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रुद्रप्रयाग: भालू के हमले से दहशत में ग्रामीण, आधा दर्जन से ज्यादा मवेशियों को बनाया शिकार

ऊखीमठ के मैखंडा गांव में बीते दो महीने में भालू गौशालाएं तोड़कर गाय और भैंसों पर हमला करने की कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है. जिससे कई दुधारू गाय भैसों की मौत हो गई है जबकि, एक दर्जन से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हैं.

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Published : Nov 22, 2019, 10:14 PM IST

रुद्रप्रयागः ऊखीमठ विकासखंड के फाटा क्षेत्र में लगातार भालू के हमले की घटनाएं बढ़ती ही जा रही है. जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. इतना ही नहीं भालू कई मवेशियों पर हमला कर चुका है. अबतक भालू इस क्षेत्र में करीब एक दर्जन से अधिक घटनाओं को अंजाम दे चुका है, लेकिन वन विभाग महज पटाखे फोड़ने की कार्रवाई कर अपने कर्तव्यों को इतिश्री कर रहा है.

बता दें कि बीते दो महीनों में ऊखीमठ के मैखंडा गांव के अलग-अलग तोकों में भालू ने गौशालाएं तोड़कर गाय और भैंसों पर हमला करने की दस घटनाओं को अंजाम दिया है. जिससे आधा दर्जन से अधिक मवेशियों की मौत हो गई है. जबकि, एक दर्जन से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हैं.

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ऐसे में गुरुवार की रात को भी भालू ने मैखंडा गांव के बुरेसिला तोक निवासी महिपाल सिंह भट्ट की गौशाला के दरवाजे तोड़कर दो बैलों पर हमला कर दिया. खूंखार भालू के हमले में एक बैल की मौत हो गई, जबकि एक बैल गंभीर रूप से घायल है. चार दिन पहले भी इसी गांव में एक दुधारू गाय को अपना शिकार बनाया था.

पीड़ित कुलदीप अग्रवाल का कहना है कि वन विभाग केवल फोटो खींचकर मुआवजा देने की बात कर रहा है. जबकि, भालू को पकड़ने या मारने के कोई भी प्रयास नहीं किए जा रहे हैं. बीते दो महीने में भालू के आतंक से ग्रामीण सहमे हुए हैं. साथ ही लगातार भालू के हमले से मैखंडा गांव के लोग दिन के समय भी घर से बाहर निकलने में कतरा रहे हैं.

ये भी पढे़ंः देहरादून: अवैध खनन के खिलाफ SSP का सख्त रुख, थानेदार समेत 7 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

ग्रामीणों का कहना है कि खासतौर पर महिलाएं और छोटे बच्चों के लिए बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. खेतों में काम करने और जंगल जाने वालों को तो काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि शाम होते ही लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं. ऐसे में भालू ने ग्रामीणों की आजादी छीन कर रख दी है, लेकिन जिम्मेदार विभाग और अधिकारी सुध लेने को तैयार नहीं हैं. वहीं, ग्रामीणों वन विभाग से भालू को जल्द पकड़ने की मांग की है.

रुद्रप्रयागः ऊखीमठ विकासखंड के फाटा क्षेत्र में लगातार भालू के हमले की घटनाएं बढ़ती ही जा रही है. जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. इतना ही नहीं भालू कई मवेशियों पर हमला कर चुका है. अबतक भालू इस क्षेत्र में करीब एक दर्जन से अधिक घटनाओं को अंजाम दे चुका है, लेकिन वन विभाग महज पटाखे फोड़ने की कार्रवाई कर अपने कर्तव्यों को इतिश्री कर रहा है.

बता दें कि बीते दो महीनों में ऊखीमठ के मैखंडा गांव के अलग-अलग तोकों में भालू ने गौशालाएं तोड़कर गाय और भैंसों पर हमला करने की दस घटनाओं को अंजाम दिया है. जिससे आधा दर्जन से अधिक मवेशियों की मौत हो गई है. जबकि, एक दर्जन से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हैं.

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ऐसे में गुरुवार की रात को भी भालू ने मैखंडा गांव के बुरेसिला तोक निवासी महिपाल सिंह भट्ट की गौशाला के दरवाजे तोड़कर दो बैलों पर हमला कर दिया. खूंखार भालू के हमले में एक बैल की मौत हो गई, जबकि एक बैल गंभीर रूप से घायल है. चार दिन पहले भी इसी गांव में एक दुधारू गाय को अपना शिकार बनाया था.

