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रुद्रप्रयाग: घटिया सड़क निर्माण पर गुस्साए ग्रामीण, आंदोलन की दी धमकी

रुद्रप्रयाग में गुप्तकाशी-कालीमठ-चैमासी मोटरमार्ग पर हो रहे डामरीकरण को लेकर ग्रमीणों ने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि लाखों की लागत से हो रहे डामरीकरण में अधिकारियों ने घोटाला किया है.

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Published : Mar 19, 2021, 7:49 AM IST

Poor road construction
घटिया सड़क निर्माण

रुद्रप्रयाग: गुप्तकाशी-कालीमठ-चैमासी मोटरमार्ग पर लाखों रुपये की लागत से हुए डामरीकरण घोटाले की जांच फाइलों में कैद रहने से जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि जिला प्रशासन जानबूझकर दोषी अधिकारियों का पक्ष लेकर जांच करने से कतरा रहा है.

प्रधान संगठन का कहना है कि यदि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो प्रधान संगठन को जिला, तहसील प्रशासन और लोक निर्माण विभाग के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पडे़गा. जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

Poor road construction
गंगतल-बैंजो मोटर मार्ग के समतलीकरण कार्य में मिट्टी का प्रयोग.

बता दें कि लोनिवि की ओर से पिछले साल सितंबर महीने में लाखों रुपए की लागत से कविल्ठा-चैमासी के मध्य डामरीकरण किया गया था. मगर मोटरमार्ग पर हुए डामरीकरण में गुणवत्ता न होने से डामरीकरण 6 महीने में ही उखड़ने लगा. इस मामले पर जिलाधिकारी मनुज गोयल ने फरवरी महीने के आखिरी सप्ताह में उपजिलाधिकारी ऊखीमठ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर एक हफ्ते के भीतर जांच रिर्पोट सौंपने के आदेश दिए थे.

मगर मार्च महीने का दूसरा हफ्ता भी गुजर जाने के बाद जांच रिपोर्ट का खुलासा नहीं हुआ है. प्रधान संगठन ब्लॉक अध्यक्ष सुभाष रावत ने कहा कि यदि समय रहते दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो प्रधान संगठन को आंदोलन के लिए बाध्य होना पडे़गा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

ruderprayag
घटिया सड़क निर्माण पर गुस्साए ग्रामीण.

ये भी पढ़ेंः मनेरी झील में नहाने गया किशोर डूबा, एसडीआरएफ टीम के हाथ खाली

उधर दूसरी तरफ रुद्रप्रयाग में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन गंगतल-बैंजो मोटर मार्ग पर मानकों को ताक पर रखकर निर्माण कार्य किया जा रहा है. मोटर मार्ग के समतलीकरण कार्य में जमकर मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है. वहीं विभागीय अधिकारियों के सब कुछ जानने के बाद भी मौन धारण कर रखा है. ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से मोटरमार्ग के समतलीकरण में मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है.

बता दें कि पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत 4 करोड़ 27 लाख की लागत से निर्माणाधीन साढे़ 6 किमी गंगतल-बैंजो मोटर मार्ग पर इन दिनों समतलीकरण का कार्य किया जा रहा है. कार्यदायी संस्था व विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से मोटरमार्ग के समतलीकरण कार्य में जमकर मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है. मार्ग के समतलीकरण कार्य में मिट्टी का प्रयोग होने से कुछ दिनों बाद होने वाले डामरीकरण पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

ग्रामीणों का आरोप है कि कार्यदायी संस्था व विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से मार्ग के समतलीकरण कार्य में जमकर मिट्टी का प्रयोग हो रहा है. ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि मार्ग पर बन रहे सुरक्षा दिवारों व पुस्तों के निर्माण में गुणवत्ता को दरकिनार किया जा रहा है. विभागीय अधिकारियों को बार-बार अवगत कराने के बाद भी मार्ग के निर्माण कार्य में गुणवत्ता को दरकिनार किया जा रहा है.

