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गजब! वनाधिकारी के आवास के बाहर से चंदन के 8 पेड़ों को काटकर ले गया 'पुष्पा', भनक तक नहीं लगी

White Sandalwood Cutting in Rudraprayag रुद्रप्रयाग में 'पुष्पा' स्टाइल में तस्करों ने सफेद चंदन के 8 पेड़ों पर आरी चला दी. जिसकी भनक वनाधिकारियों को जरा सी भी तक नहीं लगी. इधर, तमाम वनकर्मी और चौकीदार आराम से सोते रहे. उधर, तस्कर बेशकीमती चंदन को काटकर रफूचक्कर हो गए. खास बात ये थी कि चंदन के पेड़ प्रभागीय वनाधिकारी के आवास के बाहर खड़े थे. इसके अलावा सीसीटीवी भी खराब पड़ा हुआ था. ऐसे में वनाधिकारी की मुस्तैदी कटघरे में आ गई है.

Sandalwood Cutting in Rudraprayag
रुद्रप्रयाग चंदन के पेड़ कटान
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 26, 2023, 12:34 PM IST

रुद्रप्रयागः इन दिनों रुद्रप्रयाग जिले में सफेद चंदन की तस्करी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. जहां वन महकमे की नाक के नीचे से तस्कर सफेद चंदन की लकड़ी उड़ा ले गए. जिसकी भनक वनाधिकारी को तक नहीं लगी. महकमा चैन की नींद सोया रहा. आलम ये है कि यहां तीसरी आंख की नजर ने भी चोरों का पूरा साथ दिया. वहीं, अब वन विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप भी लग रहा है.

वनाधिकारी के आवास के बाहर से चंदन के पेड़ काट ले गए तस्कर: बता दें कि बीते 18 दिसंबर की रात को तस्करों ने वन विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु के आवास से बेशकीमती चंदन के 8 पेड़ों पर हाथ साफ कर दिया. इस बात की भनक न ही प्रभागीय वनाधिकारी को लगी और न ही चौकीदार को. तस्कर आराम से रात को आए और चंदन की लकड़ी को काटकर ले गए. यहां तक कि तस्करों का तीसरी आंख ने भी पूरा साथ दिया.

सीसीटीवी भी पड़ा था खराब, सोए रहे वनकर्मी और चौकीदार: जहां चंदन के पेड़ों को काटा गया, वहां का सीसीटीवी खराब बताया जा रहा है. यानि पहले से ही तस्करों को पता था कि तीसरी आंख की नजर उन पर नहीं रहने वाली है. ऐसे में वो आराम से चंदन की लकड़ी को चुरा ले जाएंगे और कड़ाके की ठंड में प्रभागीय वनाधिकारी और चौकीदार सोए रहेंगे.

यह बात अब किसी को हजम नहीं हो रही है कि आखिर कैसे प्रभागीय वनाधिकारी और चौकीदार के होने के बावजूद भी तस्कर चंदन के पेड़ को काटकर ले गए. आखिर पहले से ही खराब सीसीटीवी कैमरों को ठीक क्यों नहीं करवाया गया? सभी सवालों के उठने के बाद एक सवाल ये भी जनता के मुंह से सुनाई दे रहा है कि तस्करों ने आरा मशीन से चंदन की लकड़ियां काटी हैं और चौकीदार के साथ ही प्रभागीय वनाधिकारी क्यों चैन की नींद में सोए रहे?
ये भी पढ़ेंः रामनगर में 'पुष्पा' चला रहा पेड़ों पर आरी, काट डाले चंदन के दो पेड़

कांग्रेस ने वन महकमे की मुस्तैदी पर उठाए सवाल: एक रात में 8 पेड़ों का कटना और किसी को भी भनक न लगना, लोगों के गले से नहीं उतर रहा है. ऐसे में विपक्ष भी अब हमलावर नजर आ रहा है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने बयान जारी कर कहा है कि प्रभागीय वनाधिकारी के आवास से चंदन की तस्करी करना, किसी भी व्यक्ति के गले से नहीं उतर रहा है. एक रात में ही लाखों की चोरी हो गई.

अपने आवास में खड़े पेड़ों को नहीं बचा पाए, जंगल क्या बचाएंगे: चंदन के 8 पेड़ों की कीमत लाखों में होने के बावजूद भी आखिर क्यों सीसीटीवी कैमरों को ठीक नहीं करवाया गया? उन्होंने कहा कि आम जनता में एक सवाल बना है कि प्रभागीय वनाधिकारी जब अपने आवास की सुरक्षा करने में नाकाम हैं और एक रात में लाखों की चंदन की तस्करी करवा दी, ऐसे में जंगल किस तरीके सुरक्षित रहेंगे?

कांग्रेस प्रवक्ता सूरज नेगी ने आरोप लगाया कि इसमें वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत भी हो सकती है. ऐसे में चंदन के पेड़ों की कटाई की जांच में अब जिला प्रशासन को हस्तक्षेप करना चाहिए. इस मामले में डीएफओ पर जांच होनी चाहिए. वन विभाग मे लगे सीसीटीवी का इस तरह से खराब रहना, वन विभाग को कठघरे में खड़ा करता है. जब विभाग अपने आंगन में खड़े पेड़ों को नहीं बचा पाया, जंगल का क्या बचा ही बचा पाएंगे?

