रुद्रप्रयाग: मौसम विभाग के भारी बारिश के अलर्ट के चलते प्रशासन ने सोमवार को भी सोनप्रयाग और गौरीकुंड से यात्रियों को केदारनाथ जाने से रोके रखा. हालांकि, केदारनाथ से नीचे लौटने वाले यात्रियों को इसमें राहत दी गई. शाम तक कुछ यात्री केदारनाथ से लौटते रहे. जबकि सोमवार को केदारनाथ धाम में करीब 4 हजार यात्री रुके रहे.
जिलेभर में सोमवार को लगातार बारिश के चलते केदारनाथ धाम, यात्रा मार्ग के साथ ही विभिन्न पड़ावों पर यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. केदारनाथ धाम में बारिश के बीच लाइन लगाकर तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए. वहीं, सोनप्रयाग और गौरीकुंड से यात्री न छोड़ने से केदारनाथ में ही मौजूद यात्रियों ने दर्शन किए. जिला प्रशासन के निर्देशों के चलते सड़क मार्ग पर भी अनेक वैरियरों पर पुलिस यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहरने का आग्रह करती रही. कुछ यात्रियों ने सोनप्रयाग और गौरीकुंड में केदारनाथ जाने की जिद की. लेकिन उन्हें मौसम अलर्ट के चलते प्रशासन के निर्देशों से अवगत कराया गया.
केदारनाथ में बारिश के चलते हुई अव्यवस्था के चलते यात्रियों को ठहरने में भी परेशानियां हुई. कड़ाके की ठंड के बीच उन्हें मुश्किलें उठानी पड़ीं. वहीं, सोमवार को केदारनाथ में करीब 4 हजार यात्री रुके रहे. उधर, जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें पैदल मार्ग पर यात्रा न करने का आग्रह किया गया है. मौसम सामान्य होते ही यात्रियों को केदारनाथ जाने की अनुमति दी जाएगी. यात्रियों की सुरक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की जाएगी.
केदारनाथ की पहाड़ियों में बर्फबारी: सोमवार को भी दिनभर जिले के सभी स्थानों पर मूसलाधार बारिश होती रही. केदारनाथ की पहाड़ियों में बर्फबारी शुरू हो गई है, जिससे यहां जोरदार ठंड होने लगी है. मौसम के चलते केदारनाथ में मौजूद तीर्थयात्रियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
मुख्यालय सहित जिले के सभी स्थानों पर रविवार रात से बारिश हो रही है. सोमवार को सुबह से ही बारिश ने गति पकड़ी और दिनभर बदस्तूर जारी रही. बारिश के चलते केदारनाथ में रुके यात्रियों को भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही है. कई यात्रियों को स्वास्थ्य सबंधी दिक्कतें भी हो रही है. केदारनाथ की पहाड़ियों पर बर्फबारी होने से यहां काफी ठंड होने लगी है.
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पैदल मार्ग में केदारनाथ से वापस आने वाले यात्रियों को भी दिक्कतें हो रही हैं. वहीं रुद्रप्रयाग, तिलवाड़ा, मयाली, जखोली, अगस्त्यमुनि, भीरी, ऊखीमठ, गुप्तकाशी, फाटा, सोनप्रयाग, गौरीकुंड और केदारनाथ में लगातार बारिश हो रही है. प्रशासन ने मौसम के अलर्ट को देखते हुए सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रहने को कहा है.
बदरी-केदार हाईवे भी कई जगहों पर रहा बंद: ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में बंद रहा. यहां पत्थर गिरने के कारण घंटों तक हाईवे खोला नहीं जा सका. कई यात्री और लोकल वाहन वैकल्पिक मार्ग से आवाजाही कर रहे हैं. कई जगहों पर भी पत्थर गिरने का खतरा बना रहा. वहीं, केदारनाथ हाईवे पर रुद्रप्रयाग संगम बाजार में बड़ा हादसा होते-होते टल गया. यहां पहाड़ी से पत्थर गिरने का सिलसिला जारी है.
हाईवे पर वाहन जोखिमों के बीच आवाजाही कर रहे हैं. केदारघाटी में भी कई जगहों पर हाईवे पर लोगों को दिक्कतें हुईं. वहीं आधा दर्जन संपर्क मार्गों पर भी बारिश से वाहनों को आवाजाही में परेशानी हुई. हालांकि, प्रशासन ने बंद सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी तैनात करने के निर्देश दिए है.
बाल-बाल बची 5 लोगों की जान: बदरीनाथ हाईवे पर दोपहर के समय पांच लोगों की जान बाल-बाल बच गई. दिल्ली नम्बर की एक कार बदरीनाथ हाईवे पर नरकोटा के समीप अचानक ही बोल्डर की चपेट में आ गई, जिससे वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए लेकिन सभी लोगों की जिंदगी बच गयी. 5 लोगों मे से एक को ज्यादा चोटें आई हैं, जबकि अन्य सभी की हालत सामान्य है.
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बीते दो दिनों से केदारघाटी में लगातार हो रही बारिश के कारण आम जनजीवन त्रस्त हो गया है. केदारनाथ धाम जाने वाले तीर्थयात्री होटलों में कैद होकर रह गये हैं. शासन और प्रशासन के निर्देशानुसार दो दिनों तक यात्रा को अस्थाई रूप से बंद किया गया है.
25 किमी की दूरी का किराया पांच हजार: केदारनाथ धाम से वापस जाने वाले तीर्थ यात्री अपने गंतव्य के लिए प्रस्थान कर रहे हैं. सीतापुर, सोनप्रयाग, गौरीकुंड की स्थिति ऐसी है कि यहां पर रहने के लिए अब कमरे की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. पंजाब से आए यात्री राजबीर ने बताया कि गौरीकुंड से गुप्तकाशी तक का किराया वाहन चालक 5 हजार तक वसूल रहे हैं. उन्होंने बताया कि केवल 25 किलोमीटर की दूरी तय करने की कीमत कई लोग भारी-भरकम धनराशि देकर चुका रहे हैं.
थानाध्यक्ष गुप्तकाशी अजय जाटव ने बताया कि यात्रा पर अस्थाई रूप से रोक लगी है. ऐसे में तीर्थयात्री दो दिनों से होटल में रूके हैं. लगातार बरसात होने के कारण कई स्थान डेंजर जोन में तब्दील हो चुके हैं. इसलिए सुरक्षा के दृष्टिगत तीर्थ यात्रियों को आवाजाही करने के लिए मना किया गया है. कहा कि मौसम के साफ होते ही केदार धाम की यात्रा सुचारू हो पाएगी.