रुद्रप्रयाग: ज्योतिष पीठ (Jyotish Peeth Shankaracharya) के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati) ने जसोली क्षेत्र में पहुंचकर पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली (Environmentalist Jagat Singh Junglee) के मिश्रित वन की प्रशंसा की. एक कार्यक्रम में हरियाली क्षेत्र में आए शंकराचार्य ने इस भूमि को दिव्य भूमि बताया. साथ ही यहां एक स्वयं स्फटिक शिवलिंग की पूजा अर्चना की. यहां उन्होंने जगत सिंह द्वारा तैयार बदरीकाश्रम को भी देखा और कुछ देर यहां विश्राम किया.
बीते दिन शंकराचार्य जसोली स्थित कोट तल्ला पहुंचे. इस मौके पर ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वारनंद सरस्वती ने कहा कि सीमित संसाधनों में जंगली द्वारा मिश्रित वन का एक अद्भुत मॉडल देश और विदेश के सम्मुख प्रस्तुत किया गया है. यह देश ही नहीं अपितु विदेशों के वैज्ञानिकों के लिए भी शोध का केंद्र है. उन्होंने कहा कि जगत सिंह जंगली द्वारा उन्हें 12 वर्ष पूर्व अपने मिश्रित जंगल में आने का न्यौता दिया गया था. आज इसी के चलते वह यहां पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने यहां स्वयं स्फटिक शिवलिंग का दुग्धाभिषेक, जलाभिषेक कर पूजन किया. इधर, हरियाली मंदिर समिति द्वारा शंकराचार्य का स्वागत किया गया और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा. शंकराचार्य ने कहा कि यह आदिगुरु शंकराचार्य से जुड़े महत्व के स्थान हैं. इन स्थानों का पुनरुद्वार और विकास के लिए सार्थक प्रयास होने चाहिए.
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इस मौके पर रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी (Rudraprayag MLA Bharat Singh Chowdhary) ने शंकराचार्य का स्वागत किया. साथ ही इसे इस क्षेत्र के लिए गौरव की बात बताया कि धर्म, आध्यात्म के पुरोधा इस क्षेत्र में पहुंचे हैं. उन्होंने समस्त क्षेत्रीय जनता की ओर से शंकराचार्य का स्वागत और आभार जताया. इसके बाद शंकराचार्य शिक्षक एवं पर्यावरण प्रेमी सतेंद्र भंडारी के कार्यों को देखने पहुंचे. उन्होंने सतेंद्र भंडारी के प्रयासों की भी सराहना की. इस मौके पर जगत सिंह जंगली द्वारा शंकराचार्य की मौजूदगी में डॉ. बृजेश सती को सम्मानित किया गया. इस मौके पर रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी, मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, सहजानंद ब्रब्रह्मचारी, डॉ. बृजेश सती, गंगोत्री मंदिर समिति के सदस्य सुरेश सेमवाल, अनिरुद्ध उनियाल, उमेश सती, चंडी प्रसाद तिवारी, पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली, देवराघवेंद्र बद्री, पर्यावरण प्रेमी एवं शिक्षक सतेंद्र भंडारी सहित ग्रामीण शामिल रहे.