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गलत इलाज के लिए पीड़ित ने ली कोर्ट की शरण, अस्पताल प्रबंधन को भेजा कानूनी नोटिस

गलत इलाज की मंशा का आरोप लगाते हुए मरीज ने हिमालय अस्पताल जौलीग्रांट की टिहरी यूनिट को कानूनी नोटिस भेजा है. मामला टिहरी गढ़वाल के दूरस्थ गांव निवाल का है.

जिला अस्पताल बौराड़ी
जिला अस्पताल बौराड़ी
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Published : Jan 21, 2020, 2:41 AM IST

नई टिहरीः निवाल गांव के धनपाल सिंह ने हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट की टिहरी यूनिट जिला अस्पताल बौराड़ी को एक कानूनी नोटिस भेजा है. धनपाल का कहना है कि उसे मामूली पथरी की शिकायत थी. वह नई टिहरी स्थित जिला अस्पताल बौराड़ी अपना इलाज कराने गया. आरोप है कि डॉक्टर ने उसके शरीर के एक नाजुक हिस्से में नसों का गुच्छा होना बताया और तत्काल ऑपरेशन कराने की सलाह दी. इस पर उसने बौराड़ी के बजाय एम्स ऋषिकेश में अपना इलाज कराना बेहतर समझा. जब वहां उसे हकीकत पता लगी तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई.

अस्पताल प्रबंधन को भेजा कानूनी नोटिस

दरअसल, अचानक उठे पेट दर्द से परेशान धनपाल जब इलाज कराने बौराड़ी जिला अस्पताल पहुंचा तो वहां डॉक्टरों ने उसे शरीर के नाजुक हिस्से में नसों का गुच्छा होना बताया. धनपाल के मुताबिक, डॉक्टरों ने उसे तत्काल ऑपरेशन की भी सलाह दी. लेकिन धनपाल ऑपरेशन पर राजी नहीं हुआ. उसने एम्स ऋषिकेश पहुंचकर डॉक्टरों से सलाह ली. एम्स के डॉक्टरों ने धनपाल को बताया कि उसकी बीमारी गम्भीर नहीं है. ये मात्र पथरी की शिकायत है जो कुछ जरूरी दवाइयां लेकर ठीक हो जाएगी.

पढ़ेंः जिला अस्पताल बौराड़ी में नर्सिंग स्टाफ ने प्रबंधक पर लगाए गंभीर आरोप

अब धनपाल स्वस्थ है. उसने बौराड़ी जिला आरोप लगाया कि न जाने कितने लोगों के साथ ऐसा बर्ताव किया गया होगा. इसलिए अब वह कोर्ट की शरण में गया है. धनपाल के एडवोकेट सोहन सिंह रावत का कहना है कि हमने अस्पताल प्रबंधक पुनीत गुप्ता को कानूनी नोटिस भेजा है. नोटिस में बताया गया है कि अस्पताल प्रबंधन ने धनपाल के साथ जानबूझकर छल कपट और गुमराह कर रिपोर्ट तैयार करके मानसिक रुप से क्षती पहुंचाने का प्रयास किया गया.

पढ़ेंः 2 घंटे तक मिट्टी में दबी महिला की चलती रही सांसें, बचाने के लिए महिलाएं करती रही जद्दोजहद

मामले में अस्पताल प्रबंधन से एक सप्ताह के अंदर अपना जवाब देने के लिए भी कहा गया है. अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर की जाएगी. वहीं, इस मामले में अस्पताल के इंचार्ज एके सिन्हा ने बताया कि यह मामला किसी का निजी हो तो इसमें कुछ नहीं कहा जा सकता. लेकिन हम पहाड़ के लोगों का इलाज पूरे मन से करने की कोशिश करते हैं.

नई टिहरीः निवाल गांव के धनपाल सिंह ने हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट की टिहरी यूनिट जिला अस्पताल बौराड़ी को एक कानूनी नोटिस भेजा है. धनपाल का कहना है कि उसे मामूली पथरी की शिकायत थी. वह नई टिहरी स्थित जिला अस्पताल बौराड़ी अपना इलाज कराने गया. आरोप है कि डॉक्टर ने उसके शरीर के एक नाजुक हिस्से में नसों का गुच्छा होना बताया और तत्काल ऑपरेशन कराने की सलाह दी. इस पर उसने बौराड़ी के बजाय एम्स ऋषिकेश में अपना इलाज कराना बेहतर समझा. जब वहां उसे हकीकत पता लगी तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई.

