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धनोल्टी के पहले विधायक कौलदास की ह्रदयगति रुकने से मौत, हरिद्वार में होगा अंतिम संस्कार - Tehri District

धनोल्टी के प्रथम विधायक कौलदास नहीं रहे. 78 वर्षीय कौलदास अपनी दैनिक दिनचर्या के अनुसार सुबह सैर पर निकले थे. जहां अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई. कौलदास के निधन की खबर सुनते ही पूरे इलाके में शोक की लहर फैल गई. 2 जुलाई को स्व. कौलदास का अन्तिम संस्कार खड़खड़ी हरिद्वार में किया जाएगा.

धनोल्टी के पहले विधायक कौलदास की ह्रदयगति रुकने से मौत.
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Published : Jul 1, 2019, 9:16 PM IST

टिहरी: धनोल्टी के प्रथम विधायक कौलदास नहीं रहे. सोमवार सुबह लगभग 6 बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा. अचेत अवस्था में 108 के माध्यम से हायर सेन्टर ले जाते वक्त रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया. कौलदास के निधन की खबर सुनते ही पूरे इलाके में शोक की लहर फैल गई. सुबह भारी संख्या में स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि उनके निवास स्थान थत्यूड़ पहुंचे. जहां लोगों ने कौलदास के परिवारजनों को ढाढस बंधाया.

जानकारी के अनुसार 78 वर्षीय कौलदास अपनी दैनिक दिनचर्या के अनुसार सुबह सैर पर निकले थे. जहां अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई.
बता दें कि पूर्व विधायक कौलदास का जन्म 4 जून 1943 को टिहरी जनपद के जौनपुर विकासखंड के ग्राम सभा मथलाऊ दशजुला में एक गरीब अनु० जाति के परिवार में हुआ था.
1962 में कौलदास अध्यापक बने और 2001 में बांडा चक जूनियर हाईस्कूल से प्रधानाध्यापक पद से सेवा निवृत हुए.

जिसके बाद उनके सौम्य स्वभाव और मिलनसार लोकप्रियता के चलते क्षेत्र के लोगों की मांग पर उन्होंने राजनीति में कदम रखा और कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. 2002 में हुए उत्तराखंड विधानसभा के पहले चुनावों में धनोल्टी से वे विधायक चुने गए.
उनकी निर्विवाद कार्यशैली और सौम्य व्यहवार के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने कौल दास को 2004 में राज्यमंत्री का दर्जा देकर अनुसूचित जाति आयोग का उपाध्यक्ष बनाया.

ये भी पढ़े: बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुपमा वर्मा को भायी मसूरी की वादियां, त्रिवेंद्र सरकार से की खास अपील

वर्ष 2002 से 2007 तक कार्यकाल के दौरान कौलदास ने थत्यूड़ , नैनबाग, थौलधार में आईटीआई संस्थानों की स्वीकृति, सुवाखोली- थत्यूड़ मोटर मार्ग का सुधार और डामरीकरण और बंगशील, बंग्याल, द्वारगढ़ और रगड़ गांवों में विद्यालयों का उच्चीकरण साथ ही थत्यूड़ में विद्युत 33 के वी का सब स्टेशन का निर्माण उन्होंने प्रथमिकता के तौर पर पूरे किये थे.
दिवंगत पूर्व विधायक के बडे़ बेटे और वर्तमान में अधिशासी अधिकारी हरिद्वार नगर निगम संजय कुमार ने बताया की मंगलवार 2 जुलाई को स्व. कौलदास का अन्तिम संस्कार खड़खड़ी हरिद्वार में किया जाएगा.

टिहरी: धनोल्टी के प्रथम विधायक कौलदास नहीं रहे. सोमवार सुबह लगभग 6 बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा. अचेत अवस्था में 108 के माध्यम से हायर सेन्टर ले जाते वक्त रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया. कौलदास के निधन की खबर सुनते ही पूरे इलाके में शोक की लहर फैल गई. सुबह भारी संख्या में स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि उनके निवास स्थान थत्यूड़ पहुंचे. जहां लोगों ने कौलदास के परिवारजनों को ढाढस बंधाया.

जानकारी के अनुसार 78 वर्षीय कौलदास अपनी दैनिक दिनचर्या के अनुसार सुबह सैर पर निकले थे. जहां अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई.
बता दें कि पूर्व विधायक कौलदास का जन्म 4 जून 1943 को टिहरी जनपद के जौनपुर विकासखंड के ग्राम सभा मथलाऊ दशजुला में एक गरीब अनु० जाति के परिवार में हुआ था.
1962 में कौलदास अध्यापक बने और 2001 में बांडा चक जूनियर हाईस्कूल से प्रधानाध्यापक पद से सेवा निवृत हुए.

जिसके बाद उनके सौम्य स्वभाव और मिलनसार लोकप्रियता के चलते क्षेत्र के लोगों की मांग पर उन्होंने राजनीति में कदम रखा और कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. 2002 में हुए उत्तराखंड विधानसभा के पहले चुनावों में धनोल्टी से वे विधायक चुने गए.
उनकी निर्विवाद कार्यशैली और सौम्य व्यहवार के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने कौल दास को 2004 में राज्यमंत्री का दर्जा देकर अनुसूचित जाति आयोग का उपाध्यक्ष बनाया.