पीड़ित कुलदीप अग्रवाल का कहना है कि वन विभाग केवल फोटो खींचकर मुआवजा देने की बात कर रहा है. जबकि, भालू को पकड़ने या मारने के कोई भी प्रयास नहीं किए जा रहे हैं. बीते दो महीने में भालू के आतंक से ग्रामीण सहमे हुए हैं. साथ ही लगातार भालू के हमले से मैखंडा गांव के लोग दिन के समय भी घर से बाहर निकलने में कतरा रहे हैं.

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ग्रामीणों का कहना है कि खासतौर पर महिलाएं और छोटे बच्चों के लिए बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. खेतों में काम करने और जंगल जाने वालों को तो काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि शाम होते ही लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं. ऐसे में भालू ने ग्रामीणों की आजादी छीन कर रख दी है, लेकिन जिम्मेदार विभाग और अधिकारी सुध लेने को तैयार नहीं हैं. वहीं, ग्रामीणों वन विभाग से भालू को जल्द पकड़ने की मांग की है.

Intro:खूंखार भालू के हमले से ग्रामीणों में दहशत
दो महीने में दस घटनाओं को अंजाम दे चुका है भालू
भालू के हमले से आधा दर्जन से ज्यादा गाय और भैंसों की हो चुकी है मौत
रुद्रप्रयाग- विकासखण्ड ऊखीमठ के अन्तर्गत फाटा क्षेत्र में लगातार खूंखार भालू के हमले की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं। क्षेत्र में भालू ग्रामीणों की गौशालाओं को फाड़कर गाय और बैलों को अपना शिकार बना रहा है। अब तक भालू करीब एक दर्जन घटनाओं को अंजाम दे चुका है, लेकिन वन विभाग की तरफ से केवल पटाखे फोड़ने की कार्यवाही कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री की जा रही है।Body:बता दें कि चले की ऊखीमठ के मैखण्डा गांव के अलग-अलग तोकों में पिछले दो महीने में भालू ने गौशालाएं तोड़कर गाय और भैंसो पर हमला करने की दस घटनाओं को अंजाम दे दिया है, जिससे दुधारू गाय समेत आधा दर्जन गाय व भैसों की मौत हो गई है।़ जबकि एक दर्जन से अधिक गम्भीर रूप से घायल हैं। बृस्पतिवार की रात्रि को भालू ने मैखंडा गांव के बुरेसिला तोक निवासी महिपाल सिंह भट्ट पुत्र दलीप सिंह भट्ट की गौशाला के दरवाजे तोड़करी दो बैलों पर हमला कर दिया। खूंखार भालू के हमले में एक बैल की मौत हो गई, जबकि एक बैल गम्भीर रूप से घायल है। चार दिन पूर्व भी इसी गांव में एक दुधारू गाय को भालू ने मारा था। ग्रामीण कुलदीप अग्रवाल का कहना है कि वन विभाग केवल फोटो खींचकर मुआवजा देने की बात कर रहा है, जबकि भालू को पकड़ने या मारने के कोई भी प्रयास नहीं किये जा रहे हैं। पिछले दो महिने में भालू के आतंक से ग्रामीण सहमे और भयभीत नजर आ रहे हैं। कहा कि लगातार भालू के हमले से मैखण्डा गांव के लोग अब दोपहर में भी घर से बाहर जाने में कतरा रहे हैं। खासतौर पर महिलाएं और छोटे बच्चों के लिए बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। खेतों में काम करने और जंगल जाने में ग्रामीणों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि सांय ढलते ही लोग घरों में कैद हो जाते हैं। ऐसे में भालू ने ग्रामीणों की आजादी छीन कर रख दी है, लेकिन जिम्मेदार विभाग और अधिकारी सुध लेने को तैयार नहीं हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह भालू गौशालाओं को जिस तरह से फाड़ रहा है वह लोक जीवन के लिए भारी खतरा है। गौशालाओं से टिन निकालना, पक्के दरवाजे तोड़कर गायों पर हमला करना बहुत ही खतरनाक है। उन्होंने वन विभाग से भालू को जल्द मारने की मांग की है।
फोटो: भालू के हमले से घायल मवेशी
Conclusion:
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