टिहरी: प्रतापनगर के उपली रमोली में पांचवें धाम के नाम से प्रसिद्ध सेम नागराजा मंदिर में 26 और 27 नवंबर को भव्य मेले का आयोजन किया जाना है. मेले में अब कुछ ही दिन बाकी हैं. ऐसे में आपदा से क्षतिग्रस्त काैडार-दीनगांव-मुखेम माेटर मार्ग की मरम्मत अभी तक नहीं हो पाई है. जिसके चलते जनप्रतिनिधियाें सहित स्थानीय लाेगाें में लोक निर्माण विभाग के प्रति आक्राेश बना हुआ है.
बता दें, उपली रमोली में सेम-मुखेम को भगवान कृष्ण की क्रीड़ा स्थली के रूप में जाना जाता है. यहां हर 3 साल में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. सेम-मुखेम में भगवान नागराजा के दर्शन को साल भर लोग आते रहते हैं. लेकिन हर तीसरे साल लगने वाले मेले में बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं.
बता दें कि, सेम-मुखेम धाम जाने वाला कौडार-दीनगांव-मुखेम मोटर मार्ग आपदा के कारण कई जगहों पर क्षतिग्रस्त है. मार्ग दुर्घटनाओं को न्योता दे रहा है. आक्राेशित लाेगाें ने कहा कि सड़क ठीक न की गई तो मेले के दिन किसी भी प्रकार की घटना के लिए लाेनिवि जिम्मेदार होगा. मेला आयाेजित हाेने के दाे दिन पूर्व से ही केडार-दीनगांव-मुखेम माेटर मार्ग पर वाहनाें की लंबी कतार लगनी शुरू हाे जाती है. मई-जून की आपदा के दाैरान मार्ग के किमी 18 और अन्य कई स्थानाें पर सड़क की दीवारें क्षतिग्रस्त हाे गई थी. मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं. जान जाोखिम में डालकर लोग सफर करने काे मजबूर हैं. उन्होंने मेले से पूर्व मार्ग को दुरुस्त करने की मांग की है.
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जिला पंचायत सदस्य रेखा असवाल, प्रधान विजय पाेखरियाल सहित कई लाेगाें ने विभाग से लिखित और माैखिक रूप से सड़क निर्माण पूरा कराने की मांग की है. ग्रामीण नत्थी सिह राणा, जसवीर कंडियाल, धर्म सिह कैंतुरा, विशन सिह कैंतुरा आदि लाेगाें ने कहा कि विभाग की लापरवाही लोगों की आस्था और जान पर भारी पड़ सकती है.
लाेनिवि के ईई केएस नेगी ने कहा कि माेटर पर गड्ढों काे भरने का कार्य इन दिनाें चल रहा है. लेकिन क्षतिग्रस्त दीवार के प्राक्कलनाें काे शासन से वित्तीय स्वीकृति न मिलने से दीवार निर्माण कार्य नहीं किया जा सका है. यदि एक सप्ताह के भीतर भी स्वीकृति मिलती है, ताे दीवार निर्माण कार्य करवाया जाएगा.