रुद्रप्रयाग: केदारनाथ में देवस्थानम बोर्ड को निरस्त करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों का मौन विरोध दूसरे दिन भी जारी रहा. तीर्थ पुरोहितों ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा दिए गए बयान पर आक्रोश जताया है. गुप्तकाशी में आक्रोशित तीर्थ पुरोहितों ने पर्यटन मंत्री का पुतला दहन कर जमकर नारेबाजी की. वहीं, बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि बोर्ड के गठन की अधिसूचना जारी होने के बाद से हक हकूकधारी विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. तीर्थ पुरोहितों ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि बिना हक हकूकधारी और तीर्थपुरोहितों को विश्वास में लिए इस बोर्ड का गठन किया गया है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि सीएम बनते ही बोर्ड पर पुनर्विचार करेंगे, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
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वहीं, पंच पंडा रुद्रपुर श्री केदारनाथ सभा का कहना है कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार की नीति हिन्दू विरोधी है. बिना हक हकूकधारियों को विश्वास में लिए बोर्ड का गठन किया जाना चारों धाम के लिए विनाशकारी कदम है. केदारनाथ धाम में आपदा के बाद से लेकर आज तक उदक कुंड समेत कई अन्य धार्मिक मंदिरों का निर्माण नहीं किया हो पाया. सरकार का ध्यान बस देवस्थानम बोर्ड के विस्तारीकरण में ही लगा हुआ है. उधर तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि जब तक प्रदेश सरकार बोर्ड को निरस्त नहीं करती, तब तक धाम में मौन विरोध जारी रहेगा.