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लॉकडाउन: दो राज्यों की सरकार से मिन्नतें करता रहा भगत, छूटा जीवनसाथी का हाथ, चंदा जुटा कर दिए एंबुलेंस के पैसे - uttarakhand goverment

प्रतापनगर के भेलुन्ता गांव के रहने वाले भगत लॉकडाउन के चलते अपनी पत्नी का समय पर इलाज नहीं करा पाए, जिस कारण उनकी पत्नी की मौत हो गई. भगत का एक चार वर्ष का बच्चा भी है.

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लॉकडाउन में गंवाई जान.
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Published : Apr 21, 2020, 3:56 PM IST

Updated : Apr 21, 2020, 4:44 PM IST

प्रतापनगर: कोरोना के कहर के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. इस दौरान सरकार सभी लोगों तक आवश्यक सेवाएं पहुंचाने के दावे कर रही है, लेकिन इन सब के बीच अपनी पत्नी की मौत से आहत भगत कहते हैं कि कहीं की भी सरकारों ने उनकी मदद नहीं की और उनकी पत्नी को अपनी जान गंवानी पड़ी.

लॉकडाउन में गंवाई जान.

मामला प्रतापनगर के भेलुन्ता गांव का है. भेलुन्ता निवासी भगत हरियाणा के एक होटल मेंं काम करते थे. साथ में उनकी पत्नी और उनका एक चार साल का बच्चा भी रहता था. भगत की पत्नी की तबीयत पांच दिनों से खराब थी. लॉकडाउन के चलते भगत अपनी पत्नी का इलाज नहीं करवा पाए. उनकी समस्या और भी बढ़ गई जब होटल मालिक ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया और उसके बाद मकान मालिक ने भी उन्हें मकान से निकाल दिया.

यह भी पढ़ें-'लॉकडाउन' में 'पंचर' हुई ऑटो-रिक्शा चालकों की 'गाड़ी ', परिवारों ने बयां की 'दर्द' की दास्तां

परेशान होकर भगत ने कहीं और कमरा लिया. इन सब के बीच भगत अपनी पत्नी का इलाज भी नहीं करा पाए. सोमवार रात को उनकी पत्नी की तबीयत ज्यादा खराब होने पर पीजीआई लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उनकी पत्नी को मृत घोषित कर दिया. सरकारी एंबुलेंस की व्यवस्था न होने पर भगत ने अपने कुछ साथियों की मदद से किसी तरह से 15,000 रुपये में प्राइवेट एंबुलेंस बुक करके अपनी पत्नी की डेड बॉडी लेकर अपने गांव पहुंचे.

भगत ने आरोप लगाया कि कहीं की भी सरकारें हो चाहे वो हरियाणा की हो या उत्तराखंड की, किसी भी सरकार ने उसकी मदद नहीं की और इस लॉकडाउन के चलते उनकी पत्नी को अपनी जान गंवानी पड़ी.

प्रतापनगर: कोरोना के कहर के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. इस दौरान सरकार सभी लोगों तक आवश्यक सेवाएं पहुंचाने के दावे कर रही है, लेकिन इन सब के बीच अपनी पत्नी की मौत से आहत भगत कहते हैं कि कहीं की भी सरकारों ने उनकी मदद नहीं की और उनकी पत्नी को अपनी जान गंवानी पड़ी.

लॉकडाउन में गंवाई जान.

मामला प्रतापनगर के भेलुन्ता गांव का है. भेलुन्ता निवासी भगत हरियाणा के एक होटल मेंं काम करते थे. साथ में उनकी पत्नी और उनका एक चार साल का बच्चा भी रहता था. भगत की पत्नी की तबीयत पांच दिनों से खराब थी. लॉकडाउन के चलते भगत अपनी पत्नी का इलाज नहीं करवा पाए. उनकी समस्या और भी बढ़ गई जब होटल मालिक ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया और उसके बाद मकान मालिक ने भी उन्हें मकान से निकाल दिया.

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परेशान होकर भगत ने कहीं और कमरा लिया. इन सब के बीच भगत अपनी पत्नी का इलाज भी नहीं करा पाए. सोमवार रात को उनकी पत्नी की तबीयत ज्यादा खराब होने पर पीजीआई लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उनकी पत्नी को मृत घोषित कर दिया. सरकारी एंबुलेंस की व्यवस्था न होने पर भगत ने अपने कुछ साथियों की मदद से किसी तरह से 15,000 रुपये में प्राइवेट एंबुलेंस बुक करके अपनी पत्नी की डेड बॉडी लेकर अपने गांव पहुंचे.

भगत ने आरोप लगाया कि कहीं की भी सरकारें हो चाहे वो हरियाणा की हो या उत्तराखंड की, किसी भी सरकार ने उसकी मदद नहीं की और इस लॉकडाउन के चलते उनकी पत्नी को अपनी जान गंवानी पड़ी.

Last Updated : Apr 21, 2020, 4:44 PM IST
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