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भगवान तुंगनाथ की उत्तर देवरा यात्रा का आगाज, दिखा भक्तों का हुजूम

रुद्रप्रयाग स्थित भगवान तुंगनाथ की की देवरा यात्रा डोली भक्तों के जयकारों के साथ मक्कूमठ मंदिर से रवाना हो गई. पहला रात्रि विश्राम जगपुड़ा गांव में होगा.

देवरा यात्रा
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Published : Jan 10, 2020, 6:46 PM IST

Updated : Jan 10, 2020, 7:09 PM IST

रुद्रप्रयाग: पंचकेदारों में एक तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की विशेष पूजा अर्चना व वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ दूसरे चरण की देवरा यात्रा शुरू हो गई. लगभग डेढ़ माह तक चलने वाली यात्रा के दौरान तुंगनाथ, मद्महेश्वर, कालीमठ घाटी के गांवों का भ्रमण कर भक्तों की कुलक्षेम पूछेगी. शुक्रवार को मक्कूमठ मंदिर की तीन परिक्रमा करने व भक्तों के जयकारों के साथ देवरा यात्रा रात्रि विश्राम के लिए जगपुड़ा गांव पहुंची.

भक्तों के जयकारों के साथ रवाना हुई देवरा यात्रा


इससे पहले तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में पुजारी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान तुंगनाथ की विशेष पूजा अर्चना की. भगवान का अभिषेक करने के बाद भोग मूर्तियों को डोली में विराजमान कर विशेष श्रृंगार एवं भोग लगाकर आरती उतारी गई. स्थानीय श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ को अर्ग्य लगाकर देवारा यात्रा के सफल संचालन की कामना की.

tungnath
भगवान तुंगनाथ की उत्तर देवरा यात्रा का आगाज
दोपहर 12 बजे भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली एवं अन्य देव निशानों ने मन्दिर की तीन परिक्रमा करने के उपरान्त देवरा यात्रा पर अपने प्रथम पड़ाव के लिए निकल पड़ी. इस दौरान भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा. भगवान की उत्सव डोली मक्कूगांव में श्रद्धालुओं को आशीष देने के बाद रात्रि विश्राम के लिए जगपुड़ा पहुंची, जहां भक्तों ने डोली अक्षत एवं पुष्प वर्षा से डोली का जोरदार स्वागत किया.

पढ़ेंः आजादी के सात दशक बाद भी नहीं बदली इस गांव की तस्वीर, आदिम युग में जीने को मजबूर ग्रामीण

यात्रा के सौंड भुतेर पहुंचने पर परंपरानुसार भूतनाथ की मूर्ति को भी मन्त्रोच्चारण के साथ डोली में विराजमान किया गया. इसके बाद देवरा यात्रा पाव, ग्वाड़, डिलणा, बंरगाली, कांडा, हुडू, दैडा, उषाडा, सारी, दिलमी, रोडू, करोखी, पैंज, बंजपाणी, किमाणा, डुंगर, सेमला, पठाली, जाख्णी, भटवाडी, ऊखीमठ, चुन्नी मंगोली, पाली फांफज और सरूणा के साथ ही मद्महेश्वर, कालीमठ और गुप्तकाशी क्षेत्र में घर-घर जाकर भक्तों की कुशमक्षेम पूछेगी.

पढ़ेंः देवभूमि में यहां नाग देवता ग्रामीणों पर बरसाते हैं कृपा, ऐसे उतर जाता है जहर

देवरा यात्रा प्रभारी एवं बीकेटीसी के प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर पुष्पाण ने बताया कि भगवान तुंगनाथ की दूसरे चरण की यात्रा शुरू हो गई है. भगवान की देवरा यात्रा कालीमठ, तुंगनाथ और मदमहेश्वर घाटी के गांवों का भ्रमण कर भक्तों की कुलक्षेम पूछेगी. इसके अगले वर्ष महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए तिथि बाद में निश्चित की जाएगी.

रुद्रप्रयाग: पंचकेदारों में एक तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की विशेष पूजा अर्चना व वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ दूसरे चरण की देवरा यात्रा शुरू हो गई. लगभग डेढ़ माह तक चलने वाली यात्रा के दौरान तुंगनाथ, मद्महेश्वर, कालीमठ घाटी के गांवों का भ्रमण कर भक्तों की कुलक्षेम पूछेगी. शुक्रवार को मक्कूमठ मंदिर की तीन परिक्रमा करने व भक्तों के जयकारों के साथ देवरा यात्रा रात्रि विश्राम के लिए जगपुड़ा गांव पहुंची.

भक्तों के जयकारों के साथ रवाना हुई देवरा यात्रा


इससे पहले तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में पुजारी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान तुंगनाथ की विशेष पूजा अर्चना की. भगवान का अभिषेक करने के बाद भोग मूर्तियों को डोली में विराजमान कर विशेष श्रृंगार एवं भोग लगाकर आरती उतारी गई. स्थानीय श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ को अर्ग्य लगाकर देवारा यात्रा के सफल संचालन की कामना की.

