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घनसाली के इस स्वास्थ्य केंद्र में 'किश्तों' में सेवा देते हैं डॉक्टर, मरीजों को इलाज नहीं मिलता है दिलासा

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पीपीपी मोड के तहत 9 डॉक्टरों की तैनाती होनी थी. लेकिन अभी तक 4 डॉक्टरों की ही तैनाती हो पाई है. वहीं इन चार डॉक्टरों में से दो ही डॉक्टर केन्द्र में सेवा देते हैं और दो डॉक्टरों को केवल 10 से 15 दिन के लिए स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाता है.

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Published : May 12, 2019, 2:25 PM IST

अस्पताल के मुख्य गेट से 30 मीटर की दूरी पर तोड़ी जा रही बाउंड्री.

टिहरी: घनसाली के बेलेश्वर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पीपीपी प्रबंधन ने स्वास्थ्य केंद्र में 9 डॉक्टर मुहैया कराए थे. लेकिन 4 ही डॉक्टरों की तैनाती हो पाई है. मरीजों द्वारा पूछे जाने पर प्रबंधन केवल दिलासा देते ही नजर आता है.

जानकारी देते प्रभारी डॉ. श्याम विजय.

आपके बता दें कि पीपीपी मोड के तहत स्वास्थ्य केंद्र में 9 डॉक्टरों की तैनाती होनी थी. लेकिन अभी तक 4 डॉक्टरों की ही तैनाती हो पाई है. वहीं इन चार डॉक्टरों में से दो ही डॉक्टर केन्द्र में सेवा देते हैं और दो डॉक्टरों को केवल 10 से 15 दिन के लिए स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाता है.

वहीं केंद्र में अल्ट्रा साउंड मशीन लगाई गई है, लेकिन अल्ट्रा साउंड नहीं किए जाते हैं. साथ ही अस्पताल में जनरेटर भी लगाया गया है पर लाइट जाने पर उसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
अब अस्पताल की बाउंड्री को मुख्य गेट से 30 मीटर की दूरी पर तोड़ा जा रहा है, ताकि डॉक्टरों को शार्ट कट रास्ता दिया जा सके.

पीपीपी मोड प्रबंधन से जुड़े अधिकारी अब्दुल्लाह चौधरी से मामले को लेकर पूछने पर उन्होंने बाद में बतायेगें करके मामले से पल्ला झाड़ लिया. केन्द्र प्रभारी डॉ. श्याम विजय ने बताया कि पीपीपी मोड पर आने वाले डॉक्टरों की सुविधाओं के लिए नया गेट बनाया जा रहा है.

टिहरी: घनसाली के बेलेश्वर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पीपीपी प्रबंधन ने स्वास्थ्य केंद्र में 9 डॉक्टर मुहैया कराए थे. लेकिन 4 ही डॉक्टरों की तैनाती हो पाई है. मरीजों द्वारा पूछे जाने पर प्रबंधन केवल दिलासा देते ही नजर आता है.

जानकारी देते प्रभारी डॉ. श्याम विजय.

आपके बता दें कि पीपीपी मोड के तहत स्वास्थ्य केंद्र में 9 डॉक्टरों की तैनाती होनी थी. लेकिन अभी तक 4 डॉक्टरों की ही तैनाती हो पाई है. वहीं इन चार डॉक्टरों में से दो ही डॉक्टर केन्द्र में सेवा देते हैं और दो डॉक्टरों को केवल 10 से 15 दिन के लिए स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाता है.

वहीं केंद्र में अल्ट्रा साउंड मशीन लगाई गई है, लेकिन अल्ट्रा साउंड नहीं किए जाते हैं. साथ ही अस्पताल में जनरेटर भी लगाया गया है पर लाइट जाने पर उसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
अब अस्पताल की बाउंड्री को मुख्य गेट से 30 मीटर की दूरी पर तोड़ा जा रहा है, ताकि डॉक्टरों को शार्ट कट रास्ता दिया जा सके.

पीपीपी मोड प्रबंधन से जुड़े अधिकारी अब्दुल्लाह चौधरी से मामले को लेकर पूछने पर उन्होंने बाद में बतायेगें करके मामले से पल्ला झाड़ लिया. केन्द्र प्रभारी डॉ. श्याम विजय ने बताया कि पीपीपी मोड पर आने वाले डॉक्टरों की सुविधाओं के लिए नया गेट बनाया जा रहा है.

Intro:जनपद टिहरी -विधानसभा घनसाली के बेलेश्वर में सामुदायिक स्वाथ्यय केंद्र में अजब -गजबBody:रिपोर्ट - पीपीपी मोड पर चलने वाले सामुदायिक स्वाथ्यय केंद्र बेलेश्वर में जहाँ अभी भी है सुविधवाओ का टोटा वहां पीपीपी प्रबंधन की मनमानियों का दौरा शुरू।

पीपीपी प्रबंधन द्वारा जहां इस अस्प्ताल को पीपीपी मोड के तहत 9 डॉ मुहैया करवाने थे उनकी जगह मौजूद है केवल 4 डॉ।
2 डॉ हमेशा यहां किश्तो में उपलब्ध कराये जाते है यानी कि उन्हें यहाँ पर 10-15 दिन के समय के लिए भेजा जाता है।

जबकि अन्य कबतक आएंगे इसका केवल दिलासा लोगों को मिलता रहता है।
दिसंबर माह से यहां पीपीपी मोड के नाम पर फालतू खर्चे बहुत हुए है परंतु डॉ नही पहुंचा पा रहा प्रबंधन।


आज सुबह की जानकारी के मुताबिक इस अस्प्ताल की मुख्य बॉण्डरी को मुख्य गेट से 20-30 मीटर की दूरी पर तोड़ा जा रहा है जो कि किसी के निजी आवास की तरफ खुलता है।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब मुख्य गेट मात्र 20-30 मीटर की दूरी पर है तो यह किस तरह की सेवा।

पीपीपी मोड प्रबंधन से जुड़े अधिकारी अब्दुल्लाह चौधरी ने इस बात पर कन्नी काट ली उनसे कोई जवाब नही बन रहा था लिहाजा वे यह कहने लगे कि बात में बताएंगे।

प्रभारी डॉ श्याम विजय के अनुसार यह
पीपीपी मोड पर आने वाले डॉक्टरों की सुविधाओ के लिए किया जा रहा है।

जनता पिछले 13 साल से सुविधाओ का इंतजार कर रही है लेकिन किश्तो में सेवा देने वाले डॉक्टरो के लिए शार्ट कट रास्ते का निर्माण अस्प्ताल की मुख्य बॉण्डरी को तोड़ कर किया जा रहा है।

गजब का प्रबंधन है यह जहां अल्ट्रा साउंड मशीन तो पहुंच गई है परन्तु वह कब शुरू होगी केवल दिलाशा दिया जा रहा है।

अस्प्ताल में लाइट के लिए जनरेटर तो है परंतु वह भी शुरु होने के लिए इंतजार कर रहा है।

अब यह समझ मे नही आ रहा है कि यह अस्प्ताल किश्तो में यहां सेवाएं देने वाले डॉक्टरो के लिए सुविधाएं जुटाने के लिए लिया गया है या आम जन की स्वाथ्यय सेवाओ के लिए।Conclusion:यह अस्प्ताल किश्तो में सेवा देने वाले डॉक्टरों की सुविधा के लिए है या लोगों की स्वाथ्यय सुविधा के लिए।
लोगों में संशय।
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