में शिकार करने के दौरान चार युवकों की संदिग्ध मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने आरोपी राजीव के पिता को भी साक्ष्य छुपाने के आरोप में गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है. लेकिन पुलिस अभी तक घटना में इस्तेमाल बंदूक को बरामद नहीं कर पाई है. जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.
गौर हो कि टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के खवाड़ा गांव निवासी राजीव उर्फ रजी कुंडी गांव के अपने छह दोस्तों के साथ बीते 3 अप्रैल की रात को शिकार करने गया था. इस दौरान एक युवक संतोष की गोली लगने और तीन युवकों सोबन, पंकज और अर्जुन ने डरकर जहर गटक लिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी. जिसके बाद एक आरोपी राजीव मौके से फरार हो गया था.
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वहीं, बीते 7 अप्रैल को राजीव ने सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था. जहां से कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था. इस बीच पुलिस ने घटना की जांच के लिए आरोपी के रिमांड की मांग की थी, कोर्ट ने दो दिन की रिमांड स्वीकृत की, लेकिन पूछताछ में पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा. हालांकि उसने पुलिस को बताया कि घटना में इस्तेमाल बंदूक को घटना के अगले दिन ही अपने पिता को दे दी थी.
अभी तक पुलिस के हाथ घटना में इस्तेमाल बंदूक नहीं लग पाई है. पुलिस बंदूक की बरामदगी के लिए हाथ-पांव मार रही है. जिससे बंदूक बरामद हो सकें और आरोपी को सजा मिल सके, लेकिन घटना को 14 दिन से ज्यादा का समय हो गया है, अभी तक पुलिस बंदूक को बरामद नहीं सकी है.
वहीं, घनसाली थानाध्यक्ष कुलदीप शाह ने बताया कि बंदूक को लेकर राजीव के पिता प्रताप सिंह से सख्ती से पूछताछ की गई. पूछताछ में प्रताप सिंह ने बताया कि बंदूक उसने जंगल की ऊंची चोटी से खाई में फेंक दी थी. थानाध्यक्ष शाह ने बताया कि साक्ष्य छुपाने के आरोप में प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से कोर्ट से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.