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थाने में मौत: कोर्ट ने पुलिस की FR को किया खारिज, थानाध्यक्ष और 3 डॉक्टरों पर चलेगा मुकदमा

टिहरी जिले के घनसाली में पुलिस हिरासत में हुई युवक की मौत मामले में कोर्ट ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट (एफआर) को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने घनसाली के तत्कालीन थानाध्यक्ष, जिला अस्पताल के तीन डॉक्टर समेत 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है.

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Published : Dec 24, 2022, 12:02 PM IST

टिहरी: घनसाली थाने के अंदर पुलिस हिरासत में हुई ग्रामीण की मौत के मामले में सीजेएम विनोद कुमार बर्मन की कोर्ट ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने घनसाली के तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित चार पुलिसकर्मियों, दो होमगार्ड के खिलाफ ट्रायल चलाने और जिला अस्पताल के तीन डॉक्टरों के खिलाफ समन जारी करने के आदेश दिये हैं.

इस मामले में अधिवक्ता बीना सजवाण ने बताया कि 21 मई 2011 को भिलंगना ब्लॉक के केपार्स गांव निवासी मोर सिंह पुत्र संसार सिंह ने कोतवाली नई टिहरी में तहरीर देकर बताया कि उसका भाई सरोप सिंह चमियाला बाजार में सामान लेने गया था. इस दौरान बाजार में एक महिला के साथ उनके भाई की बहस हो गई, जिसपर महिला ने उनके भाई को थप्पड़ मार दिया.
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इस बीच वहां मौजूद होमगार्ड के जवानों ने उसके भाई को लाठी-डंडों से पीटा और चमियाला पुलिस चौकी लेकर गये. पुलिस चौकी में भी पुलिसकर्मियों ने उसके भाई सरोप सिंह के साथ मारपीट की. उसके बाद पुलिस उनके भाई को घनसाली थाना लेकर गये, जहां शाम को उसके भाई सरोप सिंह की मौत हो गई. उसके बाद पुलिसकर्मी उनके भाई को तबीयत खराब का बहाना बनाकर पिलखी स्वास्थ्य केंद्र ले गये, जहां डाक्टरों ने उनके भाई को मृत घोषित कर दिया. लेकिन घनसाली थाना पुलिस ने उनके भाई को 108 एंबुलेंस सेवा से जिला अस्पताल बौराड़ी भेज दिया.

इस मामले में मृतक सरोप सिंह के परिजनों के विरोध के बाद 22 मई 2011 को नई टिहरी कोतवाली में पुलिसकर्मियों और होमगार्ड के जवानों के खिलाफ धारा 302 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. इस मामले में जिला अस्पताल के डाक्टरों ने शव के पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी और फोटाग्राफी भी नहीं कराई और मौत का स्पष्ट कारण भी नहीं लिखा गया. यही नहीं पुलिस ने 2016 में इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. जिसके बाद मृतक के परिजन कोर्ट गये.
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इस मामले में सुनवाई के बाद सीजेएम विनोद कुमार बर्मन ने घनसाली के तत्कालीन थानाध्यक्ष कमल कुमार लुंठी, एसआई सुरेंद्र चौधरी, हेड कांस्टेबल जय सिंह रावत, कांस्टेबल प्रदीप गिरि, उम्मेद सिंह असवाल, होमगार्ड चैतलाल, शिवचरण के विरुद्ध आईपीसी की धारा 304 के तहत ट्रायल शुरू करने के आदेश दिए. न्यायालय ने पोस्टमॉर्टम करने वाले जिला चिकित्सालय बौराड़ी के तत्कालीन चिकित्सक डा. संजय कर्णवाल, डा. संजय कंसल, डा. मनोज कुमार बडोनी के विरुद्ध भी आईपीसी की धारा 201 के तहत समन जारी कर केस चलाने के आदेश दिए हैं. यह भी बता दें कि डॉ संजय कर्णवाल की मौत हो चुकी है.

टिहरी: घनसाली थाने के अंदर पुलिस हिरासत में हुई ग्रामीण की मौत के मामले में सीजेएम विनोद कुमार बर्मन की कोर्ट ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने घनसाली के तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित चार पुलिसकर्मियों, दो होमगार्ड के खिलाफ ट्रायल चलाने और जिला अस्पताल के तीन डॉक्टरों के खिलाफ समन जारी करने के आदेश दिये हैं.

इस मामले में अधिवक्ता बीना सजवाण ने बताया कि 21 मई 2011 को भिलंगना ब्लॉक के केपार्स गांव निवासी मोर सिंह पुत्र संसार सिंह ने कोतवाली नई टिहरी में तहरीर देकर बताया कि उसका भाई सरोप सिंह चमियाला बाजार में सामान लेने गया था. इस दौरान बाजार में एक महिला के साथ उनके भाई की बहस हो गई, जिसपर महिला ने उनके भाई को थप्पड़ मार दिया.
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इस बीच वहां मौजूद होमगार्ड के जवानों ने उसके भाई को लाठी-डंडों से पीटा और चमियाला पुलिस चौकी लेकर गये. पुलिस चौकी में भी पुलिसकर्मियों ने उसके भाई सरोप सिंह के साथ मारपीट की. उसके बाद पुलिस उनके भाई को घनसाली थाना लेकर गये, जहां शाम को उसके भाई सरोप सिंह की मौत हो गई. उसके बाद पुलिसकर्मी उनके भाई को तबीयत खराब का बहाना बनाकर पिलखी स्वास्थ्य केंद्र ले गये, जहां डाक्टरों ने उनके भाई को मृत घोषित कर दिया. लेकिन घनसाली थाना पुलिस ने उनके भाई को 108 एंबुलेंस सेवा से जिला अस्पताल बौराड़ी भेज दिया.

इस मामले में मृतक सरोप सिंह के परिजनों के विरोध के बाद 22 मई 2011 को नई टिहरी कोतवाली में पुलिसकर्मियों और होमगार्ड के जवानों के खिलाफ धारा 302 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. इस मामले में जिला अस्पताल के डाक्टरों ने शव के पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी और फोटाग्राफी भी नहीं कराई और मौत का स्पष्ट कारण भी नहीं लिखा गया. यही नहीं पुलिस ने 2016 में इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी. जिसके बाद मृतक के परिजन कोर्ट गये.
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इस मामले में सुनवाई के बाद सीजेएम विनोद कुमार बर्मन ने घनसाली के तत्कालीन थानाध्यक्ष कमल कुमार लुंठी, एसआई सुरेंद्र चौधरी, हेड कांस्टेबल जय सिंह रावत, कांस्टेबल प्रदीप गिरि, उम्मेद सिंह असवाल, होमगार्ड चैतलाल, शिवचरण के विरुद्ध आईपीसी की धारा 304 के तहत ट्रायल शुरू करने के आदेश दिए. न्यायालय ने पोस्टमॉर्टम करने वाले जिला चिकित्सालय बौराड़ी के तत्कालीन चिकित्सक डा. संजय कर्णवाल, डा. संजय कंसल, डा. मनोज कुमार बडोनी के विरुद्ध भी आईपीसी की धारा 201 के तहत समन जारी कर केस चलाने के आदेश दिए हैं. यह भी बता दें कि डॉ संजय कर्णवाल की मौत हो चुकी है.

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