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नरेंद्रनगर ट्रेजरी से ₹2.48 करोड़ गबन के पांचों आरोपी 24 घंटे में गिरफ्तार, ऐसे हड़पते थे मृतक पेंशनर्स के पैसे

नरेंद्रनगर कोषागार से गबन मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि जिन पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी होती थी, उसकी फाइल में हेराफेरी कर वह पैसों को अपने और परिचितों की खातों में पेंशन की राशि ट्रांसफर कर लेते थे.

Police arrested 5 accused
नरेंद्रनगर कोषागार से ₹2.48 करोड़ का गबन
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Published : Jan 7, 2022, 6:01 PM IST

Updated : Jan 7, 2022, 6:15 PM IST

टिहरी: नरेंद्रनगर कोषागार से ₹2.48 करोड़ गबन के मामले में पुलिस ने आरोपी कोषाधिकारी जगदीश चंद्र, लेखाकार विनय कुमार चौधरी, पीआरडी सोहबत सिंह पडियार सहित क्लर्क कल्पेश भट्ट और रणजीत कुमार को गिरफ्तार किया है. टीम ने मुस्तैदी दिखाते हुए आरोपियों को महज 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया. टीम वर्क से खुश होकर एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने टीम को 2500 रुपये नकद इनाम देने की घोषणा की है.

वरिष्ठ कोषाधिकारी ने दी थी तहरीर: गौर हो कि बीती 6 जनवरी को वरिष्ठ कोषाधिकारी नमिता सिंह ने थाना नरेंद्रनगर में तहरीर दी थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि नरेंद्रनगर कोषागार से करोड़ों रुपये का गबन किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कोषाधिकारी जगदीश चंद्र, लेखाकार विनय कुमार चौधरी और पीआरडी सोहबत सिंह पडियार बीते कुछ वर्षों से कोषागार के ई-पोर्टल पर लॉगिन कर पेंशनर्स के डाटा में छेड़छाड़ कर पेंशनर्स के बैंक खातों की जगह स्वयं और अपने परिचितों के बैंक खातों में पेंशन व एरियर का भुगतान कर रहे हैं. उन्होंने सरकारी धन का गबन किया है.

वहीं, तहरीर पर थाना नरेंद्रनगर ने 2 करोड़ 48 लाख 46 हजार 829 रुपये का का गबन पाया, जिसके बाद एसएसपी नवनीत सिंह के निर्देश पर एसएचओ प्रदीप पंत के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया. टीम ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए 24 घंटों के भीतर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

ये भी पढ़ें: एक लाख के इनाम के लालच में फंस गया अमिताभ, अब पुलिस से लगा रहा गुहार

ऐसे होती थी हेरा-फेरी: पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो लोग ज्यादातर उन पेंशन फाइलों को छांटते थे, जिन पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी है. फिर ई-पोर्टल में उनके जीआरडी नंबर पर उन्हें जीवित दर्शा कर उनके खातों और नाम पर अपने परिचितों का खाता नंबर व नाम आदि डाल देते थे. जिसके बाद पेंशनर्स का रुपया उनके परिचितों के खाते में आ जाता था. इसके बाद वो अपने परिचितों को कमीशन के रूप में कुछ रुपये देकर बाकी सारे रुपये वापस ले लेते थे. इस प्रकार धोखाधड़ी कर अनैतिक काम कर रहे थे.

गिरफ्तार किये गये आरोपियों में कोषाधिकारी जगदीश चंद (गबन की धनराशि 5 लाख 13 हजार 542), लेखाकार विनय कुमार (गबन की गई धनराशि 1 करोड़ 19 लाख 68 हजार 579), पीआरडी सोहबत सिंह (गबन की धनराशि 23 लाख 46 हजार 748), क्लर्क कल्पेश भट्ट (गबन की गई धनराशि 26 लाख 54 हजार 302) व रणजीत कुमार (गबन की गई धनराशि 1 लाख 39 हजार 325) शामिल हैं.

टिहरी ट्रेजरी घोटाले में भी सफलता: गौर हो कि इसके अलावा टिहरी जिल में ही एक और ट्रेजरी घोटाला चर्चाओं में है. नई टिहरी वरिष्ठ कोषाधिकारी कार्यालय में ₹2 करोड़ 21 लाख रुपए की गबन का मामला सामने आने पर सहायक कोषाधिकारी अरविंद सिंह चौहान ने 29 दिसंबर की रात नई टिहरी कोतवाली में लापता दोनों कर्मचारियों सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में भी गबन करने वाले आरोपियों को टिहरी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए आरोपियों में जयप्रकाश शाह (लेखाकार कोषागार नई टिहरी, गबन की गयी धनराशि ₹1,35,46,687), यशपाल सिंह नेगी (लेखाकार कोषागार नई टिहरी, गबन की गई धनराशि ₹ 33,03,045), मनोज कुमार (गबन की गयी धनराशि ₹41,95,500), सुरेन्द्र सिंह पंवार (गबन की गयी धनराशि ₹10,77,918), सोमप्रकाश (पुत्र पदम लाल), सागर (पुत्र राजकुमार), दीपक पुत्र सूरज सैनी, शामिल हैं.

