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फिर से सक्रिय होने लगा सिरोबगड़ स्लाइड जोन,डर के साये में जीने को मजबूर ग्रामीण

सिरोबगड़ की पहाड़ी फिर से दरकने लगी है.शुक्रवार सांय सिरोबगड़ की पहाड़ी से मलबा आने से राजमार्ग बंद हो गया.छांतीखाल गांव के लोग आज भी पुनर्वास की बाट जोह रहे हैं.

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Published : Jul 26, 2019, 11:54 PM IST

एक बार फिर से सक्रिय होने लगा सिरोबगड़ स्लाइड जोन.

रुद्रप्रयाग: पिछले तीन दशक से नासूर बनी सिरोबगड़ की पहाड़ी फिर से दरकने लगी है.पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा आ रहा है.काफी लम्बे समय से यहां पर पहाड़ी शांत बैठी थी. अब लगातार हो रही बारिश के बाद पहाड़ी फिर से सक्रिय हो गई हैं .

पहाड़ी के सक्रिय होने से तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय जनता को परेशानी होती है.शुक्रवार शाम सिरोबगड़ की पहाड़ी से मलबा आने से राजमार्ग बंद हो गया.मलबा आने से सिरोबगड़ में घंटों जाम की स्थिति पैदा हो जाती है. राजमार्ग को खोलने में विभाग को दो घंटे का समय लग गया.

यह भी पढ़े-मुख्यमंत्री के उल्टे-पुल्टे बयान, नेताओं के ज्ञान से सकते में 'विज्ञान'

पहाड़ी के ऊपर छांतीखाल गांव है, जहां लोग निवास करते हैं. यहां के ग्रामीण आज भी पुनर्वास की बाट जोह रहे हैं. पुनर्वास न होने से ग्रामीण मौत के साये में जीवन यापन करने को मजबूर हैं.राजमार्ग के स्थाई ट्रीटमेंट को लेकर भले ही अब पपड़ासू से खांखरा बाईपास का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इसे बनने में काफी लम्बा समय लग जायेगा. ऐसे में तीर्थयात्रियों को बरसात के दिनों में सिरोबगड़ में दिक्कतें झेलनी होंगी.

रुद्रप्रयाग: पिछले तीन दशक से नासूर बनी सिरोबगड़ की पहाड़ी फिर से दरकने लगी है.पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा आ रहा है.काफी लम्बे समय से यहां पर पहाड़ी शांत बैठी थी. अब लगातार हो रही बारिश के बाद पहाड़ी फिर से सक्रिय हो गई हैं .

पहाड़ी के सक्रिय होने से तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय जनता को परेशानी होती है.शुक्रवार शाम सिरोबगड़ की पहाड़ी से मलबा आने से राजमार्ग बंद हो गया.मलबा आने से सिरोबगड़ में घंटों जाम की स्थिति पैदा हो जाती है. राजमार्ग को खोलने में विभाग को दो घंटे का समय लग गया.

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पहाड़ी के ऊपर छांतीखाल गांव है, जहां लोग निवास करते हैं. यहां के ग्रामीण आज भी पुनर्वास की बाट जोह रहे हैं. पुनर्वास न होने से ग्रामीण मौत के साये में जीवन यापन करने को मजबूर हैं.राजमार्ग के स्थाई ट्रीटमेंट को लेकर भले ही अब पपड़ासू से खांखरा बाईपास का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इसे बनने में काफी लम्बा समय लग जायेगा. ऐसे में तीर्थयात्रियों को बरसात के दिनों में सिरोबगड़ में दिक्कतें झेलनी होंगी.

Intro:एक बार फिर से सक्रिय होने लगा सिरोबगड़ स्लाइड जोन
चमोली व रुद्रप्रयाग जिले के साथ यात्रियों के नासूर बना सिरोबगड़
सिरोबगड़ में दो घंटे बंद रहा राजमार्ग, यात्री परेशान
पिछले तीन दशक से आफत बरसा रही है पहाड़ी
रुद्रप्रयाग। पिछले तीन दशक से रुद्रप्रयाग व चमोली जिले की जनता के साथ ही चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए नासूर बने सिरोबगड़ की पहाड़ी फिर से दरकने लगी है। काफी लम्बे समय से यहां पर पहाड़ी शांत बैठी थी कि अब लगातार हो रही बारिश के बाद पहाड़ी सक्रिय हो गई हैं। ऐसे में तीर्थयात्री एवं स्थानीय जनता परेशान होने लगी है। शुक्रवार सांय सिरोबगड़ की पहाड़ी से मलबा आने से राजमार्ग बंद हो गया, जिसे खोलने में विभाग को दो घंटे का समय लग गया। Body:दरअसल, श्रीनगर-रुद्रप्रयाग राजमार्ग के बीच सिरोबगड़ की पहाड़ी फिर से बरसने लगी है। पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा आ रहा है। पहाड़ी के ऊपर छांतीखाल गांव है, जहां ग्रामीण लोग निवास करते हैं। यहां के ग्रामीण आज भी पुनर्वास की बाट जोह रहे हैं। पुनर्वास न होने से ग्रामीण मौत के साये में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। शुक्रवार सांय साढ़े चार बजे सिरोबगड़ में मलबा आने से राजमार्ग बंद हो गया, जिसे हटाने में विभाग को दो घंटे का समय लग गया। पिछले तीन दशक से सिरोबगड़ रुद्रप्रयाग-चमोली की जनता के साथ ही चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सिरदर्द बना है। यहां पर बरसात के दिनों में पहाड़ी से मलबा आना आम बात हो गई है। मलबा आने से सिरोबगड़ में घंटों जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। राजमार्ग के स्थाई ट्रीटमेंट को लेकर भले ही अब पपड़ासू से खांखरा बाईपास का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इसे बनने में काफी लम्बा समय लग जायेगा। ऐसे में तीर्थयात्रियों को बरसात के दिनों में सिरोबगड़ में दिक्कतें झेलनी होंगी। Conclusion:null
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