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केदारनाथ-गौरीकुंड पैदल मार्ग पर प्लास्टिक प्रतिबंधित, EDC का हुआ गठन - kedarnath yatra

केदारनाथ यात्रा को इको फ्रेंडली बनाने के लिए DM मंगेश घिल्डियाल ने पॉलिथिन पर लगाया प्रतिबंध. इको विकास समिति सभी पर रखेगी नजर.

धाम के दर्शन के लिए खड़े श्रद्धालु
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Published : Apr 21, 2019, 2:16 PM IST

Updated : Apr 21, 2019, 2:56 PM IST

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालु अब धाम सहित गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर प्लास्टिक-पॉलिथीन का उपयोग नहीं कर सकेंगे. यात्रा में कोई भी श्रद्धालु पॉलिथीन से बनी कोई भी वस्तु जैसे बरसाती, जैकेट व हैंडबैंग अपने साथ धाम नहीं ले जा सकेगा. इसके लिए ग्राम पंचायत गौरीकुंड द्वारा ईडीसी (इको विकास समिति) का गठन किया जा रहा है. यह समिति यात्रा पैदल मार्ग को पॉलिथीन मुक्त रखने के लिए कार्य करते हुए देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को भी पर्यावरण के प्रति जागरूक करेगी.

केदारनाथ धाम को पॉलीथीन मुक्त करने और हिमालय को पहुंच रहे नुकसान को देखते हुए जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने यह योजना तैयार की है. योजना के तहत केदारनाथ यात्रा में पॉलिथीन को पूर्ण प्रतिबंधित कर दिया गया है. ग्राम प्रधान के दिशा-निर्देशन में गठित समिति में नौ पदाधिकारी व सदस्य चुने गये हैं.

DM मंगेश घिल्डियाल ने पॉलिथिन पर लगाया प्रतिबंध

समिति के सदस्य यात्रा के दौरान गौरीकुंड से केदारनाथ तक चिह्नित स्थानों पर तैनात रहेंगे. किसी भी प्रकार का पॉलिथीन एवं प्लास्टिक केदारनाथ नहीं पहुंचने दिया जाएगा. समिति द्वारा बरसाती सीजन में श्रद्धालुओं को बारिश से बचने के लिए रेकजीन के जैकेट व बरसाती मुहैया कराई जाएंगी. इसके लिए रास्ते से धाम की दूरी के हिसाब से श्रद्धालुओं से न्यूनतम शुल्क लिया जाएगा. दर्शन कर लौटते समय श्रद्धालुओं को यह जैकेट व बरसाती समिति को जमा करानी होगी.

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ तक के क्षेत्र को पॉलिथीन मुक्त करने के लिए गौरीकुंड ईडीसी गठित की जा रही है. समिति के साथ प्रशासन भी यात्राकाल में नियमित मॉनिटरिंग करेगा. इसके अलावा कपाट खुलने से लेकर यात्राकाल तक प्राकृतिक फूलों से ही बाबा का श्रृंगार व पूजन किया जाएगा. डीएम ने बताया कि इसके लिए प्रशासन ने उद्यान विभाग के माध्यम से रुद्रप्रयाग व चमोली के काश्तकारों को फूलों के उत्पादन की जिम्मेदारी सौंपी है. BKTC (बदरी केदार टेंपल कमेटी) की मांग के अनुरूप सात मई को 15 कुंतल प्राकृतिक फूल धाम पहुंचा दिए जाएंगे.

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालु अब धाम सहित गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर प्लास्टिक-पॉलिथीन का उपयोग नहीं कर सकेंगे. यात्रा में कोई भी श्रद्धालु पॉलिथीन से बनी कोई भी वस्तु जैसे बरसाती, जैकेट व हैंडबैंग अपने साथ धाम नहीं ले जा सकेगा. इसके लिए ग्राम पंचायत गौरीकुंड द्वारा ईडीसी (इको विकास समिति) का गठन किया जा रहा है. यह समिति यात्रा पैदल मार्ग को पॉलिथीन मुक्त रखने के लिए कार्य करते हुए देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को भी पर्यावरण के प्रति जागरूक करेगी.

केदारनाथ धाम को पॉलीथीन मुक्त करने और हिमालय को पहुंच रहे नुकसान को देखते हुए जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने यह योजना तैयार की है. योजना के तहत केदारनाथ यात्रा में पॉलिथीन को पूर्ण प्रतिबंधित कर दिया गया है. ग्राम प्रधान के दिशा-निर्देशन में गठित समिति में नौ पदाधिकारी व सदस्य चुने गये हैं.

