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कांग्रेस ने डोबरा-चांठी पुल पर BJP पर लगाया राजनीति करने का आरोप, राज्यपाल को भेजा पत्र - प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह विष्ट

पूर्व पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय और प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि पुल के लोकार्पण को जानबूझकर पीछे धकेला जा रहा है, ताकि चुनावी दौर में बीजेपी इसका लाभ ले सके.

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Published : Sep 26, 2020, 4:28 PM IST

टिहरीः कांग्रेस पार्टी ने डोबरा-चांठी पुल के लोकार्पण में हो रही देरी के लिए प्रदेश की बीजेपी सरकार पर चुनावी लाभ लेने का आरोप लगाया है. पूर्व पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय और प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि पुल के लोकार्पण को जानबूझकर पीछे धकेला जा रहा है, ताकि चुनावी दौर में बीजेपी इसका लाभ ले सके.

किशोर उपाध्याय ने कहा कि पुल के निर्माण में कांग्रेस की अहम भूमिका रही है. पुल निर्माण के लिए संघर्ष करने वाले सभी लोगों का सम्मान होना चाहिए. पुल का नाम स्थानीय जनभावना के अनुरूप रखने की मांग को लेकर भी कांग्रेसियों ने राज्यपाल को ज्ञापन भेजा.

किशोर उपाध्याय ने कहा कि दिवंगत एनडी तिवारी सरकार के कार्यकाल में पुल निर्माण के लिए 89 करोड़ की धनराशि रिलीज की गई थी. आज भी पुर्नवास, बांध विस्थापितों व प्रभावितों के मामले न्यायालय स्तर व शासन-प्रशासन स्तर पर पेंडिंग हैं. जिनका निस्तारण होना है. पुर्नवास सहित विस्थापित व प्रभावितों की लड़ाई में निरंतर कांग्रेस साथ रही है और रहेगी.

पढ़ेंः बिना लाइसेंस रेस्टोरेंट्स में छलक रहे जाम, आबकारी विभाग ने मारा छापा

उन्होंने कहा कि पुल निर्माण में योगदान देने वाले तमाम इंजीनियरों सहित स्थानीय लोगों को इसका श्रेय जाना चाहिए, लेकिन बीजेपी सरकार पुल का चुनावी श्रेय लेने के लिए पुल का लोकार्पण नहीं कर रही है. जिससे जनता को पुल का लाभ मिलने में देरी हो रही है. वैसे ही 12 सालों से बन रहे पुल के निर्माण में देरी हुई है. इसके अलावा कांग्रेस को आशंका है कि पुल का नाम भाजपा अपने चहेते नेताओं के नाम रख सकती है. ऐसे में कांग्रेस ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को पुल का नाम स्थानीय विभूतियों के नाम पर रखने के लिए एक पत्र भेजा है. साथ ही पत्र में ऐसे 2 नाम सुझाए गए हैं.

टिहरीः कांग्रेस पार्टी ने डोबरा-चांठी पुल के लोकार्पण में हो रही देरी के लिए प्रदेश की बीजेपी सरकार पर चुनावी लाभ लेने का आरोप लगाया है. पूर्व पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय और प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि पुल के लोकार्पण को जानबूझकर पीछे धकेला जा रहा है, ताकि चुनावी दौर में बीजेपी इसका लाभ ले सके.

किशोर उपाध्याय ने कहा कि पुल के निर्माण में कांग्रेस की अहम भूमिका रही है. पुल निर्माण के लिए संघर्ष करने वाले सभी लोगों का सम्मान होना चाहिए. पुल का नाम स्थानीय जनभावना के अनुरूप रखने की मांग को लेकर भी कांग्रेसियों ने राज्यपाल को ज्ञापन भेजा.

किशोर उपाध्याय ने कहा कि दिवंगत एनडी तिवारी सरकार के कार्यकाल में पुल निर्माण के लिए 89 करोड़ की धनराशि रिलीज की गई थी. आज भी पुर्नवास, बांध विस्थापितों व प्रभावितों के मामले न्यायालय स्तर व शासन-प्रशासन स्तर पर पेंडिंग हैं. जिनका निस्तारण होना है. पुर्नवास सहित विस्थापित व प्रभावितों की लड़ाई में निरंतर कांग्रेस साथ रही है और रहेगी.

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उन्होंने कहा कि पुल निर्माण में योगदान देने वाले तमाम इंजीनियरों सहित स्थानीय लोगों को इसका श्रेय जाना चाहिए, लेकिन बीजेपी सरकार पुल का चुनावी श्रेय लेने के लिए पुल का लोकार्पण नहीं कर रही है. जिससे जनता को पुल का लाभ मिलने में देरी हो रही है. वैसे ही 12 सालों से बन रहे पुल के निर्माण में देरी हुई है. इसके अलावा कांग्रेस को आशंका है कि पुल का नाम भाजपा अपने चहेते नेताओं के नाम रख सकती है. ऐसे में कांग्रेस ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को पुल का नाम स्थानीय विभूतियों के नाम पर रखने के लिए एक पत्र भेजा है. साथ ही पत्र में ऐसे 2 नाम सुझाए गए हैं.

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