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स्वास्थ्य मंत्री जी! देख लीजिए, टूटे हाथ पर प्लास्टर की जगह बांध दिया गत्ता

उत्तराखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या हाल है, ये किसी से छिपा नहीं है. प्रदेश में डॉक्टरों की कमी, बदहाल चिकित्सा व्यवस्था, दवा और उपकरणों की कमी तो आम बात. यहां का इलाज करने का तरीका भी आदम जमाने का है. ताजा मामला पौड़ी जिले के सीएचसी पाबौ का है, जहां एक महिला का हाथ फ्रैक्चर होने पर डॉक्टरों ने गत्ते का प्लास्टर लगाकर उसे जिला अस्पताल पौड़ी रेफर कर दिया.

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Published : Dec 13, 2022, 10:07 PM IST

पौड़ी: उत्तराखंड स्वास्थ्य महकमा का कारनामा (Uttarakhand Health Department deed) आये दिन सामने आते रहता है. ताजा मामला स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत (Health Minister Dr Dhan Singh Rawat) के गृह जनपद का है. जहां पौड़ी जिले के पाबौ में एक महिला का हाथ फ्रैक्चर होने पर डॉक्टरों ने गत्ते का कच्चा प्लास्टर (cardboard plaster) लगा दिया. वहीं, इस प्लास्टर को जिसने भी देखा वह अस्पताल प्रशासन और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहा है. वहीं, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मंत्री धन सिंह रावत पर सवाल खड़े किए हैं.

Doctors apply cardboard plaster on woman fractured hand
टूटे हाथ पर प्लास्टर की जगह बांध दिया गत्ता.

उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के भले ही लाख दावे कर ले, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों से आये दिन आने वाली बदहाल स्वास्थ्य की खबरें, इन दावों की पोल खोलती रहती है. उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के ही विधानसभा में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बेहद खराब है. मेडिकल साइंस के इस आधुनिक समय में भी पौड़ी में स्वास्थ्य सुविधाएं आदम जमाने की हैं.

जी हां, स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर व्यवस्था मंडल मुख्यालय पौड़ी से सटे पाबौ अस्पताल में देखने को मिली. जहां एक महिला के फ्रैक्चर हाथ होने पर डॉक्टरों ने गत्ते का कच्चा प्लास्टर लगा दिया. जिसने भी इस प्लास्टर को देखा वह स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहा है. साथ ही ग्रामीणों में भी खासी नाराजगी देखी जा रही है.

महिला के परिजन इस मामले में कुछ भी कहने से कन्नी काट रहे हैं. फिलहाल महिला का उपचार देहरादून के एक निजी अस्पताल में चल रहा है. मंडल मुख्यालय पौड़ी से सटे पाबौ ब्लाक के सैंजी गांव निवासी विमला देवी पत्नी राकेश सिंह साहू बीते 11 दिसंबर को गांव के पास जंगल में घास काटने गई थी. जहां अचानक उसका पैर फिसल गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गई. जिसे उसकी साथी महिलाओं और परिजनों ने सीएचसी पाबौ में भर्ती कराया. जहां डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद महिला के हाथ में फ्रैक्चर होने की बात कही और जिला अस्पताल पौड़ी रेफर कर दिया.
ये भी पढ़ें: बच्ची के टूटे हाथ पर गत्ता बांधना CMO ने ठहराया सही, डीजी हेल्थ बोलीं- CHC में सुविधाओं का अभाव

इस दौरान पाबौ अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला के फ्रैक्चर हाथ पर गत्ते का कच्चा प्लास्टर बांध दिया. वहीं, परेशान परिजन महिला को जिला अस्पताल पौड़ी के बजाय देहरादून ले गए. जहां उसका उपचार एक निजी अस्पताल में चल रहा है. वहीं, महिला के फ्रैक्चर हाथ पर गत्ता लगाने की एक फोटो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई. वैसे ही लोगों ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए.

आपको बता दें कि पौड़ी जिले में हाथ फ्रैक्चर होने पर गत्ता लगाए जाने का यह दूसरा मामला है. इससे पहले जिले के रिखणीखाल में भी एक छात्रा के हाथ में फ्रैक्चर आने पर डॉक्टरों ने गत्ता लगाया गया था. मौजूदा समय में यह मामला सीधे प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के गृह क्षेत्र और विधानसभा से जुड़ा है.

गौरतलब है कि सीएचसी पाबौ का संचालन पीपीपी मोड के तहत जिला अस्पताल पौड़ी की निगरानी में हो रहा है. जिला अस्पताल पौड़ी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विजय अडवाला ने कहा मरीज के हाथ में फ्रैक्चर होने पर संतुलित रखने के लिए गत्ते का सहारा दिया गया है. ताकि मरीज के जिला अस्पताल पहुंचने पर उसे सही उपचार मिल पाए, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे विवादित बना दिया गया है.

