नई टिहरीः निवाल गांव के धनपाल सिंह ने हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट की टिहरी यूनिट जिला अस्पताल बौराड़ी को एक कानूनी नोटिस भेजा है. धनपाल का कहना है कि उसे मामूली पथरी की शिकायत थी. वह नई टिहरी स्थित जिला अस्पताल बौराड़ी अपना इलाज कराने गया. आरोप है कि डॉक्टर ने उसके शरीर के एक नाजुक हिस्से में नसों का गुच्छा होना बताया और तत्काल ऑपरेशन कराने की सलाह दी. इस पर उसने बौराड़ी के बजाय एम्स ऋषिकेश में अपना इलाज कराना बेहतर समझा. जब वहां उसे हकीकत पता लगी तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई.
दरअसल, अचानक उठे पेट दर्द से परेशान धनपाल जब इलाज कराने बौराड़ी जिला अस्पताल पहुंचा तो वहां डॉक्टरों ने उसे शरीर के नाजुक हिस्से में नसों का गुच्छा होना बताया. धनपाल के मुताबिक, डॉक्टरों ने उसे तत्काल ऑपरेशन की भी सलाह दी. लेकिन धनपाल ऑपरेशन पर राजी नहीं हुआ. उसने एम्स ऋषिकेश पहुंचकर डॉक्टरों से सलाह ली. एम्स के डॉक्टरों ने धनपाल को बताया कि उसकी बीमारी गम्भीर नहीं है. ये मात्र पथरी की शिकायत है जो कुछ जरूरी दवाइयां लेकर ठीक हो जाएगी.
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अब धनपाल स्वस्थ है. उसने बौराड़ी जिला आरोप लगाया कि न जाने कितने लोगों के साथ ऐसा बर्ताव किया गया होगा. इसलिए अब वह कोर्ट की शरण में गया है. धनपाल के एडवोकेट सोहन सिंह रावत का कहना है कि हमने अस्पताल प्रबंधक पुनीत गुप्ता को कानूनी नोटिस भेजा है. नोटिस में बताया गया है कि अस्पताल प्रबंधन ने धनपाल के साथ जानबूझकर छल कपट और गुमराह कर रिपोर्ट तैयार करके मानसिक रुप से क्षती पहुंचाने का प्रयास किया गया.
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मामले में अस्पताल प्रबंधन से एक सप्ताह के अंदर अपना जवाब देने के लिए भी कहा गया है. अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर की जाएगी. वहीं, इस मामले में अस्पताल के इंचार्ज एके सिन्हा ने बताया कि यह मामला किसी का निजी हो तो इसमें कुछ नहीं कहा जा सकता. लेकिन हम पहाड़ के लोगों का इलाज पूरे मन से करने की कोशिश करते हैं.