रुद्रप्रयाग: पंचकेदारों में एक तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की विशेष पूजा अर्चना व वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ दूसरे चरण की देवरा यात्रा शुरू हो गई. लगभग डेढ़ माह तक चलने वाली यात्रा के दौरान तुंगनाथ, मद्महेश्वर, कालीमठ घाटी के गांवों का भ्रमण कर भक्तों की कुलक्षेम पूछेगी. शुक्रवार को मक्कूमठ मंदिर की तीन परिक्रमा करने व भक्तों के जयकारों के साथ देवरा यात्रा रात्रि विश्राम के लिए जगपुड़ा गांव पहुंची.
इससे पहले तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में पुजारी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान तुंगनाथ की विशेष पूजा अर्चना की. भगवान का अभिषेक करने के बाद भोग मूर्तियों को डोली में विराजमान कर विशेष श्रृंगार एवं भोग लगाकर आरती उतारी गई. स्थानीय श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ को अर्ग्य लगाकर देवारा यात्रा के सफल संचालन की कामना की.
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यात्रा के सौंड भुतेर पहुंचने पर परंपरानुसार भूतनाथ की मूर्ति को भी मन्त्रोच्चारण के साथ डोली में विराजमान किया गया. इसके बाद देवरा यात्रा पाव, ग्वाड़, डिलणा, बंरगाली, कांडा, हुडू, दैडा, उषाडा, सारी, दिलमी, रोडू, करोखी, पैंज, बंजपाणी, किमाणा, डुंगर, सेमला, पठाली, जाख्णी, भटवाडी, ऊखीमठ, चुन्नी मंगोली, पाली फांफज और सरूणा के साथ ही मद्महेश्वर, कालीमठ और गुप्तकाशी क्षेत्र में घर-घर जाकर भक्तों की कुशमक्षेम पूछेगी.
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देवरा यात्रा प्रभारी एवं बीकेटीसी के प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर पुष्पाण ने बताया कि भगवान तुंगनाथ की दूसरे चरण की यात्रा शुरू हो गई है. भगवान की देवरा यात्रा कालीमठ, तुंगनाथ और मदमहेश्वर घाटी के गांवों का भ्रमण कर भक्तों की कुलक्षेम पूछेगी. इसके अगले वर्ष महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए तिथि बाद में निश्चित की जाएगी.