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विधि विधान से खुले तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट, भगवान शिव के भुजाओं की होती है पूजा

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Published : May 6, 2022, 5:02 PM IST

Updated : May 6, 2022, 5:29 PM IST

भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट आज विधि विधान के साथ खोल दिए गए हैं. इस दौरान धाम बाबा के जयकारों से गूंज उठा. यहां भगवान शिव के भुजाओं की पूजा होती है. इसे दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है.

Tungnath Dham door Open
तुंगनाथ धाम के कपाट खुले

रुद्रप्रयागः पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट (Tungnath Temple Door Open) आज दोपहर 1 बजे कर्क लग्न में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खोल दिए गए हैं. कपाट खुलने के पावन अवसर पर करीब 10 क्विंटल फूलों से भगवान तुंगनाथ समेत सहायक मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया. भगवान तुंगनाथ के कपाट खुलने के बाद यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लगी है. वहीं, तुंगनाथ धाम श्रद्धालुओं की जयकारों से गुंजायमान रहा.

बता दें कि तुंगनाथ धाम में शंकर भगवान के भुजाओं की पूजा होती है. शीतकाल में भगवान शंकर की पूजा मक्कूमठ स्थित मर्कटेश्वर मंदिर में होती है, जबकि ग्रीष्मकाल में तुंगनाथ धाम में होती है. आज सुबह चोपता में पूजा-अर्चना के बाद बाबा तुंगनाथ की डोली ने धाम के लिए प्रस्थान किया. दोपहर एक बजे डोली तुंगनाथ धाम पहुंची, जहां पहले से मौजूद श्रद्धालुओं ने डोली का भव्य स्वागत किया. बाबा तुंगनाथ की डोली ने अपने शीतकालीन प्रवास मक्कूमठ से 3 मई को प्रस्थान किया था और डोली ने दो रात्रि प्रवास भूतनाथ मंदिर में किया.

विधि विधान से खुले तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा: खुल गए केदारनाथ के कपाट, PM मोदी के नाम की हुई पहली पूजा

वहीं, अंतिम रात्रि प्रवास के लिए 5 मई को डोली चोपता पहुंची और आज सुबह चोपता में विद्वान आचार्यों ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजाएं संपन्न कर भगवान तुंगनाथ समेत तैंतीस कोटी देवी-देवताओं का आह्वान किया. इसके बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली का भव्य श्रृंगार कर आरती उतारी गई. जिसके बाद डोली कैलाश के लिए रवाना हुई.

मखमली बुग्यालों से रवाना होकर धाम पहुंची डोलीः भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश रवाना होने पर भक्तों ने पुष्प, अक्षतों से अगुवाई की और लाल-पीले वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी. डोली के साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी धाम पहुंचे. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर विभिन्न सुरम्य मखमली बुग्यालों से होते हुए धाम पहुंची. जहां भगवान तुंगनाथ के कपाट (Tungnath Dham kapat Open for Pilgrims) वेद ऋचाओं के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए.

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ से पहले भैरवनाथ को दी जाती है पहली पूजा, शीतकाल में केदारपुरी की करते हैं रक्षा

मनोवांछित फल की होती है प्राप्तिः डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित ने बताया कि तृतीय केदारनाथ भगवान तुंगनाथ धाम में शंकर के भुजाओं की पूजा की जाती है. आज विधि-विधान के साथ भगवान केदारनाथ के कपाट खोल दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि भगवान शंकर यह धाम चोपता मोटरमार्ग से महज साढ़े तीन किमी की दूरी है और यहां आकर मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

गौर हो कि आज प्रसिद्ध चारधाम में शुमार केदारनाथ धाम के कपाट (Kedarnath Dham Kapat Open) विधि विधान के साथ सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर खोल दिए गए. करीब 20 हजार श्रद्धालु कड़ाके की ठंड में श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने. इस मौके पर जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे तो वहीं, पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई.

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रुद्रप्रयागः पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट (Tungnath Temple Door Open) आज दोपहर 1 बजे कर्क लग्न में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खोल दिए गए हैं. कपाट खुलने के पावन अवसर पर करीब 10 क्विंटल फूलों से भगवान तुंगनाथ समेत सहायक मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया. भगवान तुंगनाथ के कपाट खुलने के बाद यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लगी है. वहीं, तुंगनाथ धाम श्रद्धालुओं की जयकारों से गुंजायमान रहा.

बता दें कि तुंगनाथ धाम में शंकर भगवान के भुजाओं की पूजा होती है. शीतकाल में भगवान शंकर की पूजा मक्कूमठ स्थित मर्कटेश्वर मंदिर में होती है, जबकि ग्रीष्मकाल में तुंगनाथ धाम में होती है. आज सुबह चोपता में पूजा-अर्चना के बाद बाबा तुंगनाथ की डोली ने धाम के लिए प्रस्थान किया. दोपहर एक बजे डोली तुंगनाथ धाम पहुंची, जहां पहले से मौजूद श्रद्धालुओं ने डोली का भव्य स्वागत किया. बाबा तुंगनाथ की डोली ने अपने शीतकालीन प्रवास मक्कूमठ से 3 मई को प्रस्थान किया था और डोली ने दो रात्रि प्रवास भूतनाथ मंदिर में किया.

विधि विधान से खुले तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट.

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वहीं, अंतिम रात्रि प्रवास के लिए 5 मई को डोली चोपता पहुंची और आज सुबह चोपता में विद्वान आचार्यों ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजाएं संपन्न कर भगवान तुंगनाथ समेत तैंतीस कोटी देवी-देवताओं का आह्वान किया. इसके बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली का भव्य श्रृंगार कर आरती उतारी गई. जिसके बाद डोली कैलाश के लिए रवाना हुई.

मखमली बुग्यालों से रवाना होकर धाम पहुंची डोलीः भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश रवाना होने पर भक्तों ने पुष्प, अक्षतों से अगुवाई की और लाल-पीले वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी. डोली के साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी धाम पहुंचे. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर विभिन्न सुरम्य मखमली बुग्यालों से होते हुए धाम पहुंची. जहां भगवान तुंगनाथ के कपाट (Tungnath Dham kapat Open for Pilgrims) वेद ऋचाओं के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए.

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ से पहले भैरवनाथ को दी जाती है पहली पूजा, शीतकाल में केदारपुरी की करते हैं रक्षा

मनोवांछित फल की होती है प्राप्तिः डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित ने बताया कि तृतीय केदारनाथ भगवान तुंगनाथ धाम में शंकर के भुजाओं की पूजा की जाती है. आज विधि-विधान के साथ भगवान केदारनाथ के कपाट खोल दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि भगवान शंकर यह धाम चोपता मोटरमार्ग से महज साढ़े तीन किमी की दूरी है और यहां आकर मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

गौर हो कि आज प्रसिद्ध चारधाम में शुमार केदारनाथ धाम के कपाट (Kedarnath Dham Kapat Open) विधि विधान के साथ सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर खोल दिए गए. करीब 20 हजार श्रद्धालु कड़ाके की ठंड में श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने. इस मौके पर जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे तो वहीं, पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई.

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Last Updated : May 6, 2022, 5:29 PM IST
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