वहीं, सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल होने पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सरकार को घेरा है. उन्होंने इस पूरे प्रकरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था भगवान भरोसे है. स्वास्थ्य मंत्री के गृह क्षेत्र में इस प्रकार की स्वास्थ्य व्यवस्था चिंताजनक है. इस पर स्वयं स्वास्थ्य मंत्री को सामने आकर जनता को जवाब देना चाहिए.

पौड़ी: उत्तराखंड स्वास्थ्य महकमा का कारनामा (Uttarakhand Health Department deed) आये दिन सामने आते रहता है. ताजा मामला स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत (Health Minister Dr Dhan Singh Rawat) के गृह जनपद का है. जहां पौड़ी जिले के पाबौ में एक महिला का हाथ फ्रैक्चर होने पर डॉक्टरों ने गत्ते का कच्चा प्लास्टर (cardboard plaster) लगा दिया. वहीं, इस प्लास्टर को जिसने भी देखा वह अस्पताल प्रशासन और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहा है. वहीं, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मंत्री धन सिंह रावत पर सवाल खड़े किए हैं.

Doctors apply cardboard plaster on woman fractured hand
टूटे हाथ पर प्लास्टर की जगह बांध दिया गत्ता.

उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के भले ही लाख दावे कर ले, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों से आये दिन आने वाली बदहाल स्वास्थ्य की खबरें, इन दावों की पोल खोलती रहती है. उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के ही विधानसभा में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बेहद खराब है. मेडिकल साइंस के इस आधुनिक समय में भी पौड़ी में स्वास्थ्य सुविधाएं आदम जमाने की हैं.

जी हां, स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर व्यवस्था मंडल मुख्यालय पौड़ी से सटे पाबौ अस्पताल में देखने को मिली. जहां एक महिला के फ्रैक्चर हाथ होने पर डॉक्टरों ने गत्ते का कच्चा प्लास्टर लगा दिया. जिसने भी इस प्लास्टर को देखा वह स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर रहा है. साथ ही ग्रामीणों में भी खासी नाराजगी देखी जा रही है.

महिला के परिजन इस मामले में कुछ भी कहने से कन्नी काट रहे हैं. फिलहाल महिला का उपचार देहरादून के एक निजी अस्पताल में चल रहा है. मंडल मुख्यालय पौड़ी से सटे पाबौ ब्लाक के सैंजी गांव निवासी विमला देवी पत्नी राकेश सिंह साहू बीते 11 दिसंबर को गांव के पास जंगल में घास काटने गई थी. जहां अचानक उसका पैर फिसल गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गई. जिसे उसकी साथी महिलाओं और परिजनों ने सीएचसी पाबौ में भर्ती कराया. जहां डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद महिला के हाथ में फ्रैक्चर होने की बात कही और जिला अस्पताल पौड़ी रेफर कर दिया.
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इस दौरान पाबौ अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला के फ्रैक्चर हाथ पर गत्ते का कच्चा प्लास्टर बांध दिया. वहीं, परेशान परिजन महिला को जिला अस्पताल पौड़ी के बजाय देहरादून ले गए. जहां उसका उपचार एक निजी अस्पताल में चल रहा है. वहीं, महिला के फ्रैक्चर हाथ पर गत्ता लगाने की एक फोटो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई. वैसे ही लोगों ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए.

आपको बता दें कि पौड़ी जिले में हाथ फ्रैक्चर होने पर गत्ता लगाए जाने का यह दूसरा मामला है. इससे पहले जिले के रिखणीखाल में भी एक छात्रा के हाथ में फ्रैक्चर आने पर डॉक्टरों ने गत्ता लगाया गया था. मौजूदा समय में यह मामला सीधे प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के गृह क्षेत्र और विधानसभा से जुड़ा है.

गौरतलब है कि सीएचसी पाबौ का संचालन पीपीपी मोड के तहत जिला अस्पताल पौड़ी की निगरानी में हो रहा है. जिला अस्पताल पौड़ी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विजय अडवाला ने कहा मरीज के हाथ में फ्रैक्चर होने पर संतुलित रखने के लिए गत्ते का सहारा दिया गया है. ताकि मरीज के जिला अस्पताल पहुंचने पर उसे सही उपचार मिल पाए, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे विवादित बना दिया गया है.

वहीं, सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल होने पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सरकार को घेरा है. उन्होंने इस पूरे प्रकरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था भगवान भरोसे है. स्वास्थ्य मंत्री के गृह क्षेत्र में इस प्रकार की स्वास्थ्य व्यवस्था चिंताजनक है. इस पर स्वयं स्वास्थ्य मंत्री को सामने आकर जनता को जवाब देना चाहिए.

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