टिहरी/मसूरी/अल्मोड़ा: उत्तराखंड में बेकाबू होते कोरोना के आगे प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग हांफ रहा है. हॉस्पिटलों में कोरोना मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं. वहीं दवाइयों और मेडिकल उपकरण को लेकर भी जमकर कालाबाजारी हो रही है. ऐसे में कांग्रेस ने राज्य सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वनाधिकार आन्दोलन से जुड़े किशोर उपाध्याय ने बीजेपी सरकार के इस्तीफे की मांग की है.
उन्होंने कहा कि सरकार अकर्मण्यता, संवेदनहीनता और आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. ऐसी सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए. कोरोना को लेकर सरकार एक साल से सोयी हुई थी. पिछले एक साल के अंदर स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार नहीं किया गया.
उन्होंने कहा कि हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन नहीं है. दवाइयां और बेड की भी कमी है. स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर सब जीरो है. राज्यपाल के कहने पर भी मरीज को एक बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. ऐसे में आम आदमी का क्या हाल होगा, ये आप खुद सोच सकते हैं. इस जनता ने भाजपा को इसलिए बहुमत नहीं दिया था कि मरीजों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़े.
मसूरी में राज्य आंदोलनकारी ने दिया धरना
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के आह्वान पर मसूरी में राज्य आंदोलनकारी जयप्रकाश उत्तराखंडी ने सरकार के खिलाफ धरना दिया. उन्होंने सरकार से कोविड मरीजों के इलाज की पूरी व्यवस्था करने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर सरकार अपनी यह नैतिक जिम्मेदारी पूरी नहीं कर सकती तो उसे एक क्षण भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है. उसे सत्ता छोड़ देनी चाहिए.
अल्मोड़ा में भी प्रदर्शन
अल्मोड़ा में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने पार्टी कार्यालय में पोस्टर के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया. इस मौके पर उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि हर मरीज़ का इलाज़ सरकार की ज़िम्मेदारी है. लेकिन सरकार इस हकीकत से मुंह फेर रही है. कोरोना महामारी ने सरकार के खोखले दावों की पोल खोल कर रख दी है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं सरकार देश के प्रत्येक नागरिक का अधिकार है कि उसे निःशुल्क व गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करे, अन्यथा सरकार सत्ता की गद्दी छोड़ दे.