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देवस्थानम बोर्डः 13 सितंबर को रुद्रप्रयाग में गरजेंगे तीर्थ पुरोहित, 64 गांवों से मिला समर्थन

उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारों धामों के कपाट फिलहाल श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए बंद हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं की चहल-पहल तो गायब है, लेकिन तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों की सरकार के खिलाफ नारेबाजी से धाम गूंज रहे हैं. तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड को भंग करने पर अड़े हैं. अब 13 सितंबर को रुद्रप्रयाग में विशाल प्रदर्शन का ऐलान किया है.

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तीर्थ पुरोहित
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Published : Sep 7, 2021, 4:31 PM IST

Updated : Sep 7, 2021, 5:01 PM IST

रुद्रप्रयागः देवस्थानम बोर्ड के विरोध में डटे तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों का धैर्य अब जवाब देने लगा है. साथ ही सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई में उतर गए हैं. तीर्थ पुरोहितों ने आगामी 13 सितंबर को जिला मुख्यालय में विशाल प्रदर्शन का ऐलान किया है. जिसे लेकर तीर्थपुरोहित इन दिनों केदारघाटी के गांवों में जनसंपर्क में जुटे हुए हैं. उन्हें अभी तक 64 गांवों से समर्थन भी मिल चुका है.

बता दें कि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के गठन हुए दो साल हो चुके हैं. जब से बोर्ड का गठन हुआ है, तब से उत्तराखंड के चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन जारी है. केदारनाथ में भी पुरोहितों का क्रमिक अनशन 24वें दिन भी जारी रहा. इस मौके पर उन्होंने अनशन स्थल से हेलीपैड तक जुलूस भी निकाला. उधर, 13 सितंबर को तीर्थ पुरोहित जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में गरजेंगे. जिसे लेकर तीर्थ पुरोहितों ने व्यापारियों, घोड़ा-खच्चर संचालक और मजदूरों से समर्थन मांगा है.

देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग पर अड़े तीर्थ पुरोहित.

ये भी पढ़ेंः देवस्थानम बोर्ड और भू-कानून मुद्दा सुलझाने में जुटे CM धामी, जानें किस रणनीति पर चल रही सरकार

तीर्थ पुरोहित समाज के लोगों ने मंगलवार को केदारघाटी के रामपुर, फाटा व बड़ासू के लोगों से संवाद कर देवस्थानम बोर्ड के विरोध में समर्थन मांगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने केदारनाथ समेत चारधाम के हक-हकूकधारियों व तीर्थ पुरोहितों से विचार-विमर्श किए बिना देवस्थानम बोर्ड गठित किया है, जो उचित नहीं है. बोर्ड में चारधाम से जुड़े लोगों के हकों की अनदेखी की गई है, जिसका वे विरोध कर रहे हैं. अभी तक केदारघाटी के 64 गांवों के लोग उन्हें अपना समर्थन दे चुके हैं.

ये भी पढ़ेंः गणेश गोदियाल की दो टूक, सत्ता में आए तो हर उस कानून को समाप्त करेंगे जो जनता नहीं चाहती

आगामी 13 सितंबर को देवस्थानम बोर्ड के विरोध में जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में प्रस्तावित विशाल प्रदर्शन में केदारघाटी से दो हजार लोगों के शामिल होंगे. साथ ही कहा कि प्रदेश की धामी सरकार भी देवस्थानम बोर्ड को लेकर गंभीर नहीं है. तीर्थ पुरोहितों को सिर्फ झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं. तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड के विरोध में गांव-गांव जाकर जन समर्थन जुटा रहे हैं. जिसमें युवाओं के साथ ही महिलाओं व बुजुर्गों का समर्थन मिल रहा है.

ये भी पढ़ेंः बदरीनाथ धाम के तीर्थपुरोहितों ने पकड़ी अनशन की राह, दर्शन करने वालों को पुलिस ने रोका

ठेकेदारी प्रथा में चलाया जा रहा रोजगारः वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित सुमंत तिवाड़ी ने कहा कि बीजेपी सरकार तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों के हकों के साथ खिलवाड़ कर रही है. केदारघाटी के सभी प्रकार के रोजगार को ठेकेदारी प्रथा के माध्यम से चलाया जा रहा है. उन्होंने आम जनता से अपील की है कि देवस्थानम बोर्ड एक्ट के विरोध में आंदोलन के लिए बड़ी संख्या में शामिल होकर सरकार के खिलाफ मुखर हो जाएं.

