रुद्रप्रयाग: पिछले तीन दशक से नासूर बनी सिरोबगड़ की पहाड़ी फिर से दरकने लगी है.पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा आ रहा है.काफी लम्बे समय से यहां पर पहाड़ी शांत बैठी थी. अब लगातार हो रही बारिश के बाद पहाड़ी फिर से सक्रिय हो गई हैं .
पहाड़ी के सक्रिय होने से तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय जनता को परेशानी होती है.शुक्रवार शाम सिरोबगड़ की पहाड़ी से मलबा आने से राजमार्ग बंद हो गया.मलबा आने से सिरोबगड़ में घंटों जाम की स्थिति पैदा हो जाती है. राजमार्ग को खोलने में विभाग को दो घंटे का समय लग गया.
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पहाड़ी के ऊपर छांतीखाल गांव है, जहां लोग निवास करते हैं. यहां के ग्रामीण आज भी पुनर्वास की बाट जोह रहे हैं. पुनर्वास न होने से ग्रामीण मौत के साये में जीवन यापन करने को मजबूर हैं.राजमार्ग के स्थाई ट्रीटमेंट को लेकर भले ही अब पपड़ासू से खांखरा बाईपास का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इसे बनने में काफी लम्बा समय लग जायेगा. ऐसे में तीर्थयात्रियों को बरसात के दिनों में सिरोबगड़ में दिक्कतें झेलनी होंगी.