अस्पताल प्रबंधन को भेजा कानूनी नोटिस

दरअसल, अचानक उठे पेट दर्द से परेशान धनपाल जब इलाज कराने बौराड़ी जिला अस्पताल पहुंचा तो वहां डॉक्टरों ने उसे शरीर के नाजुक हिस्से में नसों का गुच्छा होना बताया. धनपाल के मुताबिक, डॉक्टरों ने उसे तत्काल ऑपरेशन की भी सलाह दी. लेकिन धनपाल ऑपरेशन पर राजी नहीं हुआ. उसने एम्स ऋषिकेश पहुंचकर डॉक्टरों से सलाह ली. एम्स के डॉक्टरों ने धनपाल को बताया कि उसकी बीमारी गम्भीर नहीं है. ये मात्र पथरी की शिकायत है जो कुछ जरूरी दवाइयां लेकर ठीक हो जाएगी.

पढ़ेंः जिला अस्पताल बौराड़ी में नर्सिंग स्टाफ ने प्रबंधक पर लगाए गंभीर आरोप

अब धनपाल स्वस्थ है. उसने बौराड़ी जिला आरोप लगाया कि न जाने कितने लोगों के साथ ऐसा बर्ताव किया गया होगा. इसलिए अब वह कोर्ट की शरण में गया है. धनपाल के एडवोकेट सोहन सिंह रावत का कहना है कि हमने अस्पताल प्रबंधक पुनीत गुप्ता को कानूनी नोटिस भेजा है. नोटिस में बताया गया है कि अस्पताल प्रबंधन ने धनपाल के साथ जानबूझकर छल कपट और गुमराह कर रिपोर्ट तैयार करके मानसिक रुप से क्षती पहुंचाने का प्रयास किया गया.

पढ़ेंः 2 घंटे तक मिट्टी में दबी महिला की चलती रही सांसें, बचाने के लिए महिलाएं करती रही जद्दोजहद

मामले में अस्पताल प्रबंधन से एक सप्ताह के अंदर अपना जवाब देने के लिए भी कहा गया है. अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर की जाएगी. वहीं, इस मामले में अस्पताल के इंचार्ज एके सिन्हा ने बताया कि यह मामला किसी का निजी हो तो इसमें कुछ नहीं कहा जा सकता. लेकिन हम पहाड़ के लोगों का इलाज पूरे मन से करने की कोशिश करते हैं.

Intro: टिहरी गलत इलाज करने पर मरीज ने भेजा अस्पताल प्रबंधन को नोटिसBody:नई टिहरी। टिहरी गढ़वाल के दूरस्थ निवाल गांव निवासी धनपाल सिंह ने बड़ी हिम्मत करके हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट की टिहरी यूनिट (जिला अस्पताल बौराड़ी) को एक कानूनी नोटिस भेजा है।

धनपाल का कहना है कि उसे मामूली पथरी की शिकायत थी, वह नई टिहरी स्थित जिला अस्पताल बौराड़ी अपना इलाज कराने गया तो डॉक्टर ने उसके शरीर के एक नाजुक हिस्से में नसों का गुच्छा होना बताया और तत्काल ऑपरेशन कराने की सलाह देते हुए ऑपरेशन थिएटर ले गए।

अचानक उठे दर्द के मारे धनपाल तत्कात ऑपरेशन कराने की सलाह से राजी नहीं हुए और अपने चिर परिचितों की राय से एम्स ऋषिकेश चला गया। तमाम जांचों के बाद एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि इतनी गम्भीर बीमारी नहीं है यह मात्र पथरी की शिकायत है जो कुछ जरूरी दवाइयां लेकर ठीक हो जाएगा। धनपाल फ़िलहाल स्वस्थ है। उसने आरोप लगाया कि न जाने कितने लोगों के साथ ऐसा बर्ताव किया गया होगा । इसलिए वह कोर्ट की शरण मे गया है,
वही धनपाल के एडवोकेट सोहन सिंह रावत का कहना है कि मेरे मुवक्किल ने अपनी समस्या को लेकर मेरे पास आया और हमने अस्पताल प्रबंधन के पुनीत गुप्ता को नोटिस भेजा है, और वकील रावत का कहना है कि मेरे मुवक्किल धनपाल के साथ जानबूझकर छल कपट, गुमराह कर रिपोर्ट तैयार करके मानसिक रूप से छती पहुंचाने का प्रयास किया गया है, साथ ही हमने अस्पताल प्रबंधन को इस मामले में 1 सप्ताह के अन्दर जवाब मांगा है, यदि अस्पताल प्रबंधन द्वारा संतोष पूर्ण जवाब नहीं दिया जाता है तो उनके खिलाफ एफआईआर व न्यायालय में कानूनन कार्यवाही की जाएगी।Conclusion: वहीं इस मामले पर अस्पताल के इंचार्ज एके सिन्हा ने बताया कि यह मामला किसी का पर्सनल हो तो इसमें कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन हम पहाड़ की जनता का इलाज करने की कोशिश कर रहे हैं

वाइट धनपाल उ मरीज
बाइट सोहन सिंह रावत एडवोकेट
बाइट एके सिन्हा अस्पताल इंचार्ज प्रथम

यह खबर कल भेज दी थी इसको अपडेट करके भेज रहा हूं
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