क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्जुन नेगी का कहना है कि गंगतल-बैंजो मोटर मार्ग भविष्य में विकासखंड मुख्यालय अगस्त्यमुनि को जोड़ने वाला मुख्य मोटर मार्ग बनेगा. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि विभागीय अधिकारियों ने कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा तो ग्रामीण आंदोलन के लिए मजबूर होगी. वहीं मामले पर जिलाधिकारी मनुज गोयल ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

रुद्रप्रयाग: गुप्तकाशी-कालीमठ-चैमासी मोटरमार्ग पर लाखों रुपये की लागत से हुए डामरीकरण घोटाले की जांच फाइलों में कैद रहने से जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि जिला प्रशासन जानबूझकर दोषी अधिकारियों का पक्ष लेकर जांच करने से कतरा रहा है.

प्रधान संगठन का कहना है कि यदि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो प्रधान संगठन को जिला, तहसील प्रशासन और लोक निर्माण विभाग के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पडे़गा. जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

Poor road construction
गंगतल-बैंजो मोटर मार्ग के समतलीकरण कार्य में मिट्टी का प्रयोग.

बता दें कि लोनिवि की ओर से पिछले साल सितंबर महीने में लाखों रुपए की लागत से कविल्ठा-चैमासी के मध्य डामरीकरण किया गया था. मगर मोटरमार्ग पर हुए डामरीकरण में गुणवत्ता न होने से डामरीकरण 6 महीने में ही उखड़ने लगा. इस मामले पर जिलाधिकारी मनुज गोयल ने फरवरी महीने के आखिरी सप्ताह में उपजिलाधिकारी ऊखीमठ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर एक हफ्ते के भीतर जांच रिर्पोट सौंपने के आदेश दिए थे.

मगर मार्च महीने का दूसरा हफ्ता भी गुजर जाने के बाद जांच रिपोर्ट का खुलासा नहीं हुआ है. प्रधान संगठन ब्लॉक अध्यक्ष सुभाष रावत ने कहा कि यदि समय रहते दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो प्रधान संगठन को आंदोलन के लिए बाध्य होना पडे़गा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

ruderprayag
घटिया सड़क निर्माण पर गुस्साए ग्रामीण.

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उधर दूसरी तरफ रुद्रप्रयाग में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन गंगतल-बैंजो मोटर मार्ग पर मानकों को ताक पर रखकर निर्माण कार्य किया जा रहा है. मोटर मार्ग के समतलीकरण कार्य में जमकर मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है. वहीं विभागीय अधिकारियों के सब कुछ जानने के बाद भी मौन धारण कर रखा है. ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से मोटरमार्ग के समतलीकरण में मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है.

बता दें कि पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत 4 करोड़ 27 लाख की लागत से निर्माणाधीन साढे़ 6 किमी गंगतल-बैंजो मोटर मार्ग पर इन दिनों समतलीकरण का कार्य किया जा रहा है. कार्यदायी संस्था व विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से मोटरमार्ग के समतलीकरण कार्य में जमकर मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है. मार्ग के समतलीकरण कार्य में मिट्टी का प्रयोग होने से कुछ दिनों बाद होने वाले डामरीकरण पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

ग्रामीणों का आरोप है कि कार्यदायी संस्था व विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से मार्ग के समतलीकरण कार्य में जमकर मिट्टी का प्रयोग हो रहा है. ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि मार्ग पर बन रहे सुरक्षा दिवारों व पुस्तों के निर्माण में गुणवत्ता को दरकिनार किया जा रहा है. विभागीय अधिकारियों को बार-बार अवगत कराने के बाद भी मार्ग के निर्माण कार्य में गुणवत्ता को दरकिनार किया जा रहा है.

क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्जुन नेगी का कहना है कि गंगतल-बैंजो मोटर मार्ग भविष्य में विकासखंड मुख्यालय अगस्त्यमुनि को जोड़ने वाला मुख्य मोटर मार्ग बनेगा. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि विभागीय अधिकारियों ने कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा तो ग्रामीण आंदोलन के लिए मजबूर होगी. वहीं मामले पर जिलाधिकारी मनुज गोयल ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

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