टिहरी: मत्स्य विभाग के द्वारा टिहरी झील में मत्स्य पालन का काम किया जा रहा है. झील में मछलियों के अवैध शिकार पर लगाम लगाने और आने-जाने के लिए विभाग ने 4 साल पहले 7 लाख रुपए कीमत की एक नाव लगाई थी. 4 साल से कोई उपयोग न होने के कारण नाव क्षतिग्रस्त हो गई है. वहीं, नाव की इस हालत के लिए स्थानीय लोगों ने मत्स्य विभाग को जिम्मेदार ठहरा रहे है.
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टिहरी झील के किनारे कोटि कलोनी के पास इस नाव का उपयोग न होने के कारण यह नाव पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है, इसका इंजन खराब हो गया है. मत्स्य विभाग टिहरी में अधिकारी इस नाव की सुध लेने को तैयार नहीं हैं.
इस संबंध में स्थानीय लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि इन नावों को सिर्फ कमीशन खाने के लिए यहां पर रखा गया है और इसकी वजह से डोबरा चांटी पुल भी नहीं बन पा रहा है. लोगों ने इस मामले में जांच की मांग उठाई है.
वहीं, जब इस बारे में ETV Bharat की टीम ने मत्स्य विभाग के अधिकारियों से बात करनी की कोशिश की तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया. उन्होंने कहा कि ये मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है. उनके निर्देश पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.