मामले में जांच चल रही है. यह काम प्रदेश से बाहर के चंदन तस्करों का लग रहा है. चंदन के पेड़ों को काटे जाने की सूचना मिलते ही रिपोर्ट दर्ज करवा दी गई थी. विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों से भी पूछताछ चल रही है. इस मामले में विभिन्न स्तर से जांच की जा रही है. -अभिमन्यु, प्रभागीय वनाधिकारी, रुद्रप्रयाग

रुद्रप्रयागः इन दिनों रुद्रप्रयाग जिले में सफेद चंदन की तस्करी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. जहां वन महकमे की नाक के नीचे से तस्कर सफेद चंदन की लकड़ी उड़ा ले गए. जिसकी भनक वनाधिकारी को तक नहीं लगी. महकमा चैन की नींद सोया रहा. आलम ये है कि यहां तीसरी आंख की नजर ने भी चोरों का पूरा साथ दिया. वहीं, अब वन विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप भी लग रहा है.

वनाधिकारी के आवास के बाहर से चंदन के पेड़ काट ले गए तस्कर: बता दें कि बीते 18 दिसंबर की रात को तस्करों ने वन विभाग के प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु के आवास से बेशकीमती चंदन के 8 पेड़ों पर हाथ साफ कर दिया. इस बात की भनक न ही प्रभागीय वनाधिकारी को लगी और न ही चौकीदार को. तस्कर आराम से रात को आए और चंदन की लकड़ी को काटकर ले गए. यहां तक कि तस्करों का तीसरी आंख ने भी पूरा साथ दिया.

सीसीटीवी भी पड़ा था खराब, सोए रहे वनकर्मी और चौकीदार: जहां चंदन के पेड़ों को काटा गया, वहां का सीसीटीवी खराब बताया जा रहा है. यानि पहले से ही तस्करों को पता था कि तीसरी आंख की नजर उन पर नहीं रहने वाली है. ऐसे में वो आराम से चंदन की लकड़ी को चुरा ले जाएंगे और कड़ाके की ठंड में प्रभागीय वनाधिकारी और चौकीदार सोए रहेंगे.

यह बात अब किसी को हजम नहीं हो रही है कि आखिर कैसे प्रभागीय वनाधिकारी और चौकीदार के होने के बावजूद भी तस्कर चंदन के पेड़ को काटकर ले गए. आखिर पहले से ही खराब सीसीटीवी कैमरों को ठीक क्यों नहीं करवाया गया? सभी सवालों के उठने के बाद एक सवाल ये भी जनता के मुंह से सुनाई दे रहा है कि तस्करों ने आरा मशीन से चंदन की लकड़ियां काटी हैं और चौकीदार के साथ ही प्रभागीय वनाधिकारी क्यों चैन की नींद में सोए रहे?
ये भी पढ़ेंः रामनगर में 'पुष्पा' चला रहा पेड़ों पर आरी, काट डाले चंदन के दो पेड़

कांग्रेस ने वन महकमे की मुस्तैदी पर उठाए सवाल: एक रात में 8 पेड़ों का कटना और किसी को भी भनक न लगना, लोगों के गले से नहीं उतर रहा है. ऐसे में विपक्ष भी अब हमलावर नजर आ रहा है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने बयान जारी कर कहा है कि प्रभागीय वनाधिकारी के आवास से चंदन की तस्करी करना, किसी भी व्यक्ति के गले से नहीं उतर रहा है. एक रात में ही लाखों की चोरी हो गई.

अपने आवास में खड़े पेड़ों को नहीं बचा पाए, जंगल क्या बचाएंगे: चंदन के 8 पेड़ों की कीमत लाखों में होने के बावजूद भी आखिर क्यों सीसीटीवी कैमरों को ठीक नहीं करवाया गया? उन्होंने कहा कि आम जनता में एक सवाल बना है कि प्रभागीय वनाधिकारी जब अपने आवास की सुरक्षा करने में नाकाम हैं और एक रात में लाखों की चंदन की तस्करी करवा दी, ऐसे में जंगल किस तरीके सुरक्षित रहेंगे?

कांग्रेस प्रवक्ता सूरज नेगी ने आरोप लगाया कि इसमें वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत भी हो सकती है. ऐसे में चंदन के पेड़ों की कटाई की जांच में अब जिला प्रशासन को हस्तक्षेप करना चाहिए. इस मामले में डीएफओ पर जांच होनी चाहिए. वन विभाग मे लगे सीसीटीवी का इस तरह से खराब रहना, वन विभाग को कठघरे में खड़ा करता है. जब विभाग अपने आंगन में खड़े पेड़ों को नहीं बचा पाया, जंगल का क्या बचा ही बचा पाएंगे?

मामले में जांच चल रही है. यह काम प्रदेश से बाहर के चंदन तस्करों का लग रहा है. चंदन के पेड़ों को काटे जाने की सूचना मिलते ही रिपोर्ट दर्ज करवा दी गई थी. विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों से भी पूछताछ चल रही है. इस मामले में विभिन्न स्तर से जांच की जा रही है. -अभिमन्यु, प्रभागीय वनाधिकारी, रुद्रप्रयाग

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