DM मंगेश घिल्डियाल ने पॉलिथिन पर लगाया प्रतिबंध

समिति के सदस्य यात्रा के दौरान गौरीकुंड से केदारनाथ तक चिह्नित स्थानों पर तैनात रहेंगे. किसी भी प्रकार का पॉलिथीन एवं प्लास्टिक केदारनाथ नहीं पहुंचने दिया जाएगा. समिति द्वारा बरसाती सीजन में श्रद्धालुओं को बारिश से बचने के लिए रेकजीन के जैकेट व बरसाती मुहैया कराई जाएंगी. इसके लिए रास्ते से धाम की दूरी के हिसाब से श्रद्धालुओं से न्यूनतम शुल्क लिया जाएगा. दर्शन कर लौटते समय श्रद्धालुओं को यह जैकेट व बरसाती समिति को जमा करानी होगी.

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ तक के क्षेत्र को पॉलिथीन मुक्त करने के लिए गौरीकुंड ईडीसी गठित की जा रही है. समिति के साथ प्रशासन भी यात्राकाल में नियमित मॉनिटरिंग करेगा. इसके अलावा कपाट खुलने से लेकर यात्राकाल तक प्राकृतिक फूलों से ही बाबा का श्रृंगार व पूजन किया जाएगा. डीएम ने बताया कि इसके लिए प्रशासन ने उद्यान विभाग के माध्यम से रुद्रप्रयाग व चमोली के काश्तकारों को फूलों के उत्पादन की जिम्मेदारी सौंपी है. BKTC (बदरी केदार टेंपल कमेटी) की मांग के अनुरूप सात मई को 15 कुंतल प्राकृतिक फूल धाम पहुंचा दिए जाएंगे.

अब पॉलिथीन मुक्त रहेगा गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग और केदारधाम
श्रद्धालु नहीं ले जा सकेंगे पॉलिथीन की बरसाती
गौरीकुंड ईको विकास समिति का गठन
प्रशासन करेगा निरंतर मॉनीटरिंग
स्थानीय लोगों के पास रहेगी पूरी कमान 
उत्तराखण्ड डेस्क
स्लग - प्लास्टिक पाॅलीथीन मुक्त रहेगा केदारनाथ 
रिपोर्ट - रोहित डिमरी/21 अप्रैल 2019/रुद्रप्रयाग/एवीबी
एंकर - केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालु अब धाम सहित गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर प्लास्टिक-पाॅलीथीन का उपयोग नहीं कर सकेंगे। इसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर ली हैं। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग व केदारपुरी में पॉलिथीन पर पूर्ण प्रतिबंधित कर दिया गया है। यात्रा में कोई भी श्रद्धालु पॉलिथीन से बनी बरसाती, जैकेट व हैंडबैंग अपने साथ धाम नहीं ले जा सकेगा। इसके लिए ग्राम पंचायत गौरीकुंड द्वारा ईडीसी (इको विकास समिति) का गठन किया जा रहा है। यह समिति यात्रा पैदल मार्ग को पॉलिथीन मुक्त रखने के लिए कार्य करते हुए देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को भी पर्यावरण के प्रति जागरूक करेगी।
वीओ -1- केदारनाथ धाम को पाॅलीथीन मुक्त करने और हिमालय को पहुंच रहे नुकसान को देखते हुए जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने यह योजना तैयार की है। योजना के तहत केदारनाथ यात्रा में पॉलिथीन को पूर्ण प्रतिबंधित कर दिया गया है और गौरीकुंड ईडीसी का गठन किया गया है। ग्राम प्रधान के दिशा-निर्देशन में गठित समिति में नौ पदाधिकारी व सदस्य चुने गये हैं। ये, लोग यात्रा में गौरीकुंड से केदारनाथ तक चिह्नित स्थानों पर तैनात रहेंगे और पूरे क्षेत्र को पॉलिथीन मुक्त रखने के लिए कार्य करेंगे। किसी भी प्रकार का पॉलिथीन एवं प्लास्टिक केदारनाथ नहीं पहुंचने दिया जाएगा। समिति द्वारा बरसाती सीजन में श्रद्धालुओं को बारिश से बचने के लिए रैकजीन के कोटध्बरसाती मुहैया कराई जाएंगी। इसके लिए रास्ते से धाम की दूरी की हिसाब से श्रद्धालुओं से न्यून शुल्क लिया जाएगा। दर्शन कर लौटते समय श्रद्धालु को यह जैकेट व बरसाती समिति के प्वाइंट पर जमा करानी होगी। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ तक के क्षेत्र को पॉलिथीन मुक्त करने के गौरीकुंड ईडीसी गठित की जा रही है। समिति के साथ प्रशासन भी यात्राकाल में नियमित मॉनीटरिंग करेगा।
इसके अलावा कपाट खुलने से लेकर यात्राकाल में प्राकृतिक फूलों से ही बाबा का श्रृंगार व पूजन किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने उद्यान विभाग के माध्यम से रुद्रप्रयाग व चमोली के काश्तकारों को फूलों के उत्पादन की जिम्मेदारी सौंपी हैं। बीकेटीसी की मांग के अनुरूप सात मई को 15 कुंतल प्राकृतिक फूल धाम पहुंचा दिए जाएंगे।
बाइट- मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी 

Last Updated : Apr 21, 2019, 2:56 PM IST
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