धनौल्टीः 2022 विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटे अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेता अब शादी समारोह, मुंडन, जन्मदिन, तेहरवीं में बिन बुलाए ही पहुंच रहे हैं. लेकिन जन समस्याओं को लेकर नेता अभी भी गंभीर नहीं दिख रहे हैं. टिहरी बांध से सटे थौलधार और दिचली पट्टी के लोगों के लिए बोट सेवा शुरू की गई थी. लेकिन पिछले कुछ दिनों से बोट कम कर दी गई है, जिस कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
टिहरी के थौलधार व उत्तरकाशी की दिचली पट्टी क्षेत्र के जुड़े दर्जनों गांवों के लोग टिहरी बांध झील के कारण अलग-थलग हो गए. टिहरी पुनर्वास विभाग द्वारा टिहरी बांध झील से टिहरी और उत्तरकाशी के ग्रामीणों के आवागमन हेतु छाम-बल्डोगी फेरी बोट सेवा शुरू की गई थी. लेकिन बीते 19 नवंबर को छाम-बल्डोगी चलने वाली बोट को चिन्यालीसौड़ भेज दिया गया. जिसके बाद गांव के लोगों के आवागमन के व्यवस्था की जिम्मेदारी स्यांसू-मणी बोट सेवा को दी गई.
लोगों का कहना है कि एक ही बोट के सहारे दो स्थानों की व्यवस्था करना लोगों के साथ मजाक है. जबकि टिहरी डैम भारी मात्रा में विद्युत उत्पादन करता है. इस डैम के लिए अपना सबकुछ गंवा चुके प्रभावितों के लिए बांध अभिशाप बनकर रह गया है. गांव के ही पवन सिंह का कहना है कि टिहरी बांध देश को तो रोशन कर रहा है. लेकिन प्रभावित जनता आज भी सरकार व जनप्रतिनिधियों से स्थायी बोट सेवा संचालित करने की मांग कर रही है.
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वहीं, मामले पर पुनर्वास विभाग के अवर अभियंता अरूण उनियाल का कहना है कि झील किनारे चिन्यालीसौड़-जोगत मोटरमार्ग के सुधारीकरण के चलते मार्ग पर वाहनों का आवागमन बंद हो गया था, जिसके कारण वहां पर लोगों के आवगमन हेतु बोट भेजी गई थी. हमारे पास अतिरिक्त बोट न होने के कारण कुछ दिनों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. सड़क निर्माण पूरा होने पर वोट पुन वापस बुलाई जाएगी.