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भगवान तुंगनाथ की उत्तर देवरा यात्रा का आगाज
दोपहर 12 बजे भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली एवं अन्य देव निशानों ने मन्दिर की तीन परिक्रमा करने के उपरान्त देवरा यात्रा पर अपने प्रथम पड़ाव के लिए निकल पड़ी. इस दौरान भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा. भगवान की उत्सव डोली मक्कूगांव में श्रद्धालुओं को आशीष देने के बाद रात्रि विश्राम के लिए जगपुड़ा पहुंची, जहां भक्तों ने डोली अक्षत एवं पुष्प वर्षा से डोली का जोरदार स्वागत किया.

पढ़ेंः आजादी के सात दशक बाद भी नहीं बदली इस गांव की तस्वीर, आदिम युग में जीने को मजबूर ग्रामीण

यात्रा के सौंड भुतेर पहुंचने पर परंपरानुसार भूतनाथ की मूर्ति को भी मन्त्रोच्चारण के साथ डोली में विराजमान किया गया. इसके बाद देवरा यात्रा पाव, ग्वाड़, डिलणा, बंरगाली, कांडा, हुडू, दैडा, उषाडा, सारी, दिलमी, रोडू, करोखी, पैंज, बंजपाणी, किमाणा, डुंगर, सेमला, पठाली, जाख्णी, भटवाडी, ऊखीमठ, चुन्नी मंगोली, पाली फांफज और सरूणा के साथ ही मद्महेश्वर, कालीमठ और गुप्तकाशी क्षेत्र में घर-घर जाकर भक्तों की कुशमक्षेम पूछेगी.

पढ़ेंः देवभूमि में यहां नाग देवता ग्रामीणों पर बरसाते हैं कृपा, ऐसे उतर जाता है जहर

देवरा यात्रा प्रभारी एवं बीकेटीसी के प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर पुष्पाण ने बताया कि भगवान तुंगनाथ की दूसरे चरण की यात्रा शुरू हो गई है. भगवान की देवरा यात्रा कालीमठ, तुंगनाथ और मदमहेश्वर घाटी के गांवों का भ्रमण कर भक्तों की कुलक्षेम पूछेगी. इसके अगले वर्ष महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए तिथि बाद में निश्चित की जाएगी.

Intro:भगवान तुंगनाथ की उत्तर दिवारा यात्रा का आगाज
दूसरे चरण की यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह, डोली ने पावजगपुड़ा में किया प्रथम रात्रि प्रवास
रुद्रप्रयाग। पंचकेदारों में शामिल तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की विशेष पूजा अर्चना व वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ दूसरे चरण की देवरा यात्रा शुरू हो गई। लगभग डेढ़ माह तक चलने वाली यात्रा के दौरान तुंगनाथ तुंगनाथ, मदमहेश्वर, कालीमठ घाटी के गांवों का भ्रमण कर भक्तों की कुलक्षेम पूछेगी। शुक्रवार को मक्कूमठ मंदिर की तीन परिक्रमा करने व भक्तों के जयकारों के साथ देवरा यात्रा रात्रि विश्राम के लिए जगपुडा पहुंची। Body:भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में पुजारी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान तुंगनाथ की विशेष पूजा अर्चना कर सकलीकरण किया। भगवान का अभिषेक करने के बाद भोग मूर्तियों को डोली में विराजमान कर विशेष श्रृंगार एवं भोग लगाकर आरती उतारी गई। स्थानीय श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ को अर्ग लगाकर देवारा यात्रा के सफल संचालन की कामना की। ठीक बारह बजे दोपहर भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली एवं अन्य देव निशानों ने मन्दिर की तीन परिक्रमा करने के उपरान्त देवरा यात्रा पर अपने प्रथम पडाव के लिए निकल पडी। इस दौरान भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। भगवान की उत्सव डोली ने मक्कू गांव में श्रद्धालुओं को आशीष देने के बाद डोली रात्रि विश्राम के लिए जगपुडा पहुँची, जहां भक्तों ने डोली अक्षत एवं पुष्प वर्षा से जोरदार स्वागत किया। यात्रा के सौड भुतेर पहुँचने पर परम्परानुसार भूतनाथ की मूर्ति को भी मन्त्रोच्चारण के साथ डोली में विराजमान किया गया। इसके बाद देवरा यात्रा पाव, ग्वाड़, डिलणा, बंरगाली, कांडा, हुडू, दैडा, उषाडा, सारी, दिलमी, रोडू, करोखी, पैंज, बंजपाणी, किमाणा, डुंगर, सेमला, पठाली, जाख्णी, भटवाडी, ऊखीमठ, चुन्नी मंगोली, पाली फांफज, सरूणा के साथ ही मदमहेश्वर, कालीमठ, गुप्तकाशी क्षेत्र में घर-घर जाकर भक्तों की कुशमक्षेम पूछेगी। देवरा यात्रा प्रभारी बीकेटीसी के प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर पुष्पाण ने बताया कि भगवान तुंगनाथ की दूसरे चरण की यात्रा शुरू हो गई है। भगवान की देवरा यात्रा कालीमठ, तुंगनाथ व मदमहेश्वर घाटी के गांवों का भ्रमण कर भक्तों की कुलक्षेम पूछेगी। इसके अगले वर्ष महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए तिथि बाद में निश्चित की जाएगी।
बाइट-रीना बिष्ट, सदस्य जिला पंचायत
बाइट-लम्बोदर मैठाणी, पुजारीConclusion:
Last Updated : Jan 10, 2020, 7:09 PM IST
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