रुद्रप्रयाग: केदारनाथ में यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ने के कारण टोकन व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है. देश-विदेश से आ रहे तीर्थयात्री लंबी कतारों में लगकर भगवान भोले के दर्शन करने को मजबूर हैं. लंबी कतार में लगने के कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं तीर्थयात्री प्रशासन द्वारा की गई अव्यवस्था से खासे नाराज दिखाई दिए. साथ ही श्रद्धालुओं ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की. इस पूरे मामले में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि यात्रियों की संख्या कम होने पर दोबारा टोकन व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी.
बता दें कि 9 मई को भगवान केदारनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के खोल दिए गये थे. कपाट खुलने के समय टोकन सिस्टम भी शुरू किया गया था. लेकिन तीर्थयात्रियों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए प्रशासन ने टोकन व्यवस्था को समाप्त कर दिया है. जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. प्रशासन का कहना है कि एक दिन में केदारनाथ धाम 10 से 20 हजार तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं. जिससे प्रशासन के लिए टोकन व्यवस्था को संचालित करना मुश्किल हो रहा था.
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तीर्थ यात्रियों की बढ़ती संख्या के कारण अब लंबी लाइन लगने लगी है, तीर्थयात्रियों की लाइन दो जगहों से लग रही है. मंदिर के सामने से सरस्वती नदी पुल तक एक किलोमीटर लंबी लाइन देखी जा सकती है. तो वहीं, मंदिर के बगल से मंदाकिनी नदी की ओर से श्रद्धालु कतार में खड़े होकर बाबा के दर्शन का इंतजार कर रहे हैं.
तीर्थयात्रियों का कहना है कि मंदिर और जिला प्रशासन की ओर से लंबी कतार में लगे श्रद्धालुओं की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. पुलिस के जवानों की भी तैनाती नहीं की गई है. जिसके चलते कुछ तीर्थयात्री लाइन के बीच में घुसकर माहौल को खराब करने में लगे हैं.
वहीं, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना कि एक-दो दिन के अंदर तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ने लगी है और मौसम भी केदारनाथ में अत्यधिक खराब है. ऐसे में केदारधाम में टोकन व्यवस्था को रोक दिया गया है. यात्रियों की संख्या कम होने पर फिर से टोकन व्यवस्था को शुरू कर दिया जायेगा.