ETV Bharat / state

टिहरी के पीपोला गांव में मकान टूटने से दहशत में ग्रामीण, डीएम से मिलकर सुनाई आपबीती

टिहरी झील के समीप बसे पीपोला गांव में मकान टूटने से ग्रामीण दहशत में हैं. जिसके चलते आज ग्रामीणों ने डीएम से मिलकर उन्हें अपनी आपबीती सुनाई. जिसके बाद डीएम ने ग्रामीणों की समस्याओं पर जल्द संज्ञान लेते हुए समाधान का आश्वासन दिया है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jul 20, 2023, 12:52 PM IST

टिहरी: जिले में लगातार हो रही तेज बारिश के चलते टिहरी झील के समीप बसे पीपोला गांव में एक मकान ढह गया. जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है और अन्य मकानों में दरारें पड़ चुकी हैं. गनीमत रही कि रात को मकान के अंदर सो रहे लोग आनन-फानन में बाहर आ गए. वहीं, जाखणीधार ब्लॉक के पिपोला-खास गांव के ग्रामीणों ने डीएम से मुलाकात कर समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा.

ग्रामीणों का कहना है कि टिहरी बांध की झील के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के चलते गांव के मकानों में दरारें आ गई हैं. बीते दिनों एक घर अचानक ध्वस्त हो गया है. गांव भू-धंसाव की चपेट में है, इसलिए जल्द उनका पुनर्वास किया जाए. उन्होंने कहा कि टिहरी झील के बढ़ते जलस्तर के कारण गांव के मकानों में दरारें पड़ रही हैं और इन्हीं के कारण मकान खतरे की जद में आ रहे हैं. गांव के 28 परिवारों का टिहरी बांध के कारण पूर्व में पुनर्वास किया गया है.

ग्रामीणों ने कहा कि 23 परिवारों को संयुक्त विशेषज्ञ समिति ने विस्थापन की संस्तुति की है, इसके बावजूद भी टीएचडीसी और पुनर्वास विभाग कार्रवाई करने को तैयार नहीं है. गांव के 7 ऐसे परिवार हैं, जिनके भवनों का मूल्यांकन हो चुका है, लेकिन सर्वे सीट पुनर्वास विभाग में धूल फांक रही है. 15 जुलाई को गांव के विनोद और बालकृष्ण भट्ट का पुश्तैनी मकान ध्वस्त हो गया. मकानों, खेतों और आंगन में झील के कारण दरारें पड़ गई हैं. कई परिवार खतरे की जद में हैं. समस्या सुनने के बाद डीएम ने आश्वासन दिया है. डीएम ने ग्रामीणों से कहा कि अगर किसी भी तरह की कोई समस्या है, तो उनका जल्दी समाधान किया जाएगा. साथ ही तहसीलदार को गांव का दौरा कर रिपोर्ट मांगी गई है. जल्द ही पुनर्वास विभाग की बैठक की जाएगी और गांव का भी स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण से बीच रास्ते में फंसे तो BKTC करेगा मदद, रहना और खाना होगा फ्री

टिहरी: जिले में लगातार हो रही तेज बारिश के चलते टिहरी झील के समीप बसे पीपोला गांव में एक मकान ढह गया. जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है और अन्य मकानों में दरारें पड़ चुकी हैं. गनीमत रही कि रात को मकान के अंदर सो रहे लोग आनन-फानन में बाहर आ गए. वहीं, जाखणीधार ब्लॉक के पिपोला-खास गांव के ग्रामीणों ने डीएम से मुलाकात कर समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा.

ग्रामीणों का कहना है कि टिहरी बांध की झील के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के चलते गांव के मकानों में दरारें आ गई हैं. बीते दिनों एक घर अचानक ध्वस्त हो गया है. गांव भू-धंसाव की चपेट में है, इसलिए जल्द उनका पुनर्वास किया जाए. उन्होंने कहा कि टिहरी झील के बढ़ते जलस्तर के कारण गांव के मकानों में दरारें पड़ रही हैं और इन्हीं के कारण मकान खतरे की जद में आ रहे हैं. गांव के 28 परिवारों का टिहरी बांध के कारण पूर्व में पुनर्वास किया गया है.

ग्रामीणों ने कहा कि 23 परिवारों को संयुक्त विशेषज्ञ समिति ने विस्थापन की संस्तुति की है, इसके बावजूद भी टीएचडीसी और पुनर्वास विभाग कार्रवाई करने को तैयार नहीं है. गांव के 7 ऐसे परिवार हैं, जिनके भवनों का मूल्यांकन हो चुका है, लेकिन सर्वे सीट पुनर्वास विभाग में धूल फांक रही है. 15 जुलाई को गांव के विनोद और बालकृष्ण भट्ट का पुश्तैनी मकान ध्वस्त हो गया. मकानों, खेतों और आंगन में झील के कारण दरारें पड़ गई हैं. कई परिवार खतरे की जद में हैं. समस्या सुनने के बाद डीएम ने आश्वासन दिया है. डीएम ने ग्रामीणों से कहा कि अगर किसी भी तरह की कोई समस्या है, तो उनका जल्दी समाधान किया जाएगा. साथ ही तहसीलदार को गांव का दौरा कर रिपोर्ट मांगी गई है. जल्द ही पुनर्वास विभाग की बैठक की जाएगी और गांव का भी स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण से बीच रास्ते में फंसे तो BKTC करेगा मदद, रहना और खाना होगा फ्री

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.