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रुद्रप्रयाग: स्यांसू गांव से भगवान तुंगनाथ की उत्तर दिवारा यात्रा की विदाई, रात्रि विश्राम के लिए पहुंची कोटमा

भगवान तुंगनाथ की उत्तर दिवारा यात्रा रात्रि विश्राम के लिए कोटमा पहुंच गई है. मंगलवार को तुंगनाथ की दिवारा यात्रा, रुच्छ महादेव और कोटिमाहेश्वरी का अद्भुत मिलन होगा.

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भगवान तुंगनाथ की उत्तर दिवारा यात्रा.
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Published : Feb 24, 2020, 7:50 PM IST

रुद्रप्रयाग: भगवान तुंगनाथ की दूसरे चरण की उत्तर दिवारा यात्रा कालीमठ घाटी के स्यांसू गांव से रात्रि प्रवास के लिए कोटमा पहुंच गई है. कालीमठ घाटी के कुछ गांवों में धार्मिक अनुष्ठान के आयोजन के चलते दिवारा यात्रा के भ्रमण कार्यक्रम में थोड़ा परिवर्तन किया गया है. मंगलवार को दिवारा यात्रा रात्रि प्रवास के लिए रुच्छ महादेव होते हुए चिलौंड गांव पहुंचेगी. जिसके बाद तुंगनाथ दिवारा यात्रा, रुच्छ महादेव और कोटिमाहेश्वरी का अद्भुत मिलन होगा.

रात्रि विश्राम के लिए कोटमा पहुंची भगवान तुंगनाथ की उत्तर दिवारा यात्रा.

शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कडेय तीर्थ मक्कूमठ से आठ वर्ष बाद शुरू हुई भगवान तुंगनाथ की यात्रा को कालीमठ घाटी के स्यांसू गांव से विदा करने से पहले आचार्यों ने ब्रह्म बेला पर पंचांग पूजन के तहत पंचनाम देवताओं का आह्वान किया. साथ ही भगवान तुंगनाथ, देवकंडी और भूतनाथ सहित अनेक देवी-देवताओं का रुद्राभिषेक कर आरती उतारी. जिसके बाद भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा ने स्यांसू गांव के विभिन्न तोकों का भ्रमण कर ग्रामीणों व धियाणियों की कुशलक्षेम पूछी. भगवान तुंगनाथ की दिवारा के नगर भ्रमण के दौरान महिलाओं ने पौराणिक जागरों से अगुवाई की. साथ ही अनेक प्रकार के पूजा सामग्री व वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी. जिसके बाद दिवारा यात्रा के स्यांसू गांव से विदा होने पर महिलाओं व धियाणियों की आखें छलक उठी.

ये भी पढे़ं: पिथौरागढ़ः सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन, महिला अधिकारों की दी गई जानकारी

दिवारा यात्रा के सरस्वती नदी पहुंचने पर भगवान तुंगनाथ की डोली को पौराणिक परंपराओं के अनुसार नदी की जल धाराओं को पार करते हुए कोटमा गांव पहुंची. दिवारा यात्रा के कोटमा गांव पहुंचने पर ग्रामीणों से पुष्प वर्षा कर दिवारा यात्रा का स्वागत किया. मंगलवार को भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा, रुच्छ महादेव व कोटिमाहेश्वरी का अदभुत मिलन होगा.

रुद्रप्रयाग: भगवान तुंगनाथ की दूसरे चरण की उत्तर दिवारा यात्रा कालीमठ घाटी के स्यांसू गांव से रात्रि प्रवास के लिए कोटमा पहुंच गई है. कालीमठ घाटी के कुछ गांवों में धार्मिक अनुष्ठान के आयोजन के चलते दिवारा यात्रा के भ्रमण कार्यक्रम में थोड़ा परिवर्तन किया गया है. मंगलवार को दिवारा यात्रा रात्रि प्रवास के लिए रुच्छ महादेव होते हुए चिलौंड गांव पहुंचेगी. जिसके बाद तुंगनाथ दिवारा यात्रा, रुच्छ महादेव और कोटिमाहेश्वरी का अद्भुत मिलन होगा.

रात्रि विश्राम के लिए कोटमा पहुंची भगवान तुंगनाथ की उत्तर दिवारा यात्रा.

शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कडेय तीर्थ मक्कूमठ से आठ वर्ष बाद शुरू हुई भगवान तुंगनाथ की यात्रा को कालीमठ घाटी के स्यांसू गांव से विदा करने से पहले आचार्यों ने ब्रह्म बेला पर पंचांग पूजन के तहत पंचनाम देवताओं का आह्वान किया. साथ ही भगवान तुंगनाथ, देवकंडी और भूतनाथ सहित अनेक देवी-देवताओं का रुद्राभिषेक कर आरती उतारी. जिसके बाद भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा ने स्यांसू गांव के विभिन्न तोकों का भ्रमण कर ग्रामीणों व धियाणियों की कुशलक्षेम पूछी. भगवान तुंगनाथ की दिवारा के नगर भ्रमण के दौरान महिलाओं ने पौराणिक जागरों से अगुवाई की. साथ ही अनेक प्रकार के पूजा सामग्री व वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी. जिसके बाद दिवारा यात्रा के स्यांसू गांव से विदा होने पर महिलाओं व धियाणियों की आखें छलक उठी.

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दिवारा यात्रा के सरस्वती नदी पहुंचने पर भगवान तुंगनाथ की डोली को पौराणिक परंपराओं के अनुसार नदी की जल धाराओं को पार करते हुए कोटमा गांव पहुंची. दिवारा यात्रा के कोटमा गांव पहुंचने पर ग्रामीणों से पुष्प वर्षा कर दिवारा यात्रा का स्वागत किया. मंगलवार को भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा, रुच्छ महादेव व कोटिमाहेश्वरी का अदभुत मिलन होगा.

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