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ऊखीमठ में हर किसी को काट रहे बंदर, तख्ती लेकर एसडीएम कार्यालय में गरजे ग्रामीण

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 11, 2023, 10:49 PM IST

Ukhimath Monkey Attack ऊखीमठ में बंदर हर किसी को काट रहे हैं. जिससे उनका बाहर निकलना भी दूभर हो गया है. आलम ये है कि एक महीने के भीतर करीब 15 लोगों को बंदर हमला कर घायल कर चुके हैं. आज जब ग्रामीण बंदरों की समस्या लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे तो तहसील कर्मियों ने अपनी ही पीड़ा सुना दी. उनका कहना था कि वो खुद भी बंदरों से परेशान हैं. वहीं, ग्रामीणों ने एसडीएम के माध्यम से सीएम धामी को ज्ञापन भेजा है.

Ukhimath Monkey Attack
ऊखीमठ में बंदरों के आतंक

रुद्रप्रयागः ऊखीमठ में बंदरों के आतंक से लोग परेशान हैं. आए दिन बंदर ग्रामीणों पर हमला कर रहे हैं. जिसके चलते उनका बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. ऐसे में आज ग्रामीणों का सब्र का बांध टूट गया और एसडीएम कार्यालय में आ गरजे. जहां उन्होंने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा. ज्ञापन में उन्होंने जल्द बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने मामले पर कार्रवाई न होने पर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी.

बता दें कि ऊखीमठ नगर में बंदरों के हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. आज बंदरों से परेशान नगर पंचायत ऊखीमठ की महिलाएं और पुरुष हाथ पर तख्ती लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने एसडीएम को बताया कि बीते एक महीने के भीतर करीब 15 लोग बंदरों के काटने से घायल हो चुके हैं. बंदरों का खौफ इस कदर है कि उनका घरों से निकलना मुश्किल हो गया है.
ये भी पढ़ेंः पौड़ी में बंदरों को भगाना पड़ा भारी, गिरने से बुजुर्ग महिला की गई जान

केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, पूर्व नगर अध्यक्ष रीता पुष्पवान, सभासद प्रदीप धर्मवान, महिला मंगल दल अध्यक्ष आरती देवी ने कहा कि बंदर के हमले में बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं सबसे ज्यादा शिकार हो रही हैं. इसके बावजूद शासन और प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. बंदरों के हमले की सर्वाधिक घटनाएं ओंकारेश्वर मंदिर मार्ग, राइंका ऊखीमठ, मुख्य बाजार और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास हो रही है.

Ukhimath Monkey Attack
बंदरों के आतंक से परेशान लोग पहुंचे एसडीएम कार्यालय

उनका कहना है कि स्कूली बच्चों को विद्यालय भेजना और वापस लाना किसी खतरे से कम नहीं है. अगर ऐसी ही स्थिति रही तो अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे. उन्होंने कहा कि बंदर फसलों को भी चौपट कर रहे हैं. जिससे उनका खेती से मोहभंग हो रहा है. उन्होंने बंदरों का नसबंदी करने की मांग भी की है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड की सड़कों पर 25 हजार आवारा गोवंश, पौड़ी में 1200 बंदर पिंजरे में कैद

ज्ञापन देने पहुंचे लोगों को तहसील कर्मियों ने ही सुनाई अपनी पीड़ाः वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता विजेंद्र नेगी ने कहा कि बंदरों के काटने की घटनाएं रोजाना सामने आ रही हैं. अगर एक हफ्ते के भीतर कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र धरना प्रदर्शन किया जाएगा. वहीं, ज्ञापन देने पहुंचे लोगों से तहसील कर्मियों ने भी अपनी पीड़ा व्यक्त की. उनका कहना कि बंदरों के आतंक से वो खुद भी बहुत परेशान हैं. बंदर काट रहे हैं, जिससे वो भी दहशत में हैं.

रुद्रप्रयागः ऊखीमठ में बंदरों के आतंक से लोग परेशान हैं. आए दिन बंदर ग्रामीणों पर हमला कर रहे हैं. जिसके चलते उनका बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. ऐसे में आज ग्रामीणों का सब्र का बांध टूट गया और एसडीएम कार्यालय में आ गरजे. जहां उन्होंने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा. ज्ञापन में उन्होंने जल्द बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने मामले पर कार्रवाई न होने पर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी.

बता दें कि ऊखीमठ नगर में बंदरों के हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. आज बंदरों से परेशान नगर पंचायत ऊखीमठ की महिलाएं और पुरुष हाथ पर तख्ती लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने एसडीएम को बताया कि बीते एक महीने के भीतर करीब 15 लोग बंदरों के काटने से घायल हो चुके हैं. बंदरों का खौफ इस कदर है कि उनका घरों से निकलना मुश्किल हो गया है.
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केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, पूर्व नगर अध्यक्ष रीता पुष्पवान, सभासद प्रदीप धर्मवान, महिला मंगल दल अध्यक्ष आरती देवी ने कहा कि बंदर के हमले में बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं सबसे ज्यादा शिकार हो रही हैं. इसके बावजूद शासन और प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. बंदरों के हमले की सर्वाधिक घटनाएं ओंकारेश्वर मंदिर मार्ग, राइंका ऊखीमठ, मुख्य बाजार और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास हो रही है.

Ukhimath Monkey Attack
बंदरों के आतंक से परेशान लोग पहुंचे एसडीएम कार्यालय

उनका कहना है कि स्कूली बच्चों को विद्यालय भेजना और वापस लाना किसी खतरे से कम नहीं है. अगर ऐसी ही स्थिति रही तो अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे. उन्होंने कहा कि बंदर फसलों को भी चौपट कर रहे हैं. जिससे उनका खेती से मोहभंग हो रहा है. उन्होंने बंदरों का नसबंदी करने की मांग भी की है.
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ज्ञापन देने पहुंचे लोगों को तहसील कर्मियों ने ही सुनाई अपनी पीड़ाः वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता विजेंद्र नेगी ने कहा कि बंदरों के काटने की घटनाएं रोजाना सामने आ रही हैं. अगर एक हफ्ते के भीतर कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र धरना प्रदर्शन किया जाएगा. वहीं, ज्ञापन देने पहुंचे लोगों से तहसील कर्मियों ने भी अपनी पीड़ा व्यक्त की. उनका कहना कि बंदरों के आतंक से वो खुद भी बहुत परेशान हैं. बंदर काट रहे हैं, जिससे वो भी दहशत में हैं.

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