रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालु अब धाम सहित गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर प्लास्टिक-पॉलिथीन का उपयोग नहीं कर सकेंगे. यात्रा में कोई भी श्रद्धालु पॉलिथीन से बनी कोई भी वस्तु जैसे बरसाती, जैकेट व हैंडबैंग अपने साथ धाम नहीं ले जा सकेगा. इसके लिए ग्राम पंचायत गौरीकुंड द्वारा ईडीसी (इको विकास समिति) का गठन किया जा रहा है. यह समिति यात्रा पैदल मार्ग को पॉलिथीन मुक्त रखने के लिए कार्य करते हुए देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को भी पर्यावरण के प्रति जागरूक करेगी.
केदारनाथ धाम को पॉलीथीन मुक्त करने और हिमालय को पहुंच रहे नुकसान को देखते हुए जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने यह योजना तैयार की है. योजना के तहत केदारनाथ यात्रा में पॉलिथीन को पूर्ण प्रतिबंधित कर दिया गया है. ग्राम प्रधान के दिशा-निर्देशन में गठित समिति में नौ पदाधिकारी व सदस्य चुने गये हैं.
समिति के सदस्य यात्रा के दौरान गौरीकुंड से केदारनाथ तक चिह्नित स्थानों पर तैनात रहेंगे. किसी भी प्रकार का पॉलिथीन एवं प्लास्टिक केदारनाथ नहीं पहुंचने दिया जाएगा. समिति द्वारा बरसाती सीजन में श्रद्धालुओं को बारिश से बचने के लिए रेकजीन के जैकेट व बरसाती मुहैया कराई जाएंगी. इसके लिए रास्ते से धाम की दूरी के हिसाब से श्रद्धालुओं से न्यूनतम शुल्क लिया जाएगा. दर्शन कर लौटते समय श्रद्धालुओं को यह जैकेट व बरसाती समिति को जमा करानी होगी.
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ तक के क्षेत्र को पॉलिथीन मुक्त करने के लिए गौरीकुंड ईडीसी गठित की जा रही है. समिति के साथ प्रशासन भी यात्राकाल में नियमित मॉनिटरिंग करेगा. इसके अलावा कपाट खुलने से लेकर यात्राकाल तक प्राकृतिक फूलों से ही बाबा का श्रृंगार व पूजन किया जाएगा. डीएम ने बताया कि इसके लिए प्रशासन ने उद्यान विभाग के माध्यम से रुद्रप्रयाग व चमोली के काश्तकारों को फूलों के उत्पादन की जिम्मेदारी सौंपी है. BKTC (बदरी केदार टेंपल कमेटी) की मांग के अनुरूप सात मई को 15 कुंतल प्राकृतिक फूल धाम पहुंचा दिए जाएंगे.