देवप्रयागः बदरी विशाल धाम के कपाट खुलने का शुभ मुहूर्त 10 मई तय हुआ है. जिसके चलते कपाट खुलने के समय तिल के तेल का अभिषेक भगवान बदरी विशाल को कराया जाता है. इस परम्परा के अनुसार पहले चरण में नरेंद्र नगर स्थित राजमहल से चली गाड़ू घड़ी कलश यात्रा गुरुवार की देर रात श्रीनगर पहुंची.
श्रीनगर स्थित डालमिया धर्मशाला में श्रद्वालुओं ने गाड़ू घड़ा के दर्शन कर घड़े की पूजा अर्चना की. भोज के बाद यह यात्रा रुद्रप्रयाग से होकर कर्णप्रयाग पहुंचेगी और 27 अप्रैल को यह यात्रा डिम्मरगांव पहुंचेगी. जहां तिल का कलश स्थापित किया जायेगा.
इसके बाद दूसरे चरण में यात्रा 8 मई को बदरीनाथ धाम के लिए रवाना होगी. कलश यात्रा के बारे में बताते हुए बदरीनाथ केदारनाथ मन्दिर समिति के मीडिया प्रभारी ने बाताया कि बसंत पंचमी के अवसर पर तिल से तेल बनाने की परम्परा प्रारम्भ होती है.
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इसी तेल के माध्यम से भगवान बदरी को लेप लगाया जाता है तथा भगवान बदरीनाथ की जोत जलायी जाती है.