टिहरी: नरेंद्रनगर कोषागार से ₹2.48 करोड़ गबन के मामले में पुलिस ने आरोपी कोषाधिकारी जगदीश चंद्र, लेखाकार विनय कुमार चौधरी, पीआरडी सोहबत सिंह पडियार सहित क्लर्क कल्पेश भट्ट और रणजीत कुमार को गिरफ्तार किया है. टीम ने मुस्तैदी दिखाते हुए आरोपियों को महज 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया. टीम वर्क से खुश होकर एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने टीम को 2500 रुपये नकद इनाम देने की घोषणा की है.

वरिष्ठ कोषाधिकारी ने दी थी तहरीर: गौर हो कि बीती 6 जनवरी को वरिष्ठ कोषाधिकारी नमिता सिंह ने थाना नरेंद्रनगर में तहरीर दी थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि नरेंद्रनगर कोषागार से करोड़ों रुपये का गबन किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कोषाधिकारी जगदीश चंद्र, लेखाकार विनय कुमार चौधरी और पीआरडी सोहबत सिंह पडियार बीते कुछ वर्षों से कोषागार के ई-पोर्टल पर लॉगिन कर पेंशनर्स के डाटा में छेड़छाड़ कर पेंशनर्स के बैंक खातों की जगह स्वयं और अपने परिचितों के बैंक खातों में पेंशन व एरियर का भुगतान कर रहे हैं. उन्होंने सरकारी धन का गबन किया है.

वहीं, तहरीर पर थाना नरेंद्रनगर ने 2 करोड़ 48 लाख 46 हजार 829 रुपये का का गबन पाया, जिसके बाद एसएसपी नवनीत सिंह के निर्देश पर एसएचओ प्रदीप पंत के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया. टीम ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए 24 घंटों के भीतर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

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ऐसे होती थी हेरा-फेरी: पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो लोग ज्यादातर उन पेंशन फाइलों को छांटते थे, जिन पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी है. फिर ई-पोर्टल में उनके जीआरडी नंबर पर उन्हें जीवित दर्शा कर उनके खातों और नाम पर अपने परिचितों का खाता नंबर व नाम आदि डाल देते थे. जिसके बाद पेंशनर्स का रुपया उनके परिचितों के खाते में आ जाता था. इसके बाद वो अपने परिचितों को कमीशन के रूप में कुछ रुपये देकर बाकी सारे रुपये वापस ले लेते थे. इस प्रकार धोखाधड़ी कर अनैतिक काम कर रहे थे.

गिरफ्तार किये गये आरोपियों में कोषाधिकारी जगदीश चंद (गबन की धनराशि 5 लाख 13 हजार 542), लेखाकार विनय कुमार (गबन की गई धनराशि 1 करोड़ 19 लाख 68 हजार 579), पीआरडी सोहबत सिंह (गबन की धनराशि 23 लाख 46 हजार 748), क्लर्क कल्पेश भट्ट (गबन की गई धनराशि 26 लाख 54 हजार 302) व रणजीत कुमार (गबन की गई धनराशि 1 लाख 39 हजार 325) शामिल हैं.

टिहरी ट्रेजरी घोटाले में भी सफलता: गौर हो कि इसके अलावा टिहरी जिल में ही एक और ट्रेजरी घोटाला चर्चाओं में है. नई टिहरी वरिष्ठ कोषाधिकारी कार्यालय में ₹2 करोड़ 21 लाख रुपए की गबन का मामला सामने आने पर सहायक कोषाधिकारी अरविंद सिंह चौहान ने 29 दिसंबर की रात नई टिहरी कोतवाली में लापता दोनों कर्मचारियों सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में भी गबन करने वाले आरोपियों को टिहरी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए आरोपियों में जयप्रकाश शाह (लेखाकार कोषागार नई टिहरी, गबन की गयी धनराशि ₹1,35,46,687), यशपाल सिंह नेगी (लेखाकार कोषागार नई टिहरी, गबन की गई धनराशि ₹ 33,03,045), मनोज कुमार (गबन की गयी धनराशि ₹41,95,500), सुरेन्द्र सिंह पंवार (गबन की गयी धनराशि ₹10,77,918), सोमप्रकाश (पुत्र पदम लाल), सागर (पुत्र राजकुमार), दीपक पुत्र सूरज सैनी, शामिल हैं.

Last Updated : Jan 7, 2022, 6:15 PM IST
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