ये भी पढ़े: बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुपमा वर्मा को भायी मसूरी की वादियां, त्रिवेंद्र सरकार से की खास अपील

वर्ष 2002 से 2007 तक कार्यकाल के दौरान कौलदास ने थत्यूड़ , नैनबाग, थौलधार में आईटीआई संस्थानों की स्वीकृति, सुवाखोली- थत्यूड़ मोटर मार्ग का सुधार और डामरीकरण और बंगशील, बंग्याल, द्वारगढ़ और रगड़ गांवों में विद्यालयों का उच्चीकरण साथ ही थत्यूड़ में विद्युत 33 के वी का सब स्टेशन का निर्माण उन्होंने प्रथमिकता के तौर पर पूरे किये थे.
दिवंगत पूर्व विधायक के बडे़ बेटे और वर्तमान में अधिशासी अधिकारी हरिद्वार नगर निगम संजय कुमार ने बताया की मंगलवार 2 जुलाई को स्व. कौलदास का अन्तिम संस्कार खड़खड़ी हरिद्वार में किया जाएगा.

Intro:धनोल्टी के पूर्व विधायक कौलदास की ह्रदयगति रकने से मौतBody:

टिहरी ( धनौल्टी )

स्लग -नही रहे धनोल्टी विधानसभा के पहले विधायक क्षेत्र में शोक की लहर

एंकर -धनौल्टी के पहले व पूर्व विधायक कौलदास का आज सुबह लगभग 6 बजे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था बताया जा रहा था कि वे रोज की तरहअपनी दैनिक दिनचर्या सुबह की सैर पर निकले थे जहां उन्हे दिल का दौरा पड़ा कौलदास के निधन की खबर सुनते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग व जनप्रतिनिधि व व्यापारीगण उनके निवास स्थान थत्यूड़ पहुँचे. पूर्व विधायक कौलदास जी का जन्म 4 जून 1943 को टिहरी जनपद के जौनपुर विकासखंड के ग्राम सभा मथलाऊ दशजुला में एक गरीब अनु० जाति के परिवार में हुआ था. इनके पिता का नाम स्व० किस्सू दास व माता का नाम स्व० पानपति देवी था. बचपन से ही पढ़ाई मे रूचि रखने वाले मिलनसार सौम्य स्वभाव के कौल दास की शिक्षा प्राथमिक विद्यालय बैट व जूनियर हाईस्कूल थत्यूड़ में हुई. जिसके बाद 1962 में कौलदास अध्यापक बने व 2001 में प्रधानाध्यापक बाण्डा चक जूनियर हाईस्कूल से सेवा निवृत हुए. सेवानिवृत्त होने के बाद उनके सौम्य स्वभाव व मिलनसार लोकप्रियता के कारण क्षेत्र के लोगों की माँग पर उन्होने राजनीति के क्षेत्र मे कदम रखा और कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. 2002 में हुए उत्तराखंड विधानसभा के पहले चुनावों में धनौल्टी से वें विधायक चुने गए। उनकी निर्विवाद कार्यशैली व सौम्य व्यहवार के कारण तत्कालीन मुख्यमन्त्री नारायण दत्त तिवारी ने कौल दास को 2004 में राज्यमंत्री का दर्जा देकर अनुसूचित जाति आयोग में उपाध्यक्ष बनाया

बर्ष 2002 से 2007 तक के एक सफल कार्यकाल के दौरान कौलदास जी ने थत्यूड़ , नैनबाग, थौलधार में आई० टी० आई० संस्थानों की स्वीकृति, सुवाखोली - थत्यूड़ मोटर मार्ग का सुधार व डामरी करण, बंगशील, बंग्याल, द्वारगढ, रगड़ गांव , आदि विद्यालयो का उच्चीकरण, थत्यूड़ में विद्युत 33 के वी का सब स्टेशन निर्माण आदि के काम प्रथमिकता के तौर पर पूरे किये


दिवंगत पूर्व विधायक के बडे़ बेटे व वर्तमान में अधिशाशी अधिकारी हरिद्वार नगर निगम संजय कुमार ने बताया की मंगलवार 2 जुलाई को स्व. पूर्व विधायक का अन्तिम संस्कार खड़खड़ी हरिद्वार में किया जाएगा. उनके निवास स्थान पर पहुँचे पूर्व विधायक मसूरी जोत सिंह गुनसोला, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मनमोहन मल्ल, ब्लाक प्रमुख कुंवर सिहं पंवार, पूर्व जेष्ठ उप प्रमुख महिपाल रावत ,प्रदेश कांग्रेस के सचिव रतन मणी भट्ट, ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्ष सुरेन्द्र रावत आदि नेतागणो ने परिवार जनो को ढाढस बँधाया और बताया कि क्षेत्र ने एक महत्वपूर्ण व्यक्ति को खोया है

Conclusion:धनोल्टी से पहले विधायक बने थे कौलदास

तत्कालीन तिवारी सरकार मे राज्यमंत्री रह चुके थे कौलदास
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