चारधाम यात्रा व्यवस्था को बदलने की साजिशः वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों ने अनशन स्थल पर बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा व्यवस्था को बदलने की साजिश के तहत बोर्ड का गठन किया है, जो उन्हें मंजूर नहीं है. जब तक सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं करती, आंदोलन जारी रहेगा.

रुद्रप्रयागः देवस्थानम बोर्ड के विरोध में डटे तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों का धैर्य अब जवाब देने लगा है. साथ ही सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई में उतर गए हैं. तीर्थ पुरोहितों ने आगामी 13 सितंबर को जिला मुख्यालय में विशाल प्रदर्शन का ऐलान किया है. जिसे लेकर तीर्थपुरोहित इन दिनों केदारघाटी के गांवों में जनसंपर्क में जुटे हुए हैं. उन्हें अभी तक 64 गांवों से समर्थन भी मिल चुका है.

बता दें कि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के गठन हुए दो साल हो चुके हैं. जब से बोर्ड का गठन हुआ है, तब से उत्तराखंड के चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन जारी है. केदारनाथ में भी पुरोहितों का क्रमिक अनशन 24वें दिन भी जारी रहा. इस मौके पर उन्होंने अनशन स्थल से हेलीपैड तक जुलूस भी निकाला. उधर, 13 सितंबर को तीर्थ पुरोहित जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में गरजेंगे. जिसे लेकर तीर्थ पुरोहितों ने व्यापारियों, घोड़ा-खच्चर संचालक और मजदूरों से समर्थन मांगा है.

देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग पर अड़े तीर्थ पुरोहित.

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तीर्थ पुरोहित समाज के लोगों ने मंगलवार को केदारघाटी के रामपुर, फाटा व बड़ासू के लोगों से संवाद कर देवस्थानम बोर्ड के विरोध में समर्थन मांगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने केदारनाथ समेत चारधाम के हक-हकूकधारियों व तीर्थ पुरोहितों से विचार-विमर्श किए बिना देवस्थानम बोर्ड गठित किया है, जो उचित नहीं है. बोर्ड में चारधाम से जुड़े लोगों के हकों की अनदेखी की गई है, जिसका वे विरोध कर रहे हैं. अभी तक केदारघाटी के 64 गांवों के लोग उन्हें अपना समर्थन दे चुके हैं.

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आगामी 13 सितंबर को देवस्थानम बोर्ड के विरोध में जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में प्रस्तावित विशाल प्रदर्शन में केदारघाटी से दो हजार लोगों के शामिल होंगे. साथ ही कहा कि प्रदेश की धामी सरकार भी देवस्थानम बोर्ड को लेकर गंभीर नहीं है. तीर्थ पुरोहितों को सिर्फ झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं. तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड के विरोध में गांव-गांव जाकर जन समर्थन जुटा रहे हैं. जिसमें युवाओं के साथ ही महिलाओं व बुजुर्गों का समर्थन मिल रहा है.

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ठेकेदारी प्रथा में चलाया जा रहा रोजगारः वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित सुमंत तिवाड़ी ने कहा कि बीजेपी सरकार तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों के हकों के साथ खिलवाड़ कर रही है. केदारघाटी के सभी प्रकार के रोजगार को ठेकेदारी प्रथा के माध्यम से चलाया जा रहा है. उन्होंने आम जनता से अपील की है कि देवस्थानम बोर्ड एक्ट के विरोध में आंदोलन के लिए बड़ी संख्या में शामिल होकर सरकार के खिलाफ मुखर हो जाएं.

चारधाम यात्रा व्यवस्था को बदलने की साजिशः वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों ने अनशन स्थल पर बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा व्यवस्था को बदलने की साजिश के तहत बोर्ड का गठन किया है, जो उन्हें मंजूर नहीं है. जब तक सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं करती, आंदोलन जारी रहेगा.

Last Updated : Sep 7, 2021, 5:01 PM IST
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